मंडल स्तर पर 30 नवंबर तक हो जाएगा भारतीय जनता पार्टी के संगठन का विस्तार
- भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ से झज्जर दैनिक जागरण कार्यालय में बातचीत
- भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ से झज्जर दैनिक जागरण कार्यालय में बातचीत
- बरोदा में भाजपा-जजपा ने मिलकर बढि़या ढंग से लड़ा चुनाव - इधर, कांग्रेस में हुड्डा पिता-पुत्र ने अपनों को अपनों से अलग करने का बनाया माहौल फोटो : 24 से 26 जागरण संवाददाता, झज्जर : प्रदेश में जननायक जनता पार्टी के साथ सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी बरोदा के उप-चुनाव में विजय-श्री से एक कदम दूर रह गई। चुनाव परिणाम के मंथन का दौर चल रहा है। हालांकि, भाजपा के नेता चुनाव में मिले मतों को लेकर काफी हद तक संतोष जरुर व्यक्त कर रहे हैं। कहना है कि पहले से वोट फीसद बढ़ा है। लेकिन, उप-चुनाव को लेकर हुड्डा पिता-पुत्र द्वारा बनाया गया माहौल उन्हें जरूर अखर रहा हैं। प्रदेश भाजपा के संगठनात्मक विस्तार सहित अन्य विषयों को लेकर प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ से दैनिक जागरण कार्यालय में विशेष बातचीत की गई। जिसमें उन्होंने बताया कि आने वाले समय में किस तरह से गतिविधियां जमीनी स्तर पर गति पकड़ेगी। धनखड़ के साथ मुख्य तौर पर जिलाध्यक्ष विक्रम कादियान, महामंत्री अनिल शर्मा, पवन छिल्लर, मनीष बंसल, लीलू लाडपुर, नरेंद्र जाखड़, सुभाष देशवाल आदि मुख्य रुप से मौजूद रहे। प्रश्न : संगठनात्मक स्तर पर गतिविधियां किस तरह से चल रही है।
- प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेवारी मिलने के बाद नए जिलाध्यक्ष संगठन को मिल गए हैं। 30 नवंबर तक मंडल स्तर पर संगठन का विस्तार संभवत: हो जाएगा। जिसमें प्रदेश पदाधिकारी सहित अन्य अह्म पद भी शामिल हैं।
प्रश्न : एक साल से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी कांग्रेस संगठन का विस्तार नहीं कर पाई है।
- दरअसल, कांग्रेस की संस्कृति और भाजपा की संस्कृति मेल नहीं खाती। हमारे यहां राष्ट्रहित और कार्यकर्ता का सम्मान सर्वोपरि हैं। इसीलिए, तैयार हो रही नई टीम के प्रशिक्षण की तैयारियां भी शुरु हो रही है। ताकि, नई टीम की हर कड़ी को अपनी जिम्मेवारी का अहसास हो सके। जो लोग उन्हें प्रशिक्षण देंगे, उनके लिए भी मंगलवार से विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम रखे जा रहे हैं। मंडल स्तर तक यह पूरी प्रक्रिया देखने को मिलेगी। हजारों कार्यकर्ताओं की टीम बहुत जल्द एक नए कलेवर में पार्टी की नीतियों के साथ सेवा में जुटेंगी।
प्रश्न : बरोदा में चुनाव परिणाम पार्टी के हक में क्यों नहीं आ पाए।
- पहले से वोट फीसद बढ़ा है। भाजपा और जजपा दोनों ने बढि़या ढंग से मिलकर चुनाव लड़ा है। 2019 के चुनाव की परिस्थितियां अलग थी। जजपा से दिग्विजय चौटाला भी उस क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं। जो मत उन्हें मिले थे, वह भी सभी को मालूम है। कुल मिलाकर, हर चुनाव के अपने समीकरण होते है। पहले से वोट बढ़कर आए है।
प्रश्न : योगेश्वर दत्त जैसे उम्मीदवार की हार और अभिमन्यु की हत्या वाला बयान बहुत ज्यादा चर्चा में है।
- दरअसल, योगेश्वर दत्त जैसी प्रतिभाओं पर पूरे प्रदेश को नाज है। कभी उन लोगों को भी नाज हुआ करता था। जिन्होंने मौजूदा समय में अपनों को अपनों से अलग करने का माहौल बनाया। जो कि उचित नहीं है। हुड्डा पिता-पुत्र ने जिस तरह से प्रचार किया। वह शोभा नहीं देता। महान लोगों के कार्य को सलाम किया जाता है। योगेश्वर दत्त के कद और प्रतिष्ठा को देखते हुए उन्हें वॉकओवर दिया जाना चाहिए था।
प्रश्न : क्षेत्र के होने वाले विकास कार्य और कार्यकर्ताओं के स्तर पर आने वाले फीडबैक पर कैसे कार्य हो रहा है।
- पूरे प्रदेश में विकास कार्य एक समान हो रहे हैं। कार्यकर्ताओं के स्तर पर दिए जाने वाले फीडबैक को भाजपा में पूरा मान-सम्मान मिलता है। किसी भी कार्यकर्ता की नाराजगी का प्रश्न ही नहीं उठता।