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पाकिस्तान की ओर से आई हवाओं से हरियाणा में हो रही बारिश, तीन दिन ऐसा ही रहेगा मौसम

दो वर्ष बाद नौतपा में पश्चिमी विक्षोभ के कारण आई है बारिश। मध्य सागर से उठकर अधिक से कम दबाव वाले क्षेत्र की तरफ हवाओं के चलने से बनता है ऐसा पश्चिमी विक्षोभ

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 06:52 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 06:52 PM (IST)
पाकिस्तान की ओर से आई हवाओं से हरियाणा में हो रही बारिश, तीन दिन ऐसा ही रहेगा मौसम
पाकिस्तान की ओर से आई हवाओं से हरियाणा में हो रही बारिश, तीन दिन ऐसा ही रहेगा मौसम

हिसार, जेएनएन। हरियाणा में जला देने वाली लू और गर्मी के बाद ऐसे मौसम  बदला है कि मानो प्री मानसून आ गया हो। गुरुवार को बूंदाबांदी हुई तो वहीं शुक्रवार को प्रदेश के कई जिलों में आंधी और तेज हवाओं के साथ जमकर बदरा बरसे। सिरसा और भिवानी में तो सड़कें पानी से लबालब हो गई तो रेवाड़ी में तो ओलावृष्टि तक हुई। वहीं अन्‍य जिलों में कहीं तेज तो कहीं बूंदाबांदी के तौर पर बारिश हो रही है। हालांकि नौतपा में इस तरह से मौसम में बदलाव कम ही होता है मगर इस बार मौसम में एक दम से तब्‍दीली हुई है।

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पाकिस्‍तान की ओर से आई तेज हवाओं के कारण बने पश्चिमी विक्षाेभ के कारण ऐसा हो रहा है। बारिश होने के कारण गर्मी छू मंतर हो गई है तो वहीं मंडियों में खुले में रखी गेहूं की फसल फिर से भीग गई है। वहीं तेज हवाओं के कारण नरमा की फसल को भी नुकसान पहुंचा है। मगर अभी मौसम में बदलाव जल्‍दी देखने को नहीं मिलेगा। एक जून तक इसी तरह का मौसम बना रहेगा। ऐसे में कुछ विशेष सावधानी बरतने की भी आवश्‍यकता है।

दो दिन पहले ही जहां हरियाणा में हिसार का तापमान 48 डिग्री तक पहुंच गया था वहीं बारिश होने के बाद इसमें करीब 12 से 13 डिग्री की गिरावट देखने को मिली है। शुक्रवार को हिसार में शाम का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अभी इसमें और भी गिरावट होने का अनुमान है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि मौसम में परिवर्तन पश्चिमी हवाओं की गड़बड़ी (पश्चिमी विक्षोभ) के कारण हुआ है।

पाकिस्तान की तरफ से आई नमी भरी हवाओं के कारण मौसम में परिवर्तन रहा। इन हवाओं के कारण राजस्थान के लगते हरियाणा में कम दबाव का क्षेत्र बना जिससे हरियाणा में बारिश व तेज हवाएं चली। इस बारिश का किसानों को काफी फायदा होगा। खासकर नरमा बोने वाले किसान व फल सब्जियों की खेती में भी इस बारिश का फायदा किसानों को मिलेगा। हालांकि तेज हवाओं से नुकसान भी हो सकता है।

आसमानी बिजली गिरने से किसान की मौत

कलानौर : कस्बे के गांव गढ़ी बलम में बृहस्पतिवार शाम को आसमानी बिजली गिरने से एक किसान की मौत हो गई । मृतक राकेश अपने भाई धर्मबीर व भतीजे आदित्य के साथ अपने खेत मे काम कर रहा था। प्यास लगने के कारण धर्मबीर व आदित्य थोड़ी दूर पर बने कोठड़े में चले गए। इतने में ही तेज आंधी व गड़गड़ाहट के साथ बारिश शुरू हो गई । इसी बीच तेज आवाज के साथ गिरी आसमानी बिजली ने राकेश को अपनी चपेट में लिया ।  बारिश बंद होने के बाद धर्मबीर अपने भाई राकेश के पास खेत मे  पहुंचा तो राकेश का शरीर झुलसा हुआ जमीन पर पड़ा था । इस पर उसने शोर मचाया, जिसके बाद आसपास के किसान इकठ्ठा हुए और राकेश  को उठाने का प्रयास करने लगे, लेकिन इस दौरान उसकी मौत हो चुकी थी। मृतक राकेश ही अपने घर मे इकलौता कमाने वाला था । पूरा परिवार ही उस पर आश्रित था। राकेश के परिजनों ने प्रशासन से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है

क्या होता है पश्चिमी विक्षोभ

जब भी हवाएं मध्य सागर से उठकर कम दवाब के क्षेत्र की तरफ बढ़ती हैं, तो वह अपने साथ नमी लेकर आती हैं। यह हवाएं कई महासागर से नमी लेकर आगे बढ़ती रहती हैं। यह ईरान, इराक, अफगानिस्तान, पाकिस्तान होते हुए भारत में प्रवेश करती हैं। कई बार यह हवाएं सीधे उत्तर की तरफ हिमाचल, जम्मू कश्मीर की तरफ मुड़ जाती हैं। जहां पहाड़ों में बारिश व बर्फबारी करती हैं। जब यह हवाएं उत्तर पूर्व की तरफ यानि मैदानी क्षेत्रों में बढ़ती हैं तो वहां बारिश करती हैं।

2016 में 13 वर्ष बाद नौतपा में आया था पश्चिमी विक्षोभ

20 वर्षों में नौतपा के दौरान बारिश का आंकड़ा देखा जाए तो सबसे पहले 2001 में 20.2 एमएम व 2002 में 69.0 एमएम बारिश दर्ज की गई थी। इसके 13 वर्ष बाद 2016 में 2.0 व 2017 में 9.5 एमएम बारिश आई। इसके दो वर्ष बाद अब 2020 मई में नौतपा के दौरान बारिश दर्ज की गई है। अक्सर नौतपा के दौरान बारिश न होने का कारण हवाओं का सर्कुलेशन नहीं बन पाना है। या अगर सर्कुलेशन बनता भी है तो वह अधिक सक्रिय नहीं रहता और गुजर जाता है।

आने वाले तीन दिनों में बारिश की संभावना

एचएयू के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से 29 मई को मौसम में बदलाव तथा 29 मई रात्रि से एक जून तक बारिश की संभावना बनी हुई है। बीच  में आंशिक बादल, तेज हवाएं चलने  व गरजचमक के साथ  ज्यादातर स्थानों पर बारीश होने की संभावना  तथा जिसे तापमान में भी गिरावट होगी।

मौसम में बदलाव को लेकर किसान इन बातों का रखें ध्यान

- नरमा की बिजाई अब तक न की है बारीश की संभावना को देखते हुए रोक लें।

- प्रमाणित किस्मों के उत्तम बीजों का प्रबंध कर अच्छी प्रकार से खेत तैयार कर धान की नर्सरी अब तक न लगाई है तो जल्दी से जल्दी लगाए ।

- रबी फसल की कटाई के बाद खाली खेतो की गहरी जुताई कर जमीन को खुला छोड़ दें ताकि सूरज की तेज धूप से गर्म होने के कारण इसमें छिपे कीडो के अंडे तथा घास आदि के बीज नष्ट हो जायें।

- खाली खेतों में हरी खाद के लिए सनई, ढैंचा आदि की बिजाई के लिए बीज का प्रबंध कर ले  ताकि संभावित बारिश के बाद भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए बिजाई की जा सके ।


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