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बूंदाबांदी हो या आंधी, आढ़ती हो रहे परेशान

जागरण संवाददाता झज्जर शुक्रवार सुबह के समय जिलेभर में बूंदाबांदी हुई। बूंदाबांदी के दौ

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Apr 2021 06:51 AM (IST)Updated: Sat, 24 Apr 2021 06:51 AM (IST)
बूंदाबांदी हो या आंधी, आढ़ती हो रहे परेशान
बूंदाबांदी हो या आंधी, आढ़ती हो रहे परेशान

जागरण संवाददाता, झज्जर : शुक्रवार सुबह के समय जिलेभर में बूंदाबांदी हुई। बूंदाबांदी के दौरान खुले में रखा गेहूं भीग गया। जैसे ही मौसम बदला और बूंदाबांदी शुरू हुई तो आढ़ती व मजदूर गेहूं को ढकने का प्रयास करने लगे। लेकिन, अनाज मंडी में खुले आसमान के नीचे रखे पूरे गेहूं को ढकने में सफल नहीं हो पाए। जो गेहूं खुला रह गया वह भीगा भी। बूंदाबांदी से भीगने के कारण अधिक नुकसान की संभावना नहीं है। केवल उसी जगह पर नुकसान हो सकता है, जहां जलभराव की स्थिति बनी है। मंडी के निचले इलाकों में जलभराव के कारण गेहूं में नुकसान की भी संभावना है। पिछले कई दिनों से मौसम परिवर्तनशील चल रहा है और बूंदाबांदी पहले भी हो चुकी है। लगातार बदल रहा मौसम आढ़तियों के लिए चिताजनक है। खुले में पड़ा गेहूं सुरक्षित रखना किसी चुनौती से कम नहीं हैं। बूंदाबांदी में गेहूं को बचाने के लिए तिरपाल ढका। जैसे ही बूंदाबांदी थमी तो मजदूर तिरपाल पर जमा हुए पानी व गेहूं की ढेरी के पास जमा पानी को निकालने में जुट गए। ताकि पानी खड़ा रहने के कारण गेहूं में कोई नुकसान ना हो। बूंदाबांदी के कारण उठान कार्य भी प्रभावित हुआ।

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मौजूदा समय में मंडियों में गेहूं की बंपर आवक हुई है। लेकिन उठान अभी धीमा चल रहा है। इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि करीब आधा गेहूं अभी भी मंडियों में ही पड़ा हुआ है। जिला मुख्यालय स्थित अनाज मंडी की बात करें तो फिलहाल शेड के नीचे रखे गेहूं के अतिरिक्त खुले आसमान के नीचे भी सैकड़ों क्विंटल गेहूं रखा है। खुले में रखा गेहूं किसी चिता से कम नहीं हैं। ऊपर से आए दिन बदलता मौसम चिता को बढ़ाने का काम कर रहा है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बनी मंडियों की बात करें तो वहां पर कच्ची मंडी होने के कारण गेहूं को सुरक्षित रहना मुसीबत बना हुआ है। ऐसे में आढ़ती उठान तेज करने की मांग कर रहे हैं। आढ़तियों का कहना है कि उठान धीमा होने के कारण मंडियां भरी हुई है। बदलते मौसम में अनाज खराब होने का खतरा भी बना रहता है।

- अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान सतबीर सिंह मल्हान ने बताया कि बूंदाबांदी के कारण जलभराव के कारण गेहूं भीगने से नुकसान हुआ है। उसने बताया कि निकासी नहीं होने के कारण उसकी दुकान के पास रखे गेहूं में बरसाती पानी जमा हो गया। जिस कारण मंडी में करीब 50 क्विंटल गेहूं भीगने के कारण खराब हो गया। फिलहाल उठान धीमा है। इसका एक कारण यह भी है कि वेयर हाउस द्वारा आढ़तियों को बारदाना काफी कम संख्या में दिया जा रहा है। इस कारण आढ़ती गेहूं की पैकिग नहीं कर पा रहे और उठान भी प्रभावित है।


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