एससी/एसटी केस में युवराज सिंह को गिरफ्तारी से राहत, FIR खारिज व जांच रोक से कोर्ट का इन्कार
क्रिकेटर युवराज सिंह पर हिसार जिले के हांसी में एक वकील ने अनुसूचित वर्ग पर अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में एफआइआर दर्ज करवाई हुई है। इसे खारिज करने के लिए युवराज सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी जिस पर आज सुनवाई हुई।
हिसार, जेएनएन। अनुसूचित वर्ग के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में हरियाणा के हिसार जिले के हांसी थाना शहर में दर्ज मामले में युवराज द्वारा उक्त मुकदमे को खारिज करने वाली याचिका पर आज पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश अनमोल रतन सिंह की बेंच के समक्ष सुनवाई हुई। इस मामले में युवराज सिंह की तरफ से पेश अधिवक्ता वैभव जैन ने अपनी दलील देते हुए कहा की युवराज सिंह ने जिस शब्द का प्रयोग उसमें अनुसूचित जाति समाज को अपमानित करने की कोई नियत नहीं थी। उन्होंने शिकायतकर्ता रजत कलसन पर आरोप लगाया कि उन्होंने सेलिब्रिटी तथा वीआइपीज के खिलाफ 45 शिकायतें दाखिल की हुई हैं। उन्होंने युवराज सिंह के खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज करने व युवराज सिंह के खिलाफ दर्ज मुकदमे में पुलिस जांच पर रोक लगाने की मांग की।
शिकायतकर्ता रजत कलसन की तरफ से पेश अधिवक्ता अर्जुन श्योराण ने अदालत के समक्ष अपनी बहस में कहा की जो शब्द युवराज सिंह ने प्रयोग किया वह शब्द एक जाति का नाम है तथा पंजाब व हरियाणा सरकार द्वारा जारी अनुसूचित जातियों की सूची में वह शब्द बाकायदा एक जाति का नाम है। उन्होंने कहा कि युवराज सिंह के करोड़ों फॉलोवर्स है, युवराज सिंह ने अपने साथी को गाली देते समय एक जाति का नाम गाली के तौर पर प्रयोग किया है। जिससे उक्त जाति के करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं।
उन्होंने कहा कि उक्त मुकदमे का अभियुक्त युवराज सिंह बहुत ताकतवर तथा प्रभावशाली व्यक्ति है तथा उसने पहले ही अपने खिलाफ 8 महीने तक मुकदमा दर्ज नहीं होने दिया और अब वह मुकदमे को खारिज करने की मांग कर रहा है जो कि बिल्कुल न्याय उचित नहीं है। इस मामले में पुलिस जांच कर रही है तथा पुलिस को जांच करने देना चाहिए। शिकायतकर्ता रजत कलसन द्वारा सेलिब्रिटीज के खिलाफ दी गई 39 शिकायतों के जवाब में उन्होंने कहा कि एक जागरूक नागरिक होने के नाते उनका फर्ज है कि कमजोर व वंचित समाज को सार्वजनिक रूप से अपमानित करने वाले लोगों के खिलाफ वे कानूनन शिकायत करें। उन्होंने कहा कि सेलिब्रिटी व वीआईपी लोगों को कोई विशेष अधिकार नहीं है कि वह अनुसूचित जाति के लोगों का सार्वजनिक अपमान करें। हरियाणा सरकार के वकील ने कहा कि उन्होंने युवराज सिंह के खिलाफ जो मुकदमा दर्ज किया है उसमें जांच जारी है ।
इस पर अदालत ने युवराज सिंह की वकील की मांग पर एफआईआर पर रोक लगाने से इनकार कर दिया तथा साथ ही जांच पर भी रोक लगाने से इनकार कर दिया। हालांकि अदालत ने युवराज सिंह को अंतरिम राहत देते हुए पुलिस को निर्देश दिया कि वह चार सप्ताह के अंदर अपना जवाब दाखिल करें तथा इस दरमियान युवराज सिंह के खिलाफ कोई सख्त कार्यवाही न करे। अब इस मामले में अदालत हरियाणा पुलिस चार सप्ताह बाद अदालत ने अपना जवाब पेश करेगी।