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स्क्रीन शेयरिग एप के जरिए होने वाले फर्जीवाड़े से रहें सतर्क : एसपी वसीम अकरम

एसपी वसीम अकरम ने बताया कि साइबर अपराधी ठगी करने की नियत से अलग-अलग तरह के तरीके अपनाते रहते हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 08:42 PM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 08:42 PM (IST)
स्क्रीन शेयरिग एप के जरिए होने वाले फर्जीवाड़े से रहें सतर्क : एसपी वसीम अकरम
स्क्रीन शेयरिग एप के जरिए होने वाले फर्जीवाड़े से रहें सतर्क : एसपी वसीम अकरम

जागरण संवाददाता,झज्जर :

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स्क्रीन शेयरिग एप के जरिए होने वाले फर्जीवाड़े से सजग करते हुए झज्जर पुलिस ने आमजन से सावधान रहने का आह्वान किया है। पुलिस अधीक्षक झज्जर वसीम अकरम के दिशा निर्देश अनुसार आमजन को साइबर क्राइम से बचाव के प्रति जागरूक करने के लिए चलाया जा रहा विशेष जागरूकता पाठशाला का अभियान लगातार जारी है। इस अभियान के तहत लोगों को साइबर अपराध/ठगी से बचाव के संबंध में सजग करने के साथ-साथ महत्वपूर्ण सुझाव/टिप्स भी दिए जा रहे हैं। एसपी वसीम अकरम ने बताया कि साइबर अपराधी ठगी करने की नियत से अलग-अलग तरह के तरीके अपनाते रहते हैं। साइबर अपराधी द्वारा किसी व्यक्ति को झांसा देते हुए पैसा प्राप्त करने के लिए अलग-अलग तरह के प्रलोभन दिए जाते हैं।

साइबर अपराधी पीडित व्यक्ति को बैंकिग कार्यों में मदद करने या कंपनी की पालिसी का बहाना बना पीड़ित को मोबाइल में स्क्रीन शेयरिग एपलिकेशन जैसे एनीडेस्क/क्विकस्पोर्ट इत्यादि डाउनलोड व इंस्टाल करवाकर पीड़ित के मोबाइल तक पहुंचा जाता है। इसके बाद पीड़ित के बैंक से संबंधित गोपनीय जानकारी जैसे सीवीवी नंबर व ओटीपी आदि प्राप्त कर लेते हैं और खाते से पैसों की अवैध निकासी शुरू कर देते हैं। जब तक पीड़ित को इस अवैध निकासी का एहसास होता है, तब तक पीड़ित के खाते से काफी पैसे की निकासी हो चुकी होती है। व्यक्ति गुगल सर्च के माध्यम से बैंक या ई-कामर्स सेवाओं के कस्टमर केयर अधिकारी का नंबर खोजकर उन्हें काल करते हैं। साइबर अपराधी स्वयं को आपरेटर बताते हुए पीड़ित को उपरोक्त में से किसी भी स्क्रीन सांझा करने वाले एप को इंस्टाल कर एवं संबंधित कोड को साझा करने के लिए कहते हैं। जिससे पीड़ित के फोन के स्क्रीन तक पहुंच बनाई जाती है।

धोखाधड़ी से बचने के लिए यह जरूरी है कि फोन के माध्यम से किसी कंपनी के अधिकारी के कहे जाने पर कभी भी किसी प्रकार का स्क्रीन शेयरिग एप डाउनलोड ना करें। यह भी ध्यान रहे कि बैंक/ई-कामर्स कंपनी इत्यादि कभी भी किसी तृतीय पक्ष का स्क्रीन शेयरिग एप आदि डाउनलोड करने के लिए नहीं कहता है। साइबर अपराधियों व नकली वेबसाइटों से सतर्क रहें और किसी भी कारण से संदिग्ध होने पर अनजान काल, संदेश या ई-मेल आदि का जवाब ना दें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी सांझा ना करें। उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम/आनलाइन ठगी से बचने के लिए कुछ सावधानियां रखनी अति आवश्यक हैं। साइबर क्राइम अथवा किसी भी प्रकार की आनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए जरूरी है कि प्रत्येक उपयोगकर्ता इंटरनेट का इस्तेमाल करते समय सतर्क रहे।


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