जीरो बर्निग करने वाली पंचायतों को राज्य स्तर पर दिया जाएगा पुरस्कार
इससे प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी वहीं भूमि की उपजाऊ शक्ति भी बढ़ेगी। गांठ बनाने वाले किसानों के लिए सरकार 50 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से प्रोत्साहन दिया जाएगी। किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के तहत मशीनरी के संचालन मरम्मत एवं तकनीकों के बारे में विस्तार से प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, हिसार : रेड जोन गांवों में जीरो बर्निग का लक्ष्य प्राप्त करने वाली पंचायतों को राज्य स्तर पर 5 लाख, 3 लाख एवं 2 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। किसान फसल अवशेष प्रबंधन के तहत मशीनों द्वारा खेत में या बाहर पराली की गांठ बना सकते हैं। इससे प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी, वहीं भूमि की उपजाऊ शक्ति भी बढ़ेगी। गांठ बनाने वाले किसानों के लिए सरकार 50 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से प्रोत्साहन दिया जाएगी। किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के तहत मशीनरी के संचालन, मरम्मत एवं तकनीकों के बारे में विस्तार से प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
जिले में यह हैं रेड जोन के गांव
- घिराय
- काजल
- नारनौंद
- औंरग शाहपूर
- राजपुरा
- चमारखेड़ा
- बिठमड़ा
- पाबड़ा किसानों को मशीनों के प्रयोग का मिल रहा है प्रशिक्षण
उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी ने बताया कि रेड जोन गांव में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कैंप लगाकर प्रति गांव 40 किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिले में कुल 280 किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इन गांवों में किसानों के लिए फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कृषि यंत्रों/मशीनों की कमी नहीं रहने दी जाएगी तथा लघु एवं सीमांत किसानों को किराए के लिए मशीनें उपलब्ध करवाई जाएंगी। प्रशिक्षण के दौरान किसानों को सुपर सीडर, बेलर आदि आधुनिक मशीनों के फील्ड प्रदर्शन द्वारा भी समझाया जा रहा हैं ताकि किसान बारीकी से जानकारी प्राप्त करके मशीनों का सफल संचालन कर सके। हिसार में फसल अवशेष जलने के मामले
27 सितंबर- 3
28 सितंबर- 3
29 सितंबर- 1
30 सितंबर- 3
2 अक्टूबर- 2
3 अक्टूबर- 2
4 अक्टूबर- 4
6 अक्टूबर- 1
7 अक्टूबर- 3
9 अक्टूबर- 2
10 अक्टूबर- 2
11 अक्टूबर- 2
13 अक्टूबर- 1
कुल- 30