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अभिमान मुक्त होकर हम हो जाते हैं परमात्मा के निकट: स्वामी राजदास

जागरण संवाददाता, हिसार ¨जदल लेबर कॉलोनी में जारी अमृतमयी श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन राष्ट्रीय सं

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Jan 2018 03:01 AM (IST)Updated: Thu, 25 Jan 2018 03:01 AM (IST)
अभिमान मुक्त होकर हम हो जाते हैं परमात्मा के निकट: स्वामी राजदास
अभिमान मुक्त होकर हम हो जाते हैं परमात्मा के निकट: स्वामी राजदास

जागरण संवाददाता, हिसार

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¨जदल लेबर कॉलोनी में जारी अमृतमयी श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन राष्ट्रीय संत स्वामी राजदास महाराज ने बुधवार को विभिन्न प्रसंगों के माध्यम से जल बचाने व स्वच्छ रखने का संदेश दिया। उन्होंने बताया कि श्री कृष्ण के जन्म के बाद जहां पृथ्वी पर चारों ओर खुशी का माहौल पैदा हो गया, वहीं भगवान शिव भी कैलाश पर्वत छोड़ कर श्रीकृष्ण के बाल रूप के दर्शन के लिए आ पहुंचे तथा उनके दर्शन करने के बाद खुश होकर तांडव नृत्य शुरू कर दिया, जिससे तीनों लोकों में हाहाकार मच गया था। यशोदा के आग्रह पर ही भगवान ने अपना नृत्य बंद किया और अपने नंदी पर बैठकर कैलाश पर्वत की ओर निकल गए। उन्होंने कहा कि यमुना नदी के जल को स्वच्छ करने के लिए श्री कृष्ण अपने जीवन की परवाह किये बिना नदी में कूद गए किन्तु आज हम सभी इन पवित्र नदियों को जान बूझकर प्रदूषित कर रहे है। भागवत कथा समिति के सदस्य अनुपम जाखनवाल, सुरेश ¨जदल, दीपक जैन, भारतभूषण, राजपाल यादव, सुशील बंसल, बृजेश बंसल, संजय गोयल, आशीष बंसल, संजय केड़िया, रवि शर्मा, योगेंद्र नाथ, भाग देव, भागनारायण ¨सह, रमे‌र्श्वर महतो, भागनारायण प्रसाद, देवानंद, त्रिसेम ¨सह, बलबीर ¨सह, जयनारायण, आसीन, मुकेश व सतेंद्र राय को उनकी सेवाओं के लिए सम्मानित किया।


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