हरियाणा बोर्ड में वीपी यादव ने वाइस चेयरमैन का पदभार संभाला, उपलब्धियों भरा है सफर
शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करने को अपनी प्राथमिकता मानने वाले यादव का शिक्षा क्षेत्र से जुड़ाव कई दशकों का है। वे शिक्षा बोर्ड के उन सभी क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव के हिमायती व पैरोकार हैं जिनसे शिक्षा जगत का बहुआयामी विकास हो।
भिवानी, जेएनएन। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में वाइस चेयरमैन का पदभार वीपी यादव ने संभाल लिया है। पदभार संभालने के बाद वीपी यादव ने कहा नई शिक्षा नीति को पूर्ण गंभीरता से दृढ़तापूर्वक लागू किया जाएगा। यह नीति देश को समग्र विकास में अग्रगामी बनाने में अहम साबित होगी। इससे पूर्व उन्होंने बोर्ड प्रांगण में स्थापित मा सरस्वती की पूजा अर्चना की। बोर्ड अध्यक्ष डा. जगबीर सिंह ने यादव को मिठाई खिलाकर उनका स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करने को अपनी प्राथमिकता मानने वाले यादव का शिक्षा क्षेत्र से जुड़ाव कई दशकों का है। वे शिक्षा बोर्ड के उन सभी क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव के हिमायती व पैरोकार हैं, जिनसे शिक्षा जगत का बहुआयामी विकास हो। उनका मानना है कि शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति को गुणवान, सुशील, ज्ञानवान, समाज व देश के प्रति समर्पित बनाया जा सकता है। यादव ने अपनी नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल व शिक्षामंत्री कंवरपाल गुर्जर का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने उन पर जो विश्वास जताया है उनके विश्वास पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे। बोर्ड अध्यक्ष व सचिव के साथ मिलकर बोर्ड को उच्च मुकाम पर ले जाएंगे।
महेन्द्रगढ़ के पटीकरा गांव के रहने वाले हैं वीपी यादव
वीपी यादव मूल रूप से जिला महेन्द्रगढ़ के पटीकरा गांव के रहने वाले हैं। लंबे समय से वह रेवाड़ी में रह रहे हैं। उनके पिता प्रताप सिंह सेना में थे इसलिए विभिन्न स्थानों पर उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा हासिल की। कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय से स्नातक करने के पश्चात् महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर से उन्होंने स्नातकोत्तर की पढ़ाई की। एमडीयू रोहतक से एमएड करने के पश्चात आइईसी विवि हिमाचल से एलएलबी की। वर्ष 1998 में उन्होंने रेवाड़ी में यदुवंशी कांवेंट स्कूल की स्थापना की तथा यहीं से अपनी शिक्षण संस्था की पौध को आगे बढ़ाया। वह सनग्लो इंटरनेशनल स्कूल के निदेशक हैं।
यह है वीपी यादव की नियुक्ति के पीछे की वजह
शिक्षा के क्षेत्र में लगभग ढ़ाई दशक का अनुभव होने के कारण उनकी अपनी विशेष पहचान है। उन्होंने भारत सरकार की नई शिक्षा नीति का गहराई से अध्ययन, मनन किया है। उनकी नियुक्ति के पीछे की वजह भी यही मानी जा रही है कि वह लोक प्रशासन व शिक्षा में स्नातकोत्तर होने के साथ लॉ ग्रेज्यूएट भी हैं। वे केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से जुड़े संगठन सहोदय के जिला अध्यक्ष भी हैं। यादव के स्कूल को जिला प्रशासन की ओर से चार बार बेस्ट स्कूल के अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। वे सहोदय के जिला प्रधान होने के साथ ही सीबीएसई के निरीक्षण अधिकारी भी हैं।
यूनेस्को की ओरल कांफ्रेंस में कर चुके देश का प्रतिनिधित्व
वीपी यादव ने वर्ष 2010 में बैंकाक में हुई यूनेस्को इंटरनेशनल ओरल कांफ्रेंस में देश का प्रतिनिधित्व किया था। विभिन्न संस्थाओं द्वारा उन्हें विशेष सम्मान भी दिया जा चुका है। बोर्ड मुख्यालय पर कार्यभार ग्रहण करने के बाद वीपी यादव, वाईस-चैयरमैन व उनकी धर्मपत्नी शारदा यादव ने बोर्ड अध्यक्ष डा. जगबीर सिंह से मुलाकात की। बोर्ड के सभी उप-सचिव, सहायक सचिवों व अन्य अधिकारियों द्वारा बोर्ड के प्रशासनिक भवन में वीपी यादव का अभिनन्दन किया गया।
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