मंदिर सिद्ध श्री बाबा कांशीगिरि में 43 वां श्री सुंदरकांड पाठ एवं भजन कीर्तन का हुआ आयोजन
- भगवान सची श्रद्धा व भक्ति से होते है प्रसन्न पं.पवन कौशिक
- भगवान स<स्हृद्द-क्तञ्जस्>ची श्रद्धा व भक्ति से होते है प्रसन्न : पं.पवन कौशिक
- जब भी समय मिले करना चाहिए भगवान का भजन फोटो : 01 जागरण संवाददाता, झज्जर : दूसरों को बदलने की कोशिश नहीं करें, खुद को बदल डालें। दूसरे आपका सम्मान करें, इससे पहले आप उनका सम्मान करें। मंदिर सिद्ध श्री बाबा कांशीगिरि में 43 वें गोस्वामी तुलसीदास रचित पंचम सोपान श्री सुंदरकांड पाठ एवं भजन कीर्तन के आयोजित कार्यक्रम में पं. पवन कौशिक ने उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रभु नाम की महिमा सर्वोत्तम है। इससे व्यक्ति तनाव से मुक्त रहता है। प्रभु श्री राम का नाम ही सेवा भावना पैदा करता है। भक्त की भक्ति से बड़ी कोई पूजा नहीं होती। भगवान सच्ची श्रद्धा व भक्ति से प्रसन्न होते हैं। इसलिए जब भी समय मिले भगवान का भजन करना चाहिए।
महाशिवरात्रि के महत्व के बारे में बताया कि इस दिन को भगवान शंकर का सबसे अच्छा दिन माना गया है। इस दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करनी चाहिए। महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को दूध या गंगाजल से अभिषेक करना शुभ माना जाता है। शिव को बिल्व पत्र बहुत प्रिय होता है इसलिए बिल्व पत्र अवश्य अर्पण करना चाहिए। पौराणिक मान्यतानुसार इस दिन पहली बार शिवलिग की भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी ने पूजा की थी। कार्यक्रम में श्री सुंदरकांड वाचक पं. पवन कौशिक, योगेश रंजन, पंकज भारद्वाज, देवेश शर्मा, ताराचन्द भूटानी, राजेन्द्र वधवा, रिन्कू नंदा, सहित महिलाओं ने सुंदर कांड पाठ का गायन किया। कार्यक्रम के दौरान भजन गायकों ने अपनी मधुरवाणी से फेसबुक लाइव पर श्री हनुमान जी के प्रेरणादायक भजनों से गुणगान किया। भजन गायक ताराचन्द भूटानी ने सिया राम जानकी बैठे हे मेरे सीने में देख लो मेरे दिल के नगीने में..ने श्री हनुमान जी के प्रेरणादायक भजन से उपस्थित श्रोतागण भाव विभोर हुए। श्री सुंदरकांड विश्राम पर श्री हनुमान चालीसा, प्रसाद वितरण के उपरांत श्रद्धालुओं ने बाबा का आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम से पूर्व विधिवत पूजन कर श्री सुंदरकांड पाठ एवं भजन कीर्तन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्रदीप काठपालिया, बंटी बीरबल, सुरेश गाबा, वेद खत्री, जगदीश छाबड़ा, जय प्रकाश गुप्ता जगदीश रंजन,पूनम अनिल छाबड़ा भक्तजन उपस्थित रहे।