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World Elephant Day Special News: भारत में पांच वर्ष में तीन हजार हाथी हुए कम, संरक्षण जरूरी

World Elephant Day Special हाथी को राष्ट्रीय विरासत पशु घोषित किया गया है। वर्तमान में भारत में लगभग 30000 हाथी है। 2012 से 2017 तक हाथियों की कुल आबादी में 3000 की कमी आई है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 05:33 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 05:33 PM (IST)
World Elephant Day Special News: भारत में पांच वर्ष में तीन हजार हाथी हुए कम, संरक्षण जरूरी
World Elephant Day Special News: भारत में पांच वर्ष में तीन हजार हाथी हुए कम, संरक्षण जरूरी

हिसार, जेएनएन। विश्व भर में हाथी के संरक्षक और जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व हाथी दिवस हर वर्ष 12 अगस्त को मनाया जाता है। हाथी को राष्ट्रीय विरासत पशु घोषित किया गया है। वर्तमान में भारत में लगभग 30,000 हाथी है। 2012 तक 2017 तक हाथियों की कुल आबादी में 3000 हाथियों की कमी आई है। हाथियों की सर्वाधिक आबादी कर्नाटक में है, इसके पश्चात असम तथा केरल का स्थान आता है। हरियाणा में कलेसर नेशनल पार्क में 7 से 10 हाथी हैं, जो उत्तराखंड के राजाजी नेशनल पार्क आते जाते रहते हैं। यमुनानगर के वन्य सेंतोर में लिली, लक्ष्मी, मोती और चंचल नाम के पांच हाथी वन विभाग की देखरेख में पल रहे हैं। हाथियों का संरक्षण बहुत जरूरी है, युवा वन्य जीवों में रुचि लेकर इनके संरक्षण का काम कर सकते हैं।

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यह है हाथियों का इतिहास से जुड़ाव

- हाथियों को ईसा से लगभग 400 वर्ष पूर्व राजा की सवारियों के रूप में प्रयोग किया जाने लगा।

- सिकंदर व पोरस के झेलम नदी के किनारे हुए युद्ध में हाथियों का उपयोग हुआ।

- चंद्रगुप्त मौर्य की प्रसिद्ध सेना में 9000 हाथी थे।

- अकबर बादशाह के समय में हाथियों की सेना के प्रबन्ध पर विशेष ध्यान दिया गया। उनकी सेना में 32000 हाथी थे।

- जहांगीर के पास 1,30,000 हाथी थे। इससे मानवों द्वारा प्राचीन काल से हाथी को सवारी, लकड़ी ढोने, धार्मिक उत्सवों आदि में विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है।

हाथी की विशेषताएं

- हाथी सूंड जीव समुह का जन्तु है।  - सूंड की मदद से यह पेड़ों व झाडिय़ों से टहनिया व पत्तियां तथा जमीन से घास-फूस एकत्रित कर अपने मुंह में रखता है।

- हाथी के सूंड को किसी भी दिशा में घुमाया जा सकता है, इससे अन्य हाथियों या दुश्मनों की गंध लेता है।

- हाथी की ²ष्टि बहुत अच्छी न होने के कारण सूंड से ही इसकी पूर्ति करता है।

- लंबी सूंड से हाथी अलग-2 लंबी ध्वनियां उत्पन्न करते हैं।

- हाथी तेज आवाज करें तो आदमी को सचेत होना चाहिए।

पाचन तंत्र होता है कमजोर

- हाथी खाना पचाने में कमजोर होते हैं।

- उनके कुल भोजन का 45 प्रतिशत ही पाचन क्रिया में काम आता है।

- इन्हें प्रतिदिन 16 घंटे चरना पड़ता है।

- हाथी मादा प्रधान समुह में रहते हैं।

- बुजुर्ग मादा ग्रुप का संचालन करती है, जो अपने अनुभव से समूह को रास्ता बताने के साथ खतरों से आगाह करती है।

- एक नर हाथी 200 से 300 किलोग्राम चारा तो 100 से 160 लीटर पानी पीता है।

-  इसका गर्भकाल 18 से 22 माह का होता है।

------प्रस्तुतिकर्ता- डा. सुनील कुमार (भारतीय वन सेवाएं, हरियाणा कैडर) व यदु भारद्वाज (भारतीय वन सेवाए गुजरात कैडर)


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