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कड़ाके की सर्दी में पश्चिमी विक्षोभ करेगा मौसम में बदलाव, 21 से 23 जनवरी तक बारिश के आसार

पश्चिमी विक्षोभ होने से 21 जनवरी से 23 जनवरी तक तेज सर्द हवाएं चलने और गरज चमक के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है। जिससे कंपकंपाने वाली सर्दी बढ़ सकती है। मंगलवार को रोहतक का अधिकतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया है।

By Naveen DalalEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 06:59 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 06:59 PM (IST)
कड़ाके की सर्दी में पश्चिमी विक्षोभ करेगा मौसम में बदलाव, 21 से 23 जनवरी तक बारिश के आसार
हरियाणा में आने वाले दिनों बारिश के साथ ठंड बढ़ने के आसार।

रोहतक, जागरण संवाददाता। हरियाणा में आगामी दिनों में सर्दी और बढ़ सकती है। इन दिनों पड़ रही कड़ाके की सर्दी में पश्चिमी विक्षोभ से मौसम में बदलाव होगा। जिसके चलते बुधवार से ही बादल छा सकते हैं। इतना ही नहीं, 21 से 23 जनवरी तक बारिश के आसार भी बने हुए हैं। मौसम विभाग की ओर से यह पूर्वानुमान लगाया गया है। माघ महीने की शुरुआत में भी सर्दी सता रही है। सुबह-शाम कड़ाके की सर्दी से लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है।

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बारिश होने के आसार

मौसम विशेषज्ञों के पूर्वानुमान के मुताबिक पाश्चिमी विक्षोभ का आंशिक प्रभाव होने यहां भी हवा में बदलाव होगा। उत्तर पश्चिम से दक्षिण पूर्व व पूर्वी हवा हो जाने से से 20 जनवरी के दौरान आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। फिर एक और पश्चिमी विक्षोभ होने से 21 जनवरी से 23 जनवरी तक तेज सर्द हवाएं चलने व गरज चमक के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है। जिससे कंपकंपाने वाली सर्दी बढ़ सकती है। वहीं, मंगलवार को रोहतक का अधिकतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। दोपहर में अलग अलग समय पर लगभग आधा घंटा ही सूर्य देव के दर्शन हुए लेकिन शीत लहर के चलते सर्दी बनी रही। सूर्य देव के दर्शन कम समय के लिए होने के चलते ठिठुरन बनी रही। इंसानों के साथ पशु-पक्षियों को भी ठिठुरते देखा गया। वहीं, अनेक स्थानों पर लोगों ने सर्दी से बचाव के लिए अलाव का सहारा लिया।

ऐसे बनता है पश्चिमी विक्षोभ

विशेषज्ञों के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ यानि वेस्टर्न डिस्टर्बंस, भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी इलाको में सर्दियों के मौसम में आने वाला यह ऐसा तूफान है जो उत्तर, भारत, पाकिस्तान, नेपाल से गुजरते हुए इनके दायरे में आने वाले वायुमंडल की ऊंची स्तहों में भूमध्य सागर, अंध महासागर और कुछ हद तक कैस्पियन सागर से नमी लाता है। जिससे मौसम में बदलाव आता है। इससे हवा के ऊपरी भाग में चक्रवाती हवा का घेरा बनता है।

शरीर के लिए जरूरी है विटामिन डी

हमारे शरीर के लिए विटामिन डी बहुत जरूरी है। यह हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों को यह मजबूत करता है और उन्हें स्वस्थ रखता है। विटामिन डी शरीर को कैल्शियम और फास्फेट पचाने में मदद करता है, जिससे हड्डियां, दांत और मांसपेशियां मजबूत और स्वस्थ रहते हैं। इसे धूप से मिलने वाले विटामिन के रूप में जाना जाता है, ये हमारे शरीर में तब बनता है जब त्वचा पर सूरज की किरणें पड़ती हैं। हालांकि विटामिन-डी प्राप्त करने के और भी कई स्रोत हैं। लेकिन उनसे काफी कम मात्रा में विटामिन डी मिल पाता है। इसकी कमी से हड्डियों में दर्द, मांशपेशियों में कमजोरी महसूस होना, थकावट, किसी भी काम में मन न लगना और अधिक नींद आना आदि कई सारी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इन दिनों धूप में रहन बहुत फायदेमंद रहता है।

---- पूनम कथूरिया, सीनियर डाइटीशियन, पीजीआइएमएस, रोहतक।


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