कभी भूल नहीं पाउंगा डर के साए में बिताए वो 17 घंटे
मैं रोजाना की तरह वीरवार रात 10 बजे अस्पताल से अपने घर जाने के लिए निकला था। जैसे ही मैंने अपनी ब्रेजा गाड़ी के पास जाकर गाड़ी का दरवाजा खोला तभी आरोपित युवक ने मुझसे कहा कैसे हो मित्तल जी मैं आपका पड़ोसी हूं मुझे भी सेक्टर-13 छोड़ दो मैंने उसे पड़ोसी समझकर गाड़ी में बैठा लिया।
जागरण संवाददाता, हिसार:
मैं रोजाना की तरह वीरवार रात 10 बजे अस्पताल से अपने घर जाने के लिए निकला था। जैसे ही मैंने अपनी ब्रेजा गाड़ी के पास जाकर गाड़ी का दरवाजा खोला तभी आरोपित युवक ने मुझसे कहा कैसे हो मित्तल जी, मैं आपका पड़ोसी हूं, मुझे भी सेक्टर-13 छोड़ दो, मैंने उसे पड़ोसी समझकर गाड़ी में बैठा लिया। इसके बाद गाड़ी स्टार्ट कर सेक्टर 13 की तरफ जाने लगा। सेक्टर-16-17 मोड़ पर ईजीडे के सामने पहुंचा तो साथ बैठे आरोपित युवक ने गन निकालकर मेरी कनपटी पर लगा दी। वहां आरोपित ने गाड़ी रुकवाकर मेरे कोट से मेरा मुंह बांध दिया। इसके बाद आरोपित खुद मेरी गाड़ी की ड्राइविग सीट पर आ गया। मुंह पर कपड़ा बंधा होने के कारण मुझे पता नहीं लगा वह आरोपित मुझे कहां लेकर जा रहा है। बाद में पता लगा कि आरोपित युवक मुझे गांव पातन में लेकर आया है। वहां उसने मुझे एक कमरे में ले जाकर बंद कर दिया। मुझे धमकाते हुए आरोपित युवक ने मेरे मुंह से बंधा हुआ कोट हटाया। तब मुझे पता लगा कि मैं एक कमरे में बंद हूं। आरोपित ने मुझे पिस्तौल दिखाकर धमकाते हुए कहा कि अपनी जान की सलामती चाहते हो तो अपने परिचितों को फोन करो और उनसे जरुरत होने की बात कहकर 10 लाख रुपये मांगो। आरोपित ने मुझ पर लगातार पिस्तौल तान रखी। आरोपित के कहने पर मैंने अस्पताल में अपने पार्टनर बिदूसार को फोन लगाया, उस दौरान रात के 12 बजे थे। लेकिन बिदूसार ने फोन नहीं उठाया। इसके बाद आरोपित के कहने पर मैंने अपने फोन से अपने ही अस्पताल में कर्मचारी राहुल को फोन लगाया। आरोपित ने मेरा फोन छीनते हुए राहुल को कहा कि संजय की सलामती चाहते हो तो सुबह तक 10 लाख रुपये का प्रबंध कर लो। इस दौरान आरोपित ने राहुल को फोन पर रुपये ना मिलने पर मुझे मारने की धमकी भी दी। आरोपित के ऐसा कहने पर मैं घबरा गया, डर भी लग रहा था कि कहीं ये मुझे मार ना दें, मुझे अपनी पत्नी और बच्चों की याद आ रही थी तो मैंने आरोपित से कहा कि मेरी पत्नी से बात कर लेने दो। रुपये का प्रबंध मैं करवा दूंगा। मैंने अपनी पत्नी पूजा को फोन कर उसे कहा कि मैं कही बाहर जा रहा हूं, कल तक आउंगा। उसे बताया नहीं कि मेरा अपहरण हो गया है। आरोपितों ने मुझे पूछा की खाना खाओगे तो मैंने मना कर दिया। मुझे आरोपित लगातार धमका रहे थे और रुपये ना मिलने पर मारने की धमकी भी दे रहे थे। जिससे मेरी आंखों के सामने मौत घूम रही थी, आरोपितों ने मुझे कई बार खाने के लिए पूछा, लेकिन घबराहट और डर के मारे मैंने खाना नहीं खाया, हालांकि उनकी दी हुई थोड़ी लस्सी मैंने पी। सारी रात मैं डर के साए में रहा। इसके बाद आरोपित मुझे सुबह के समय 5 बजे के करीब गाड़ी में डालकर चुरु ले गए। उस दौरान आरोपित राजा ने सतीश को साथ लिया था। इसके बाद वे दिनभर गाड़ी में घुमाते रहे। दोपहर दो बजे के करीब वे मुझे लाडवा व डाबड़ा गांव के बीच रास्ते पर ले आए। आरोपितों इस दौरान राहुल को फोन कर रुपये लेकर आने को कहते रहे। शाम 5 बजे के करीब डाबड़ा गांव के नजदीक उन्होंने राहुल को रुपये लेकर बुलाया। उस दौरान राहुल ने पुलिस को सूचना दी तो पुलिस ने जाल बिछाकर आरोपित को पकड़ लिया। लेकिन मुख्य आरोपित राजा वहां से भाग निकला। डर के साए में बिताए वो 17 घंटे मैं कभी नहीं भूला पाऊंगा।
..जैसा कि नोबल अस्पताल के संचालक संजय मित्तल ने बताया। बॉक्स
संजय मित्तल का अपहरण कर 10 लाख रुपये की मांगी थी फिरौती
तोशाम रोड स्थित नोबल अस्पताल के संचालक संजय मित्तल के अपहरण कर 10 लाख रुपये की फिरौती मांगने के मामले में पकड़े गए आरोपित सतीश को शनिवार को अदालत में पेश किया गया। जहां से सिविल लाइन थाना पुलिस ने उसे दो दिन के रिमांड पर लिया है। पुलिस मामले में आरोपित सतीश से पूछताछ कर मुख्य आरोपित राजा को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है। वहीं पुलिस ने नोबल अस्पताल संचालक संजय मित्तल, अस्पताल कर्मचारी राहुल के मोबाइल फोन कब्जे में लिए है, साथ ही दूसरे आरोपित को पकड़ने के लिए सीसीटीवी फूटेज खंगाली जा रही है।
गौरतलब है कि वीरवार रात 10 बजे नोबल अस्पताल के संचालक संजय मित्तल का अस्पताल के बाहर से ही पिस्तौल के बल पर अपहरण कर लिया गया था। शुक्रवार दोपहर पुलिस ने शिकायत मिलने पर 6 घंटे में ही संजय मित्तल को आरोपितों के चंगुल से मुक्त करवाकर 10 लाख रुपये भी बरामद किए थे।