पांच एकड़ में बनेगा 100 बेड का ईएसआइ अस्पताल, तीन साल बाद सीपीडब्ल्यूडी बना रहा एस्टीमेट
हरियाणा राज्य औद्योगिक संरचना विकास निगम (एचएसआइआइडीसी) के सेक्टर चार बी में बनने वाले 100 बेड का ईएसआइ अस्पताल के निर्माण को लेकर कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) की ओर से प्रक्रिया अब तेज कर दी गई है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : हरियाणा राज्य औद्योगिक संरचना विकास निगम (एचएसआइआइडीसी) के सेक्टर चार बी में बनने वाले 100 बेड का ईएसआइ अस्पताल के निर्माण को लेकर कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) की ओर से प्रक्रिया अब तेज कर दी गई है। ईएसआइसी के आग्रह पर केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) की ओर से अस्पताल का एस्टीमेट यानी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट(डीपीआर) बनाई जा रही है। डीपीआर को स्वीकृति मिलने के बाद सीपीडब्ल्यूडी की ओर से ही टेंडर लगाकर अस्पताल के निर्माण की कवायद शुरू की जाएगी। अस्पताल के बनने से बहादुरगढ़ के करीब एक लाख बीमित व्यक्ति व उनके परिवार के लाखों सदस्यों को काफी फायदा होगा। उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दर-दर नहीं भटकना पड़ेगा। 17 नवंबर 2018 को हुई थी घोषणा, 2019 में हुआ था शिलान्यास:
ईएसआइ अस्पताल के लिए सेक्टर-4बी में करीब पांच एकड़ जमीन चिन्हित की गई है। यहां के उद्यमियों की मांग पर सीएम मनोहर लाल ने 17 नवंबर 2018 को बहादुरगढ़ में 100 बेड का अस्पताल बनाने की घोषणा की थी। 2019 में इसका विधिवत रूप से शिलान्यास भी किया था। मगर यहां पर अस्पताल का निर्माण कब तक शुरू होगा, इसको लेकर यहां के उद्यमियों को भी खबर नहीं है। कामगारों के साथ ही उद्यमी भी मानते हैं कि ईएसआइ अस्पताल बहादुरगढ़ की एक बड़ी जरूरत है। जब यहां इतनी बड़ी संख्या में कामगार हैं तो स्वास्थ्य सेवाएं भी चाहिए, मगर इस मामले में इस क्षेत्र की घोर उपेक्षा हो रही है। कई राज्यों के हैं कामगार :
बहादुरगढ़ के उद्योगों में केवल हरियाणा ही नहीं दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल के कामगार भी काम करते हैं। सभी को ईएसआइ अस्पताल की जरूरत है। बहादुरगढ़ में एक लाख से ज्यादा आइपी :
औद्योगिक हब होने के कारण यहां पर छोटी-बड़ी सात हजार से ज्यादा फैक्ट्रियां हैं। देश का पहला फुटवियर पार्क यहीं पर है। इसी कारण कामगारों की संख्या ज्यादा होने से यहां पर ईएसआइसी के तहत एक लाख से ज्यादा इंश्योर्ड पर्सन (आइपी) यानी बीमित व्यक्ति हैं। इन सभी के वेतन से एक निर्धारित राशि ईएसआइ फंड के नाम पर निगम के खाते में जाती है। मगर उसकी एवज में कामगारों को जो स्वास्थ्य सेवाएं मिलनी चाहिए, वे बहादुरगढ़ में हैं ही नहीं। सिविल अस्पताल पर है ईएसआइ के मरीजों का भार:
बहादुरगढ़ में ईएसआइसी के अंतर्गत तीन डिस्पेंसरी हैं, मगर इनमें केवल प्राथमिक जांच और सामान्य दवाइयां ही मिल पाती हैं। चूंकि सिविल अस्पताल में भी इलाज मुफ्त हैं और कुछ टेस्टों के नाममात्र शुल्क को छोड़कर किसी भी दवा और टेस्ट का कोई शुल्क नहीं है। ऐसे में ईएसआइ से बीमित लोग भी इसी अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचते हैं। गंभीर स्थिति में ईएसआइ से जुड़े मरीजों को बसईदारापुर में स्थित ईएसआइ अस्पताल में जाना पड़ता है, जो यहां से काफी दूर है। जो निजी अस्पताल ईएसआइ के पैनल पर हैं, वहां पर भी ज्यादा मामलों में इलाज नहीं मिल पाता। इसीलिए बहादुगरगढ़ में ईएसआइ अस्पताल की दरकार है। वर्जन..
बहादुरगढ़ में ईएसआइ अस्पताल का एस्टीमेट सीपीडब्ल्यूडी की ओर से बनाया जा रहा है। उन्हीं की ओर से ही टेंडर लगाया जाएगा। सीपीडब्ल्यूडी की ओर से ही इस अस्पताल का निर्माण किया जाएगा। इसका निर्माण कब शुरू होगा, फिलहाल इसकी जानकारी उनके पास नहीं है।
--अमन श्रीवास्तव, जेई, क्षेत्रीय कार्यालय, कर्मचारी राज्य बीमा निगम, फरीदाबाद। वर्जन..
ईएसआइ अस्पताल के निर्माण के लिए एचएसआइआइडीसी के सेक्टर-4बी में लगभग पांच एकड़ जमीन चिन्हित कर रखी है। मुख्यमंत्री की ओर से 100 बेड का अस्पताल बनाने की घोषणा हुए कई साल हो गए, मगर अब तक इसका निर्माण शुरू नहीं हुआ है।
--नरेंद्र छिकारा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, बहादुरगढ़ फुटवियर पार्क एसोसिएशन