21 दिन बाद इस वजह से 21 गावों की महापंचायत भी नहीं सुलझा पाई 2 गावों के बीच का ये विवाद
अनेक गांवों के सरपंचों व मौजिज व्यक्तियों की उपस्थिति में हुई 7 घंटे तक महापंचायत चली। महापंचायत में एक बार तो दोनों पक्षों के बीच समझौता होने के आसार दिखने लगे थे
जेएनएन, हांसी, हिसार : उपमंडल के दो गांवों के बीच पिछले 20 दिनों से चल रहे जल विवाद को 21 गांवों की महापंचायत भी नहीं सुलझा पाई। पीरांवाली गांव की सर्जजन चौपाल में शुक्रवार को आयोजित हुई महापंचायत में नौ माजरे की पंचायत द्वारा सातबास व पुट्ठी मंगल खां की पंचायत को आरोपितों की लिस्ट थमाते ही पंचायत में हंगामा हो गया व सातबास की पंचायतों ने पुट्ठी गांव की जिम्मेदारी लेने से साफ इंकार दिया। आरोपितों को कमेटी के समक्ष पेश करने की जिम्मेदारी न लेने पर आक्रोशित होते हुए पीरांवाली के सरपंच महेंद्र घोड़ेला महापंचायत से उठकर चले गए। इस घटनाक्रम के बाद पीरांवाली के सैकड़ों ग्रामीण लघु सचिवालय के आगे धरना स्थल पर पहुंचकर धरने पर बैठ गये और मामले में किसी प्रकार का समझौता न करने का ऐलान कर दिया।
ढाणी पीरांवाली व पुट्ठी मंगल खां के बीच 25 जून को हुए जल विवाद को सुलझाने के लिये सेवानिवृत्त डिप्टी डीओ ओमप्रकाश की अध्यक्षता में उपमंडल के अनेक गांवों के सरपंचों व मौजिज व्यक्तियों की उपस्थिति में हुई 7 घंटे तक महापंचायत चली। महापंचायत में एक बार तो दोनों पक्षों के बीच समझौता होने के आसार दिखने लगे थे व नौ माजरे की पंचायत ने पुट्ठी मंगल खां गांव की पंचायत को माफी प्रदान करते हुए धरना समाप्त करने का ऐलान कर दिया था। नौ माजरे की पंचायत ने शर्त रखी कि आरोपितों की लिस्ट में शामिल ग्रामीणों को 11 सदस्यों की कमेटी के सामने पेश कर दिया जाए। लेकिन आरोपितों की लिस्ट लेने व पुट्ठी गांव की तरफ से जिम्मेदारी लेने की बात पर सातबास की पंचायतों की तरफ से आए मास्टर किताब ¨सह ने साफ इंकार करते हुए हाथ खड़े कर दिये। सातबास की पंचायतों का प्रतिनिधित्व कर रहे किताब ¨सह मलिक ने कहा कि वह पुट्ठी मंगल खां का कोई समर्थन नहीं करते व उनकी जिम्मेदारी नहीं ले सकते हैं, वो केवल पंचायती के तौर पर महापंचायत में पहुंचे हैं। देर शाम पीरांवाली के ग्रामीणों ने शहर थाना प्रभारी से मुलाकात कर आरोपितों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग करते हुए आंदोलन तेज करने की चेतावनी दे दी।
खूब दिये मौके अब कानूनी कार्रवाई की मांग
पुट्ठी मंगल खां की पंचायत को इस मामले को सुलझाने के लिये नौ माजरे की पंचायतों ने खूब मौके दिये। पीड़ित होने के बावजूद भी हम उनके आगे झुके और भरी पंचायत में धरना समाप्त करने का ऐलान भी कर दिया। लेकिन पुट्ठी की तरफ से हिमायती बनकर आए सातबास की पंचायतों ने आरोपितों को पेश करने के जिम्मेदारी लेने से इंकार कर दिया। अब हम उन्हें कोई मौका नहीं देंगे व कानूनी कार्रवाई की मांग करते हैं।
महेंद्र ¨सह घोड़ेला, सरपंच प्रतिनिधि, पीरांवाली
ये रहे पंचायत में मौजूद
पीरांवाली के समर्थन में नौ माजरे की पंचायतों के प्रतिनिधियों के अलावा पूर्व चेयरमैन राजपाल यादव, सरपंच एसोसिएशन प्रधान अशोक मलिक, फतेह ¨सह गुर्जर, राजेंद्र सांगवान, पीरांन के सरपंच सतबीर ¨सह, किताब ¨सह मलिक, बीर ¨सह यादव, हन्नी यादव, बाली भाटोल, सुरजीत यादव, राजमल के अलावा अनेक पंचायती इस दौरान मौजूद थे।
एसएचओ देखते रहे महापंचायत का नजारा
तीन दिन पूर्व हुई पंचायत में जहां एसएचओ उदयभान गोदारा मध्यस्थता करते नजर आए थे। वहीं महापंचायत में मध्यस्थता करने से एसएचओ ने दूरी बनाए रखी व कुर्सी पर बैठे नजारा देखते रहे। हालांकि एसएचओ ने एक बार पंचायत में आकर अपना पक्ष रखा व समझौता करने के लिये दोनों पक्षों से आग्रह किया। ग्रामीणों ने बजाई तालियां, पंचायत में हो गया माहौल गर्म
महापंचायत के दौरान ढाणी पीरांवाली के युवाओं ने एक बात पर तालियां बजा दी जिससे पंचायत में माहौल तनावपूर्ण हो गया। जिस पर पंचायत प्रतिनिधियों ने युवाओं को धमकाते हुए कहा कि इस प्रकार का व्यवहार पंचायतों में शोभा नहीं देता है। इसके बाद युवाओं ने माफी मांगी और फिर से पंचायत की कार्रवाई का दौर शुरू हो गया। ग्रामीणों से चर्चा कर आगे की रणनीति करेंगे तैयार
हमने पुलिस के सामने सभी आरोपित पेश कर दिये हैं व पंचायत में हाथ जोड़कर माफी मांगी। लेकिन इससे भी उन्हें संतुष्टि नहीं होती है। गांव की तरफ से जो आरोपित थे उन्हें पेश कर दिया गया है अब और कोई आरोपित पेश करने की गुंजाइश नहीं है। आगे की रणनीति ग्रामीणों से चर्चा करके ही तैयार की जाएगी। - चरण ¨सह, सरपंच प्रतिनिधि, पुट्ठी मंगल खां