बारिश में भीगने से काला हुआ मंडी में पड़ा गेहूं, नहीं हो रहा उठान
सुनील मान नारनौंद गेहूं के सीजन में दो बार हुई बारिश ने किसानों के पीले सोने को तो खर
सुनील मान, नारनौंद : गेहूं के सीजन में दो बार हुई बारिश ने किसानों के पीले सोने को तो खराब किया ही, साथ ही अनाज मंडी में जो गेहूं आढ़तियों ने खरीदा, वो भी भीगने के कारण काला हो गया। अब सरकारी खरीद एजेंसी के अधिकारी उसको उठाने में आनाकानी कर रहे हैं। इसके कारण अबकी बार आढ़तियों के चेहरों पर भी चिता की लकीर साफ झलक रही है।
नारनौंद की अनाज मंडी में अब तक करीब 6 लाख गेहूं के बैग आने की संभावना थी। अब तक पांच लाख बैग की खरीद हो चुकी है। करीब एक लाख बैग किसानों से खरीदने बाकी हैं। उठान धीमा होने के कारण साढे तीन लाख बैग अनाज मंडी में खुले आसमान के नीचे पड़े हैं। जोकि बारिश आने के कारण भीगकर खराब होने के कागार पर हैं। वहीं जो गेहूं आढ़तियों ने बैगों में नहीं भरवाया था, वो भी बारिश में भीगने के कारण काला पड़ चुका है। आढ़ती आजाद मान, अमरीक सिंह पाली, कुलदीप गौतम, शमशेर कुकन, रामफल लोहान, धर्मपाल पेटवाड़, सतबीर शर्मा, विजय पाल इत्यादि ने कहा कि गेहूं का समय पर उठान न होने के कारण गेहूं खराब हुआ है, उसकी जिम्मेदारी सरकार की है। अगर सरकार ने आढ़तियों को मुआवजा नहीं दिया तो वो आत्महत्या करने के लिए मजबूर होंगे।
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मंडी में पड़े गेहूं को बारिश में भीगने से बचाने व रखरखाव की जिम्मेदारी आढ़ती की होती है। इसमें विभाग कुछ नहीं कर सकता। जो गेहूं सही मापदंडों पर खरा उतरेगा, उसको ही खरीदा जाएगा।
सुभाष सिहाग, नियंत्रक, जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग।
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आढ़ती व किसानों का बारिश के कारण जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई सरकार को करनी चाहिए। मंडी में जो गेहूं पड़ा है, उसका उठान भी जल्द से जल्द करवाया जाएगा।
महाबीर शर्मा, चेयरमैन, मार्केट कमेटी।