404 लोगों ने दी कोरोना को मात, चार लोगों की मौत
कोरोना की दूसरी लहर के इस समय में जिस तरह से संक्रमितों की संख्या रोजाना बढ़ रही है। वह चिता को हद से ज्यादा बढ़ाने वाली है।
जागरण संवाददाता, झज्जर :
कोरोना की दूसरी लहर के इस समय में जिस तरह से संक्रमितों की संख्या रोजाना बढ़ रही है। वह चिता को हद से ज्यादा बढ़ाने वाली है। सोमवार को चार लोगों की मौत हो गई। जबकि 281 नए संक्रमित रिपोर्ट हुए हैं। इसी बीच सोमवार को राहत का समाचार यह है कि 404 लोगों ने कोरोना को मात दी हैं। रिकवरी रेट भी 88.5 फीसद तक पहुंच गया है। कुल मिलाकर, स्थिति यह है कि संयम रखने और लॉकडाउन का आदर्श स्थिति में पालन करने से ही कोरोना को मात दी जा सकती है। लेकिन, चिता का विषय है कि लोग अभी भी लापरवाही बरत रहे हैं। विभिन्न क्षेत्रों में ऐसे व्यापारी भी अपने प्रतिष्ठानों को खोलकर नियमों को तोड़ रहे हैं। आंकड़ा हुआ 13 हजार के पार : संक्रमितों का आंकड़ा भी बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। मौजूदा समय में यह 13 हजार को पार कर गया है। जबकि, हजारों सैंपलों की अभी रिपोर्ट आना शेष है। ऐसी स्थिति में ग्रामीण आंचल में जिस तरह से केस रिपोर्ट हो रहे हैं। वह स्थिति ज्यादा विस्फोटक हो रही हैं। प्रशासन एवं सरकार के स्तर पर भी ग्रामीण आंचल में ज्यादा सैंपलिग कराए जाने की जरूरत और निर्देश दे दिए गए हैं। ताकि, संक्रमितों के सामने आने से कोरोना की चेन को तोड़ने में अह्म मदद मिलेगी। सोमवार को बुलेटिन में मौत के चार नए मामले अपडेट हुए है। जिसके बाद यह संख्या कुल 140 तक पहुंच गई है। दुकानों का शटर खोलकर व्यापारी दे रहे सामान : प्रतिबंधों के साथ बाजार को खोलने की अनुमित दी गई हैं। लेकिन, बहुत से क्षेत्रों में अभी भी व्यापारी चोरी-छिपे अपनी दुकानों से ग्राहकों को सामान दे रहे हैं। बता दें कि मुख्य तौर पर जिला मुख्यालय का बाजार ग्रामीण ग्राहकों पर निर्भर है। चोरी-छिपे दिए जाने वाले सामान के समय में शारीरिक दूरी के नियम का पालन भी नहीं रखा जा रहा। सिलानी गेट, आंबेडकर चौक, चौपटा बाजार, डायमंड चौक आदि क्षेत्र में मुख्य तौर पर यह समस्या ज्यादा सामने आ रही हैं। व्यापारिक संगठन भी ऐसे व्यापारियों से अपील कर रहे हैं कि वे नियमों को नहीं तोड़े।
दिन में काफी शिकायत ऐसी मिलती है। जहां पर प्रतिबंधित किए गए दुकानदार भी लापरवाही दिखाते हुए सामान बेच रहे हैं। समझाया जा रहा है। शेष सख्ती करने का कार्य तो प्रशासन के जिम्मे ही है।
राकेश अरोड़ा, प्रधान, व्यापार मंडल