तेज धूप से मिली सर्दी से राहत, रात तक मौसम बदलेगा करवट, दो दिन बारिश के आसार
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार पश्चिम विक्षोभ के कारण 8 फरवरी तक गरज-चमक व हवाओं के साथ कहीं हल्की और कहीं मध्यम बारिश की संभावना है
हिसार, जेएनएन। लगातार कई दिन ठंड गिरने के बाद मौसम ने एक बार फिर करवट बदली है। बुधवार को तेज धूप के कारण सर्दी बेहद कम महसूस हुई। इसके साथ ही रात तक बारिश होने के आसार भी हैं। वहीं बुधवार की सुबह फरीदाबाद और दिल्ली एनसीआर समेत कई जगहों पर बारिश हुई। वहीं हिसार और आसपास के जिलों में भी रात के बाद आठ फरवरी तक बारिश के आसार बने रहेंगे।
वहीं इससे पहले समूचे उत्तर भारत में बर्फीली हवा चल रही थी। दिल्ली, हरियाणा उत्तर प्रदेश के अलावा साथ लगते राज्य में ठंड अपना कहर बरवा रही थी। बुधवार को तेज धूप से कारण राहत मिली मगर बारिश के बाद अभी इस सर्दी से राहत मिलने वाली नहीं है। मंगलवार को भी सुबह ही धूप निकल आई थी। पश्चिमी विक्षोभ के कारण अभी इसी तरह का मौसम आगामी दिनों में बना रहेगा और जल्दी राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। इससे पहले मंगलवार को मौसम साफ और सामान्य रहा। अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्यियस दर्ज किया गया। वहीं न्यूनतम तापमान में 3.6 डिग्री की बढ़ोतरी हुई और यह 8.6 डिग्री सेल्सियस रहा। मंगलवार को सुबह के समय आद्र्रता 92 फीसद और शाम के समय 70 फीसद दर्ज की गई।
मंगलवार को दर्ज डिग्री सेल्सियस में तापमान
जिला अधिकतम न्यूनतम
सिरसा 23.0 12.0
फतेहाबाद 21.0 8.0
हिसार 23.0 8.6
भिवानी 23.0 13.0
रोहतक 21.0 11.0
झज्जर 23.0 13.0
चरखी दादरी 24.0 13.0
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में घना कोहरा आम जन-जीवन को प्रभावित करेगा। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार पश्चिम विक्षोभ के कारण 8 फरवरी तक गरज-चमक व हवाओं के साथ कहीं हल्की और कहीं मध्यम बारिश की संभावना है।
ठंड लंबी चली तो गेहूं को होगा फायदा
करनाल के केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के डॉ. एसपी तोमर के मुताबिक जितनी लंबी ठंड पड़ेगी, गेहूं की फसल को उतना अधिक फायदा होगा। 20 फरवरी तक भी गेहूं को अच्छी ठंड चाहिए। इसके बाद तापमान धीरे-धीरे बढ़े तो अच्छा उत्पादन होगा। लेकिन पिछले पांच से सात सालों में अक्सर यही देखने में आ रहा है कि तापमान अचानक बढ़ जाता है, जिससे समय से पहले गेहूं की फसल निसर जाती है। ठंड का जितना टाइम चाहिए वह उसको नहीं मिल पाता। जिसका उत्पादन पर भी 7 से 10 प्रतिशत तक असर होता है।