weather update: मौसम फिर बदल रहा करवट, तीन दिन बारिश के आसार
मौसम एक बार फिर करवट बदलने वाला है। अब मौसम विभाग के अनुसार अलगे दो दिन बादल छाने व 14 से 16 फरवरी तक बरसात होने की संभावना जताई है।
हिसार, जेएनएन। उत्तर भारत में बीते दिनों गिरे ओले की ठिठुरन अभी कम भी नहीं हुई है कि मौसम एक बार फिर करवट बदलने वाला है। अब मौसम विभाग के अनुसार अलगे दो दिन बादल छाने व 14 से 16 फरवरी तक बरसात होने की संभावना जताई है। सोमवार को अधिकतम तापमान 19 डिग्री व न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अगर आने वाले दिनों में ऐसा ही मौसम रहा तो तापमान और गिर सकता है।
रविवार सुबह अच्छी धूप निकली। दोपहर बाद मौसम ने करवट ली और तेज हवाओं के साथ काले बादल छा गए। शाम होते-होते ठंड भी बढ़ गई। सोमवार को भी सुबह के वक्त ठंड महसूस हुई तो साथ ही आंश्ािक बादल भी छाए हालांकि दिन में मौसम साफ रहा। वहीं हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय मौसम विभाग विशेषज्ञ अनुसार बारिश के आसार हैं, ओलावृष्टि की संभावना कम ही है।
सरसों को सकता नुकसान, गेहूं की फसल को होगा फायदा
अब बरसात होगी तो सरसों की फसल को नुकसान भी हो सकता है। क्योंकि फरवरी माह के अंत में कुछ जगहों पर सरसों की कटाई भी शुरू हो जाएगी। ऐसे में किसान चिंतित है कि अगर बरसात के साथ ओलावृष्टि हो गई तो नुकसान बहुत होगा। तीन दिन पहले जिले में हल्की बूंदाबांदी के बाद ओलावृष्टि हुई थी। हालांकि ओलावृष्टि इतनी कम थी कि कोई नुकसान नहीं हुआ। लेकिन किसानों को डर सता रहा है कि ओलावृष्टि हुई तो उनकी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। हालांकि गेहूं की फसल में बारिश से फायदा होगा।
बदलते मौसम से मरीजों की संख्या में हुई बढ़ोतरी
दो दिन पहले हुई ओलावृष्टि का असर है कि बच्चे सर्दी की चपेट में अधिक आ रहे है। सुबह शाम इतनी ठंड होती है कि कमरों के अंदर ही ठिठुरन बनी रहती है। नागरिक अस्पताल में पहले बच्चों की ओपीडी 100 के करीब थी जो शनिवार को बढ़कर 150 हो गई। वहीं सोमवार को अस्पताल खुलने के बाद ओपीडी और अधिक बढ गई। नागरिक अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ ने बताया कि बच्चे सर्दी की चपेट में आ रहे है। अगर इन्हें गर्म वस्त्र पहनाया जाए तो इस सर्दी से बचाया जा सकता है। अगर बच्चा बीमार हो जाए तो उसे तुरंत डाक्टर के पास लेकर जाना चाहिए।
--पिछली बार जब बरसात हुई तो कुछ क्षेत्रों में ओलावृष्टि हुई थी। लेकिन ज्यादा नुकसान नहीं है। अब फिर मौसम परिवर्तनशील रहेगा। इसलिए किसान गेहूं की फसल में सिचाई रोक दे। दो तीन दिन बाद जब मौसम साफ हो जाये तभी सिचाई करें।
डाॅ. बलवंत सहारण, उपकृषि निदेशक फतेहाबाद।