सैकड़ों सिम कार्ड खरीदकर धनी एप से निकाले लाखों रुपये
हरदीप ने बताया कि उनकी धनी एप से लोन देने ऑनलाइन शॉपिग रिचार्ज सहित पेटीएम व फोन पे की तरह की काम किया जाता है। एप के जरिये 14 नवंबर से दीवाली की छुट्टियों के दौरान करीब 30 करोड़ रुपये का विभिन्न लोगों के खातों में क्रेडिट हुआ।
जागरण संवाददाता, हिसार : लोगों को लोन मुहैया करवाने वाली धनी एप से ही दीपावली की छुट्टियों के दौरान करीब 89 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर ली गई। मामले में धनी एप के लीगल चीफ मैनेजर हरदीप सिंह ने सिविल लाइन थाना पुलिस में शिकायत दी है।
शिकायत में हरदीप ने बताया कि उनकी धनी एप से लोन देने, ऑनलाइन शॉपिग, रिचार्ज सहित पेटीएम व फोन पे की तरह की काम किया जाता है। एप के जरिये 14 नवंबर से दीवाली की छुट्टियों के दौरान करीब 30 करोड़ रुपये का विभिन्न लोगों के खातों में क्रेडिट हुआ। 18 नवंबर को इस बारे में जब स्टेटमेंट की जांच की तो पता लगा कि एप के जरिये करीब 150 लोगों द्वारा 89 लाख 46,282 रुपये की धोखाधड़ी की गई है। आरोपितों ने एप को हैक कर अलग-अलग मोबाइल नंबर से रुपये अपने खातों में ट्रांसफर कर लिए।
6 लोगों पर मामला दर्ज
हरदीप सिंह ने 6 लोगों के खिलाफ सिविल लाइन थाना में शिकायत दी है। हरदीप सिंह ने कहा कि धनी लोन एंड सर्विसेज लिमिटेड पूर्व में इंडियाबुल्स कंज्यूमर फाइनेंस लिमिटेड के नाम से जानी जाती थी। उनकी कंपनी की ओर से धनी-पे प्रीपेड खाता के नाम से एक मोबाइल एप्लीकेशन शुरू की गई थी। धनी पे कार्ड के माध्यम से भी उपभोक्ता ऑनलाइन और ऑफलाइन तरीके से भुगतान कर सकता है। हरदीप का आरोप है कि बरवाला के वार्ड-11 निवासी निशा रानी, ढाणी सीसवाल निवासी अजय कुमार, अकबरपुर निवासी अनूप सिंह, गौरछी निवासी रजत और बरवाला के वार्ड-12 निवासी सोनू व एक अन्य ने इस एप के माध्यम से कंपनी से धोखाधड़ी कर ली। मामले में पुलिस ने हरदीप सिंह की शिकायत पर इनके खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है।
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धनी एप से किए फ्रॉड में सामने आया कि एक ही शख्स के खाते में दो लाख रुपये लोन के रूप में जारी किए गए। हिसार में ऐसे करीब 150 लोग हैं, जिनके खाते में अलग-अलग मोबाइल सिम का प्रयोग किया गया। हरदीप का आरोप है कि किसी व्यक्ति ने 50 सिम का प्रयोग किया है तो किसी ने 150 के करीब।
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ऐसे की ठगी
हरदीप का आरोप है कि आरोपित निशा रानी और उनके सहयोगियों ने लगभग 67 सिम कार्ड खरीदे। इसके बाद एक ही नाम व पते के साथ धनी ऐप डाउनलोड किया, लेकिन एक ही मोबाइल नंबर के साथ दस्तावेजों का उपयोग कर खाते में एप से 7,86,179 रुपये ट्रांसफर किए गए। इसी तरह अजय कुमार ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर 58 सिम कार्ड खरीदे और पहचान के प्रमाणों को आधार बनाकर धनी के आवेदन को उसी नाम और पते के साथ डाउनलोड किया, लेकिन मोबाइल नंबर अलग था। उनके खाते में 4,07,693 रुपये ट्रांसफर किए गए।
अनूप सिंह और उनके सहयोगियों ने पहचान प्रमाणों के जरिये 54 सिम कार्ड खरीदे और धनी एप्लीकेशन से 3,48,902 रुपये अपने खाते में डाले। आरोपित रजत ने अपने साथियों के साथ दस्तावेजों और जाली दस्तावेजों के जरिए लगभग 50 सिम कार्ड खरीदे और धनी एप्लीकेशन से 4,81,858 रुपये अपने खाते में डाले। अभियुक्त सोनू कुमार और उसके सहयोगियों ने डुप्लीकेट दस्तावेज बनाकर 45 सिम कार्ड खरीदे 4,10,345 रुपये ट्रांसफर किए।