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बहादुरगढ़ के 10 सरकारी स्कूल बनेंगे अंग्रेजी मीडियम, चाहिए साढ़े छह करोड़

जागरण संवाददाता बहादुरगढ़ खंड के एक सीनियर सेकेंडरी और नौ प्राइमरी स्कूलों को सीब

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 06:29 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 06:29 AM (IST)
बहादुरगढ़ के 10 सरकारी स्कूल बनेंगे अंग्रेजी मीडियम, चाहिए साढ़े छह करोड़
बहादुरगढ़ के 10 सरकारी स्कूल बनेंगे अंग्रेजी मीडियम, चाहिए साढ़े छह करोड़

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

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खंड के एक सीनियर सेकेंडरी और नौ प्राइमरी स्कूलों को सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) से जोड़कर इन्हें अंग्रेजी मीडियम बनाने के लिए करीब साढ़े छह करोड़ की दरकार है। इन स्कूलों में सभी आधुनिक सुविधाओं के लिए यह एस्टीमेट बनाया गया था। पहले यह कम राशि का था। मगर अब इसे बढ़ा दिया गया है। सरकार की ओर से इसे प्राथमिकता में रखा गया तो अगले सत्र से इन स्कूलों में अंग्रेजी मीडियम से पढ़ाई की संभावना है। ये बनेंगे मॉडल संस्कृति स्कूल :

शहर के रेलवे रोड पर स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के अलावा नौ प्राइमरी स्कूल सीबीएसई से जुड़ेंगे। इनमें हसनपुर परनाला के प्राइमरी स्कूल, तबेला स्कूल, रोहद का प्राइमरी स्कूल, सेक्टर-6 का प्राइमरी स्कूल, वत्स कालोनी का प्राइमरी स्कूल, बुपनिया का प्राइमरी स्कूल, लडरावण का प्राइमरी स्कूल, नूना माजरा का प्राइमरी स्कूल, काठमंडी का स्कूल शामिल है। सभी स्कूलों में है रेनोवेशन की दरकार :

राजकीय स्कूल को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्धता के बाद यहां पर दोनों बोर्ड की पढ़ाई होगी। एक तरफ अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई होगी और दूसरी तरफ हिदी माध्यम से। मगर इसके लिए मौजूदा भवन से काम नहीं चलेगा। यह तो कई दशक पुराना है। ऐसे में यहां से नए कमरों, विभिन्न विषयों की लैब और अन्य सुविधाओं के लिए डिमांड भेज दी गई है। विभाग के कनिष्ठ अभियंता ने बताया कि हसनपुर परनाला स्कूल के लिए नए भवन की दरकार है। इसके लिए 2.15 करोड़ का बजट चाहिए। इसके अलावा तबेला स्कूल के लिए 68 लाख, सेक्टर-6 के लिए 55 लाख, रोहद स्कूल के लिए 50 लाख, काठमंडी स्कूल के लिए 54 लाख, वत्स कालोनी के लिए 45 लाख, बुपनिया के लिए 35 लाख, लडरावण के लिए 40 लाख, नूना माजरा के लिए 30 लाख की दरकार है। जबकि सीनियर सेकेंडरी स्कूल के लिए ढाई करोड़ का बजट चाहिए। वर्जन.

इस दिशा में प्रक्रिया चल रही है। जिन स्कूलों को सीबीएसई से जोड़ा जाएगा उनमें सभी आधुनिक सुविधाएं मुहैया करवाई जाएगी। इसके लिए रिवाइज एस्टीमेट बनाया गया है। पहले जो एस्टीमेट भेजा गया था, वह कम राशि का था। जब स्कूलों को तैयार किया जाएगा तो सीबीएसई की टीम भी निरीक्षण करने के लिए आएगी।

--निर्मल शर्मा, बीईओ, बहादुरगढ़


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