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हरियाणा में लू के थपेड़ों से परेशान लोग, 20 मई के करीब पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना

हरियाणा में दिन के समय सर्वाधिक तापमान सिरसा में 44.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसी प्रकार से गुरूग्राम में 44.5 डिग्री सेल्सियस हिसार में 43.4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। वहीं रात्रि तापमान में बढोतरी देखने को मिल रही है।

By Naveen DalalEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 07:56 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 07:56 PM (IST)
हरियाणा में लू के थपेड़ों से परेशान लोग, 20 मई के करीब पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना
हरियाणा में बढ़ती गर्मा से लोग परेशान।

हिसार, जागरण संवाददाता। हरियाणा लू के थपेड़ों से लोग परेशान है। वहीं दूसरी और  पश्चिमी विक्षोभ के अधिक सक्रिय न होने के कारण बारिश नहीं हो सकी। हालांकि पिछले कुछ दिन से बढ़ रहे तापमान में कमी आ गई है। मंगलवार को फिर से तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिली।

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हरियाणा में दिन के समय का तापमान

दिन के समय सर्वाधिक तापमान सिरसा में 44.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसी प्रकार से गुरूग्राम में 44.5 डिग्री सेल्सियस, हिसार में 43.4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। वहीं रात्रि तापमान में बढोतरी देखने को मिल रही है। पश्चिमी विक्षोभ का आंशिक प्रभाव प्रदेश में पिछले तीन दिन देखने को मिला। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण प्रदेश में बारिश भी आनी थी मगर बारिश न आने से प्रदेश में गर्मी बरकरार रही। इसके साथ ही कुछ क्षेत्रों में छिटपुट बूंदाबांदी हुई।

तापमान में हल्की गिरावट

पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से प्रदेश के विभिन्न जिलों में तापमान में कमी आई है। बारिश न आने का एक कारण रहा कि पश्चिमी विक्षोभ आया तो सही मगर सक्रिय नहीं हो सका। इसी कारण से बारिश नहीं हुई। अब आगामी दिनों में गर्मी फिर से देखने को मिल सकती है। क्योकि हाल फिलहाल कोई सिस्टम नहीं बन रहा है। 20 मई के आसपस पश्चिमी विक्षोभ आने की संभावना तो है मगर यह कितना सक्रिय रहेगा इस पर संशय है।

आगे गर्मी बढ़ने की संभावना

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि प्रदेश में आगामी समय में गर्मी बढ़ने की संभावना है। 20 मई को एक और पश्चिमी विक्षोभ आएगा मगर यह संभावना कम है कि वह सक्रिय हो। मगर इसके प्रभाव के चलते कम से कम तापमान में हल्की कमी देखने को मिल सकती है। अधिक गर्मी बढ़ने से किसानों की चिंता भी बढ़ी हुई है। क्योंकि किसानों ने अब जो फसलें बिजाई की वह पानी के कमी के कारण अधिक तापमान में जल रही है।


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