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14 डिग्री तापमान,120 विद्यार्थी जमीन पर टाट बिछाकर कर रहे पढ़ाई

तपस्वी शर्मा, झज्जर : बदहाल व्यवस्था का नजारा देखना है तो आप आईए ग्वालिसन स्थित राजकीय वरिष्ठ

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 01:36 AM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 01:36 AM (IST)
14 डिग्री तापमान,120 विद्यार्थी जमीन पर टाट बिछाकर कर रहे पढ़ाई
14 डिग्री तापमान,120 विद्यार्थी जमीन पर टाट बिछाकर कर रहे पढ़ाई

तपस्वी शर्मा, झज्जर : बदहाल व्यवस्था का नजारा देखना है तो आप आईए ग्वालिसन स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय। जहां वृक्षों की छांव से मिलने वाली ठंडी हवा और 14 डिग्री के तापमान में स्कूली बच्चें जमीन पर टाट बिछा कर अपने भविष्य को संवारने का प्रयास कर रहे हैं। कक्षा छठी से बारहवीं कक्षा तक के 120 विद्यार्थियों की दिनचर्या प्रतिदिन ऐसी ही रहती है। जैसे-जैसे सर्दी बढ़ रही है, वैसे-वैसे विद्यार्थियों की परेशानियां भी बढ़ने लगी है। विद्यार्थियों को स्कूल में आने से भी डर लगने लगता है। विद्यार्थियों का कहना है कि बारिश के दौरान तो किसी तरह एक ही कमरे और बरामदे में बैठ कर पढ़ाई कर ली थी, लेकिन सर्दी में कैसे पढ़ाई करेंगे, इस बात की ¨चता हो रही है। इतनी ही ठंड में पढ़ना मुश्किल हो रखा है तो दिसंबर और जनवरी में क्या हालात होगी ? पूरे विद्यालय में सिर्फ एक ही कमरा ऐसा है, जिसमें बारहवीं कक्षा की पढ़ाई हो रही है। उन्हें भी जब दसवीं या फिर अन्य कक्षाओं की गणित के पीरियड होता है। बाहर जमीन पर बैठना पड़ता है। क्यूंकि स्कूल में स्टे¨डग वाईट या ब्लैक बोर्ड की व्यवस्था तक चार माह में नहीं हो पाई है। ऐसी विपरीत परिस्थितियों में अध्यापक भी उपलब्ध संसाधनों में किसी तरह से काम चला रहे हैं। ---चार माह पूर्व मानसून के दौरान गिरी थी स्कूल की छत जुलाई माह में मानसून के दौरान स्कूल की छत गिर गई थी। गनीमत यह रही थी कि उस दौरान कोई हादसा नहीं हुआ था। इस दौरान विभागीय अधिकारियों की टीम ने मौके का मुआयना किया था और बाद में पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा स्कूल के अधिकांश भवन को कंडम घोषित कर दिया था। विभागीय अधिकारियों द्वारा जल्द स्कूल का निर्माण कार्य शुरू करवाने की बात कही थी। लेकिन चार माह बीत जाने के बाद भी स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। ---विद्यार्थियों की तकनीकी शिक्षा भी हो रही है बाधित स्कूल की कंप्यूटर लैब भी जर्जर कमरे में ही बना हुआ है। जिस पर ताला लगाकर बंद कर दिया गया है। जिसके चलते विद्यार्थियों को तकनीकी शिक्षा भी नहीं मिल पा रही है। इसके अलावा स्कूल का अन्य रिकार्ड भी इन जर्जर कमरों में बंद पड़ा हुआ है। अध्यापकों का यह कहना है कि अगर रिकार्ड को वहां से निकालते है तो कहां रखेंगे यह भी परेशानी है। इसके अलावा अपरे¨टस के लिए आए हुई आईटीआई की एक छात्रा की अपरे¨टस भी नहीं हो पा रही है। ---स्कूल में रहता है दिनभर अव्यवस्था का माहौल

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स्कूल में प्राचार्य कक्ष के अलावा सिर्फ एक ही कमरा है। जिसमें बारहवीं के विद्यार्थियों की कक्षा लगती है। लेकिन जब आठवीं, दसवीं सहित अन्य कक्षाओं की गणित या फिर साईस का पीरियड होता है तो यह बारहवीं के कक्षा के विद्यार्थियों को भी बाहर बैठना पड़ता है। जिसके चलते दिनभर विद्यार्थियों को कभी अंदर और कभी बाहर बैठना पड़ता है। जिसके चलते बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों की पढ़ाई ज्यादा बाधित होती है। वैसे तो सभी विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही है। लेकिन छठी से बारहवीं कक्षा के तक विद्यार्थियों ज्यादा चि¨तत है। मानसून के दौरान भी छठी से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को छुट्यिां कर दी गई थी। जिसके चलते अध्यापकों को भी उनका सिलेबस पूरा करवाने के लिए अतिरिक्त मेहनत की जा रही है ----- प्रारंभिक तौर पर जब यह घटनाक्रम सामने आया था तो उस दौरान पंचायती स्तर पर जिक्र हुआ था कि कक्षाओं को कम्यूनिटी सेंटर आदि में शिफ्ट करते कुछ रास्ता निकाल लिया जाएगा। ताकि पढ़ाई भी बाधित नहीं हो और स्कूल भी चलता रहे। लेकिन चार माह बीत जाने के बाद भी स्थायी तौर पर ऐसा कोई ठोस समाधान नहीं हो पाया है। जिससे इन बच्चों के प्रति व्यवस्था की गंभीरता दिखाई देती हो। हालांकि, संबंधित लोगों से जब बात की गई तो उनका यह कहना था कि हर संभव प्रयास किया जा रहा है। लेकिन हो रहे प्रयास धरातल पर दिखाई नहीं दे रहे।

--व्यवस्था बनाने का प्रयास कर रहे है, लेकिन स्थिति काबू में नहीं आ पाई है। अभी विद्यार्थियों को बाहर बैठाकर पढ़ाई करवाई जा रही है। लेकिन जैसे सर्दी बढ़ेगी उस दौरान सुबह एक घंटा देरी से स्कूल लगाया जाएगा और छुट्टी भी एक घंटे बाद की जाएगी। निर्माण कार्य शुरू होने में एक से डेढ़ वर्ष का समय लग जाता है। स्कूल के स्तर पर सभी कागजी कार्यवाही पूरी करके उच्चाधिकारियों के समक्ष भेज दी गई है।

---राजकुमार, प्राचार्य राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ग्वालिसन। विभाग को एस्टीमेट बनाकर भेजा हुआ है। अनुमति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू करवाया जाएगा। सर्दियों के मौसम में विद्यार्थियों को परेशानी नहीं हो, इसके लिए उच्चाधिकारियों से बातचीत करके शेड की व्यवस्था करवाई जाएगी। प्रयास है कि विद्यार्थियों को कोई परेशानी नहीं हो। --कश्मीर सुहाग, बीईओ, मातनहेल ब्लॉक।


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