परमात्मा की रजा में हमें राजी रहना चाहिए:कंवर साहेब
संवाद सहयोगीबरवाला परमसंत सतगुरु कंवर साहेब महाराज ने कहा कि जिस संसार को आप सुख मा
संवाद सहयोगी,बरवाला : परमसंत सतगुरु कंवर साहेब महाराज ने कहा कि जिस संसार को आप सुख माने बैठे हो वो ही सबसे बड़ा दुख है। सुख अगर कुछ है तो नियमों की पूर्ण पालना करते हुए गुरु वचन को मानने से है। आपने बाजी जिदगी की लगा रखी है। किसके साथ काल के साथ। कैसे जीतोगे। काल से तो बाद में लड़ना है। पहले उसके प्यादों से लड़ना सीखो। प्यादे क्या हैं। मान, मद, लोभ, मोह, अहंकार। पहले उनसे लड़ना सीखो तब काल को हरा पाओगे और जिदगी की बाजी जीत जाओगे। यह बात परमसंत सतगुरु कंवर साहेब महाराज ने बरवाला के हांसी रोड पर स्थित राधास्वामी आश्रम से जारी वर्चुअल सत्संग में कही। कोरोना महामारी को देखते हुए राधास्वामी सत्संग दिनोद ने संगत के लिए वर्चुअल सत्संगों की व्यवस्था कर रखी है।
कंवर साहेब ने कहा कि इंसान का चोला मिल तो गया लेकिन संस्कार वही पुराने पाले बैठे हो। सत्संग जीव को बुराइयों से हटाकर उसे अच्छाई पर रास्ते पर लाने का माध्यम है। सत्संग चाहे कैसे भी मिले वो लाभदायी है। हमें एक बार यह बुरा लग सकता है कि पहले की तरह हम प्रत्यक्ष रूप से सत्संग का लाभ नहीं उठा पा रहे लेकिन अगर देखा जाए तो शासन प्रशासन ने यह पाबंदियां हमारी भलाई के लिए ही लगा रखी हैं। शासन प्रशासन से ऊपर परमात्मा की रजा में भी हमें राजी रहना है क्योंकि वो सबकी चिता करता है। डर के बिना इंसान अनुशासन में नहीं रहता। अनुशासन बाकी चीजों का रास्ता खोलता है। इंसान धैर्य और संतोष धारण करता है तभी वह भक्ति का फल चख सकता है। उन्होंने कहा कि इंसान अपने इंद्री भोगों में फंसकर परमात्मा से भटकता है। भक्ति में और कोई चीज आड़े नहीं आती। ना अमीरी-गरीबी आड़े आती है ना कुल जाति। आप जिस हालत में हो उसमें चरित्रवान बन कर रहो। गुणग्राही बन कर रहो और सन्तों की संगत करो। उन्होंने कहा कि परमात्मा के लिए कुछ भी मुश्किल नहीं है। उसकी रजा के बिना पत्ता भी नहीं हिल सकता। आप सच्चाई के रास्ते पर चलो। सच्चाई के रास्ते पर चलने वाला एक इंसान भी लाखों करोड़ों के दिल पर राज कर उनका भी जीवन बदल सकता है। आज के हालात में यह मुश्किल है पर नामुमकिन नहीं है।