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धूमधाम से मनाया गया भैया दूज पर्व, बस स्टैंड पर कम देखने को मिली भीड़

- ग्रामीण अंचल में भी उत्साह के साथ बहनों ने किया भाई का तिलक

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 06:55 AM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 06:55 AM (IST)
धूमधाम से मनाया गया भैया दूज पर्व, बस स्टैंड पर कम देखने को मिली भीड़
धूमधाम से मनाया गया भैया दूज पर्व, बस स्टैंड पर कम देखने को मिली भीड़

- ग्रामीण अंचल में भी उत्साह के साथ बहनों ने किया भाई का तिलक

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- यमुना में स्नान का विशेष महत्व फोटो : 19 तथा 20 जागरण संवाददाता, झज्जर : बहन-भाई के प्रेम का प्रतीक भाई दूज का पर्व सोमवार को जिलेभर में धूमधाम से मनाया गया। बहनों ने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु की कामना की, वहीं भाइयों ने भी बहनों को उपहार भेंट कर उनके प्रति प्रेम को दर्शाया। सुबह ही घरों में पर्व की धूम शुरू हो गई थी। कोरोना महामारी के समय में बस स्टैंड पर अन्य वर्षों की तुलना में भीड़ कम देखने को मिली। लोगों ने पावन मौके पर अपने वाहनों से यात्रा करना ज्यादा मुनासिब समझा। इधर, प्राचीन परंपरा के अनुसार बहनों ने भाइयों को तिलक लगाने के बाद नारियल के गोले तथा फल आदि भेंट किए। शहर के बाजारों में जमकर खरीदारी की गई। बॉक्स : ग्रामीण क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में लोग शहर के बाजारों में खरीदारी करने के लिए पहुंचे। उल्लेखनीय है कि दीपावली से पहले ही लोगों ने दीपावली के साथ-साथ भाई दूज की तैयारी भी शुरू कर दी थी। जिला मुख्यालय सहित बेरी, छुछकवास, बादली, माछरौली, साल्हावास, मातनहेल आदि में क्षेत्रों में भी बहनों ने परिवार सहित पहुंचते हुए अपने भाई के माथे पर तिलक लगाते हुए लंबी आयु की कामना की। बॉक्स : पंडित वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि यम द्वितीया हिन्दूओं का प्रमुख त्यौहार है और भाई दूज भी कहा जाता है। यम द्वितीया कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है। पवित्र पर्व पर कार्तिक सुदी दौज को मथुरा के विश्राम घाट पर भाई-बहन हाथ पकड़कर एक दूसरे के साथ स्नान करने की मान्यता है। चली आ रही रवायत के मुताबिक आज के दिन जो भाई-बहन यमुना में स्नान करते हैं, यम उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं। यम द्वितीया के दिन यमुना नदी में स्नान का खास महत्व है। यमुना में पवित्र जल में स्नान के बाद दोपहर में बहन के घर जाकर भोजन करके कुछ उपहार दिया जाता है। इस दिन बहन के घर भोजन करने और उसे उपहार देने से सम्मान में वृद्धि होती है। आजकल व्यस्त जीवनशैली में इस त्यौहार पर परिवार का मिलना भी अच्छा होता है। इस दिन अगर अपनी बहन न हो तो ममेरी, फुफेरी या मौसेरी बहनों को उपहार देकर ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। जैसा कि लोगों ने किया भी। शर्मा के मुताबिक जो पुरुष यम द्वितीया को बहन के हाथ का खाना खाता है, उसे धर्म, धन, अर्थ, आयुष्य और विविध प्रकार के सुख मिलते हैं। साथ ही यम द्वितीय के दिन शाम को घर में बत्ती जलाने से पहले घर के बाहर चार बत्तियों से युक्त दीपक जलाकर दीप-दान करना भी फलदायी होता है।


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