ब्रुसेलोसिस से बचाने के लिए पशुओं का किया जाएगा टीकाकरण
राष्ट्रीय पशु रोग नियन्त्रण कार्यक्रम के तहत पशुपालन एवं डेयरिग विभाग ने पशुओं में ब्रुसेलोसिस की बीमारी की रोकथाम के लिए टीकाकरण की शुरूआत की है । इस अभियान में जिला के 20225 कटड़ियों व बछड़ियों को आकस्मिक गर्भपात की बीमारी से बचाव के लिए टीके लगाये जाएंगे।
जागरण संवाददाता, झज्जर : राष्ट्रीय पशु रोग नियन्त्रण कार्यक्रम के तहत पशुपालन एवं डेयरिग विभाग ने पशुओं में ब्रुसेलोसिस की बीमारी की रोकथाम के लिए टीकाकरण की शुरूआत की है । इस अभियान में जिला के 20225 कटड़ियों व बछड़ियों को आकस्मिक गर्भपात की बीमारी से बचाव के लिए टीके लगाये जाएंगे। जिसका पोर्टल पर रिकार्ड दर्ज होगा। डीसी श्याम लाल पूनिया ने कहा कि राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जिला पशुपालन एवं डेयरिग विभाग द्वारा पशुओं में ब्रुसेलोसिस की बीमारी की रोकथाम के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया है। सभी पशुपालक अपने-अपने पशुओं को ब्रुसेलोसिस की बीमारी से बचाव के लिए टीका जरूर लगवाएं। जिलाभर में 20 हजार से ज्यादा कटडिय़ों व बछडिय़ों को आकस्मिक गर्भपात की बीमारी से बचाव के लिए टीके लगाए जा रहे हैं। बॉक्स : टीकाकरण अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए विभाग के उपनिदेशक डा मनीष डबास ने बताया कि प्रदेश स्तर पर ब्रुसेलोसिस की बीमारी की रोकथाम के लिए यह अभियान चलाया गया है । इसके अन्तर्गत 4 से 8 माह की बछड़ी व कटडिय़ों को टीका लगाया जाएगा । टीकाकरण अभियान पशुपालन एवं डेयरिग विभाग हरियाणा के पशु चिकित्सक की गठित टीमों द्वारा आने वाले एक वर्ष के अन्दर तीन चरणों में चलाया जाएगा । अभियान के अन्तर्गत विभाग द्वारा टीकाकरण, वैक्सीन रखरखाव व आवश्यक सावधानियां बरतने हेतू पहले ही हिदायतें जारी की जा चुकी है। टीकाकरण गठित टीमों को आवश्यक सुरक्षा उपकरण भी उपलब्ध करवाये गए हैं ।
पोर्टल पर दर्ज होगा रिकार्ड :
डा. डबास ने बताया कि पशुपालक का फोन नंबर व आधार नंबर के साथ पंजीकरण करके और पशु के कान में टैग लगाकर भारत सरकार के आनलाइन पोर्टल पर पंजीकृत किया जाएगा । कुछ पशुओं के टीकाकरण से पहले व बाद में खून के नमूने लेकर परीक्षण किया जाएगा । ब्रुसेलोसिस एक जीवाणु जनित खतरनाक व लाईलाज पशु जन्य जूनोटिकद्ध रोग है । यह बीमारी पशुओं से इंसानों में फैल सकती है, जिससे मनुष्य लंबे समय तक संक्रमित रहता है । गर्भधारण करने के बाद गाय या भैंस समय पूरा होने से पहले ही भ्रूण को बाहर निकाल दे तो इसे ब्रुसेलोसिस कहा जाता है। अगर यह बीमारी किसी पशु में होने से अन्य पशुओं मे भी बहुत तेजी से फैलती है। डबास ने बताया कि ब्रुसेलोसिस की बीमारी से बचाव का एक मात्र उपाय टीकाकरण ही है ।