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मच्छर के लिए अनुकूल जन्मस्थली बन रही होदी व फ्रीज की ट्रे, झज्‍जर में यही मिल रहा सबसे ज्‍यादा लार्वा

डेंगू मलेरिया व चिकनगुनिया जैसी बीमारियों को फैलाने वाले मच्छर के लिए अनुकूल जन्मस्थली के रूप में होदी व फ्रीज की ट्रे बनकर उभर रही हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे एंटी लार्वा एक्टिविटी के दौरान पाया कि जिन जल स्त्रोत की जांच की है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 08:14 AM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 08:14 AM (IST)
मच्छर के लिए अनुकूल जन्मस्थली बन रही होदी व फ्रीज की ट्रे, झज्‍जर में यही मिल रहा सबसे ज्‍यादा लार्वा
होदी व फ्रीज की ट्रे की जांच में सबसे अधिक दो फीसद से ज्यादा मिला डेंगू मच्छर लार्वा

जागरण संवाददाता,झज्जर : जिला ही नहीं प्रदेशभर में मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ा हुआ है। खासकर डेंगू की बात करें तो लगातार मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया जैसी बीमारियों को फैलाने वाले मच्छर के लिए अनुकूल जन्मस्थली के रूप में होदी व फ्रीज की ट्रे बनकर उभर रही हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे एंटी लार्वा एक्टिविटी के दौरान पाया कि जिन जल स्त्रोत की जांच की है। उनमें से सबसे अधिक 2 फीसद से भी ज्यादा होदी व फ्रीज की ट्रे में मच्छर का लार्वा मिला है। हालांकि संख्या के हिसाब से बात करें तो 8185 घरों में अब तक मच्छर का लार्वा मिल चुका है। इसलिए आमजन को भी जागरूक होना होगा और मच्छर के लार्वा को पनपने से पहले ही नष्ट करना होगा। जिसके चलते मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम की जा सके।

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अब तक की बात करें तो जिले में कुल 87 डेंगू के मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। वहीं 4 मलेरिया के मरीज भी मिल चुके हैं। जो जिलावासियों ही नहीं स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। विभाग द्वारा मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए एंटी लार्वा एक्टिविटी, सघन फीवर मास सर्वे व फोगिंग आदि गतिविधियां की जा रही है। अब तक जिले के 15 गांवों में फोगिंग का कार्य पूरा किया जा चुका हैं। वहीं 462 जलाशयों में गंबूजिया मछली छोड़ी गई है, जो मच्छर के लार्वा को खाकर नष्ट करती है। जिससे कि इन जलाशयों में मच्छर का लार्वा पैदा ना हो पाए।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जा रही एंटी लार्वा एक्टिविटी की बात करें तो अब तक कुल 5 लाख 84 हजार 7 घरों की जांच की गई है। जिनमें से 8185 (1.40 फीसद) घरों में मच्छर का लार्वा मिला है। वहीं 2 लाख 20 हजार 817 कूलरों की जांच की गई और 3733 (1.69 फीसद) कूलरों में मच्छर का लार्वा पाया गया। 3 लाख 6 हजार 239 टंकियों की जांच हुई और 3209 (1.05 फीसद) में मच्छर का लार्वा मिला। 1 लाख 69 हजार 960 कंटेनर की जांच की और 1983 (1.17 फीसद) कंटेनर में मच्छर का लार्वा था। 1 लाख 8 हजार 382 होदी की जांच की गई। जिनमें से 2630 (2.43 फीसद) होदियों में मच्छर का लार्वा मिला। 36 हजार 813 फ्रीज की ट्रे जांची गई और 748 (2.03 फीसद) फ्रीज की ट्रे में मच्छर का लार्वा पाया किया।

वहीं अब तक स्वास्थ्य विभाग 7 हजार 408 लोगों को मच्छर का लार्वा मिलने पर नोटिस भी दे चुका है। मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमें लोगों के साथ 12 हजार 631 बैठक भी कर चुकी है। बैठक के दौरान मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम व सावधानियों के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है। ताकि लोग इन उपायों का प्रयोग करके मच्छर जनित बीमारियों से सुरक्षित रह सकें।


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