हरियाणा विधानसभा चुनाव में पहली बार वीवीपैट का होगा प्रयोग, जानें क्या है फायदा
वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) के इस्तेमाल के साथ वोटर्स ये भी पता कर पाएंगे कि उनका नोट उनकी पसंद के उम्मीदवार को दिया गया है।
हिसार, जेएनएन। ऐसी पहली बार होगा, जब हरियाणा के विधानसभा चुनावों में वीवीपैट का प्रयोग किया जा रहा है। यह चुनाव प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने की शुरुआत है। वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) के इस्तेमाल के साथ, वोटर्स ये भी पता कर पाएंगे कि उनका नोट उनकी पसंद के उम्मीदवार को दिया गया है।
इसके लिए जब आप ईवीएम में अपने पसंद के उम्मीदवार के सामने ईवीएम पर नीला बटन दबाएंगे। इसके बाद एक लाल बत्ती चमकने के साथ-साथ बीप की एक लंबी आवाज आएगी और आप वोट रिकॉर्ड हो जाएगा। इसके बाद वीवीपैट मशीन पर एक बैलेट पर्ची दिखेगी, जिस पर प्रत्याशी का सरल क्रमांक, नाम और चुनाव चिन्ह नजर आएगा। ये पर्ची स्क्रीन पर सात सेकेंड तक नजर आएगी।
हिसार, हांसी और नारनौंद में वीवीपैट मशीन की बढ़ेगी एक-एक यूनिट
जिले की सातों विधानसभाओं में हिसार, हांसी और नारनौंद विधानसभाओं में प्रशासन को एक-एक वीवीपैट मशीनों की संख्या बढ़ानी होगी। क्योंकि यहां उम्मीदवारों की संख्या तय मानकों से अधिक है। एक यूनिट में 15 प्रत्याशियों के ही नाम आ सकते हैं तो 16वां नोटा होता है। ऐसे में हिसार में 16 प्रत्याशी मैदान हैं तो सिर्फ नोटा के लिए एक यूनिट बढ़ानी पड़ेगी।
इसी प्रकार हांसी विस में 25 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसे दो यूनिट यहां भी लगेंगी। वहीं नारनौंद में 21 उम्मीदवार व एक नोटा, इसके लिए भी मशीन की एक यूनिट बढ़ानी होगी। प्रशासन के पास मशीनों की पर्याप्त मात्रा पहले से ही मौजूद हैं, ऐसे में मशीनों की दिक्कत अभी आने की संभावना कम है। मौजूदा समय में प्रशासन के 1294 बूथों के अतिरिक्त 1200 मशीनों व 15 प्रतिशत अतिरिक्त वीवीपैट व ईवीएम मशीनें मौजूद हैं।
किसी को मिला हेलमेट तो कोई खाट खड़ी करने की तैयारी में
विधानसभा चुनावों के लिए 118 उम्मीदवारों के नाम फाइनल हो गए हैं। सोमवार को सातों विधानसभाओं के रिटर्निंग अफसरों ने नाम वापसी की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद चुनाव चिह्न आबंटन किया। इसमें हेलमेट, फलों की टोकरी, अलमारी, आरी, ऑटो रिक्शा, पंप, ट्रैक्टर तो किसी उम्मीदवार को खाट चुनाव चिह्न के रूप में मिली है। चुनाव चिन्हों की सूची चुनाव आयोग द्वारा जारी की गई थी, जिसमें तीन चिह्न उम्मीदवारों को विकल्प के तौर पर देने थे। ऐसे में अगर उम्मीदवार को एक जैसा चिह्न पसंद भी है तो आरओ ने ड्रॉ निकालकर उन्हें चुनाव चिह्न अलॉट किया।