महाभारत के युधिष्ठर बने पीएलसी सुपवा के कुलपति, एफटीआइआइ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं अभिनेता गजेंद्र चौहान
गजेंद्र चौहान के फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एफटीआइआइ) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने के बाद फिल्म जगत के लोगों ने इसका जमकर विरोध किया। फिल्म जगत ही नहीं बल्कि मीडिया राजनेता व अन्य वर्ग के लोग भी गजेंद्र चौहान के विरोध में खड़े हो गए।
रोहतक, जागरण संवाददाता। फिल्म अभिनेता एवं महाभारत में युधिष्ठिर का किरदार निभाने वाले गजेंद्र चौहान को पंडित लख्मीचंद स्टेट यूनिवर्सिटी आफ परफार्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स रोहतक के कुलपति नियुक्त किया गया है। हरियाणा के राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारु दतात्रेय ने मंगलवार देर शाम इसके आदेश जारी किए। गजेंद्र चौहान का नाम पहले से कुलपति की दौड़ में शामिल था। विश्वविद्यालय में कुलपति पद के लिए शैक्षणिक योग्यता और मापदंडों में भी बदलाव किया गया था। जिसमें संस्कृति व फिल्म से जुड़े व्यक्ति को प्राथमिकता दी गई थी। कुलपति पद के लिए अभिनेता सतीश कौशिक, रणदीप सिंह हुड्डा, सिंगर कैलाश खैर, अनुपम खैर के नामों पर भी चर्चाएं चल रही थी। लेकिन आखिरकार गजेंद्र चौहान की नियुक्ति इस पद के लिए हो गई है।
राज्यपाल एवं कुलाधिपति बंडारु दतात्रेय ने जारी किए आदेश
गजेंद्र चौहान का जन्म दिल्ली में दस अक्टूबर 1956 में हुआ था। उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से रेडियोग्राफी में डिप्लोमा किया था। इससे पहले ही वे अभिनय के लिए मुंबई चले गए। उन्होंने रोशन तनेजा द्वारा संचालित स्कूल में अभिनय का अध्ययन किया। गजेंद्र चौहान ने काफी फिल्मों व धारावाहिकों में अभिनय किया। लेकिन उनकी खास पहचान 1988-90 में महाभारत धारावाहिक में युधिष्ठिर के किरदार से मिली। युधिष्ठिर के किरदार के रूप में ही गजेंद्र को नई पहचान मिली। 2015 में फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट आफ इंडिया पुणे के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। अक्टूबर 2017 में उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया।
एफटीआइआइ के अध्यक्ष पद को लेकर हुआ था विरोध
गजेंद्र चौहान के फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एफटीआइआइ) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने के बाद फिल्म जगत के लोगों ने इसका जमकर विरोध किया। फिल्म जगत ही नहीं बल्कि मीडिया, राजनेता व अन्य वर्ग के लोग भी गजेंद्र चौहान के विरोध में खड़े हो गए। हालांकि कुछ फिल्मी हस्तियां उनके समर्थन में भी खड़ी हो गई थी। आखिरकार उन्होंने अपने पद से करीब दो साल बाद ही इस्तीफा दे दिया था।