पूर्व महिला पार्षद का दूसरे वार्ड में कर दिया वोट ट्रांसफर, बीआइ पर मिलीभगत के आरोप
जागरण संवाददाता, हिसार : नगर निगम के खेल भी निराले हैं। गलत वार्डबंदी के खिलाफ पिछले दिना
जागरण संवाददाता, हिसार : नगर निगम के खेल भी निराले हैं। गलत वार्डबंदी के खिलाफ पिछले दिनों हाई कोर्ट में अपनी आवाज उठाने वाली पूर्व महिला पार्षद शालू दीवान के खिलाफ ही निगम अधिकारियों ने कार्रवाई कर डाली। खेल कुछ ऐसा किया गया है कि पूर्व महिला पार्षद और उनके पति सहित उनके कई करीबियों के वोट बदलकर दूसरे वार्डों में ट्रांसफर कर दिए गए। पूर्व महिला पार्षद का वोट वार्ड तीन से बदलकर वार्ड 16 में कर दिया गया है। पूर्व महिला पार्षद को अधिकारियों की यह हरकत नागवार गुजरी है। ऐसे में मंगलवार को उपायुक्त के सामने वह अधिकारियों के सर्वे की पोल खोलेगी।
पूर्व महिला पार्षद ने आरोप लगाए कि निगम के अधिकारियों ने कोई सर्वे नहीं किया है। निगम के नक्शे बनाने वाले एक ड्राफ्टमैन के हिसाब से अधिकारियों ने सर्वे के नाम पर फर्जीवाड़ा किया है। कई लोग ड्राफ्टमैन के वोटर दूसरे वार्ड में करवाने संबंधी शिकायत कर चुके हैं। निगम अधिकारियों की इन हरकतों के खिलाफ पूर्व महिला पार्षद ने मोर्चा खोल दिया है। यह सारा वाक्या तब हुआ है जब मंगलवार को उपायुक्त अशोक कुमार मीणा को आपत्ति दर्ज करवाने को लेकर सुनवाई करनी है।
निगम अधिकारियों ने सुनवाई से पांच दिन पहले 1800 लोगों के घरों पर जाकर उन्हें नोटिस दिए और चस्पा किए थें। इन सभी लोगों के वोट एक वार्ड से दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिए गए है। ऐसे में सभी लोग उपायुक्त के सामने अपने वोटर बदलने संबंधी आपत्ति दर्ज करवा सकते है। जिसके बाद उन्हें वोट में बदलाव किया जा सकता है। ।
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वार्ड तीन से वार्ड 16 में ट्रांसफर किया वोट पूर्व महिला पार्षद शालू दीवान ने बताया कि उनका और उनके पति पंकज दीवान का वोट बदलकर वार्ड 16 में कर दिया गया है। जबकि उनका पैतृक घर और वोट वार्ड तीन में है। परिवार के अन्य सदस्य भी वार्ड तीन में ही रहते है और दुकान भी वहीं है। अधिकारियों का तर्क है कि आप दोनों पति पत्नी वार्ड 16 में रहते हो। ऐसे में आपका वोट वहां पर होना चाहिए। हैरानी की बात यह है कि बिना वोटर की मर्जी के अधिकारियों ने कैसे वोट बदल दिया। वह भी तब जब वोटर का वोटरकार्ड उस वार्ड का है।
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500 से ज्यादा मृत लोगों के भी मिले वोट नगर निगम अधिकारियों के अनुसार 1800 के करीब लोगों के वोट एक वार्ड से दूसरे वार्ड में शिफ्ट किए गए हैं। इतना ही नहीं, 500 से ज्यादा मृत लोगों के वोट भी मिले हैं। क्योंकि पूर्व में विधानसभा लिस्ट के अंदर मृत लोगों के वोट काटे नहीं गए थें। ऐसे में उन लोगों के वोट काट दिए गए हैं। ऐसे में कई वार्डों में मामूली बदलाव देखने को मिलेगा। निगम की 11 टीमों ने वार्ड तीन, वार्ड 4, वार्ड 18, 19 सहित अन्य वार्डों में वोट संबंधी नोटिस घर घर जाकर चस्पा किया थे।
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यह है मामला
हाई कोर्ट में पूर्व महिला पार्षद शालू दीवान और नलवा युवा इनेलो हलका अध्यक्ष प्रवीण ढांडा ने याचिका लगाई है। पूर्व महिला पार्षद शालू दीवान ने बताया कि वह वार्ड तीन से साल 2013 में चुनी गई थी। उस समय वार्ड की जनसंख्या 18355 थी और मतदाता 14900 थे। वार्डबंदी के लिए साल 2018 में सर्वे किया गया तो वार्ड तीन की जनसंख्या 13446 पाई गई। उसके बाद निगम के अधिकारियों ने रेंडम सर्वे किया और फाइनल वार्डबंदी तैयार की, जिसमें सभी वार्डों की जनसंख्या को नियमानुसार करते हुए वार्ड तीन की जनसंख्या को 16451 निर्धारित कर दिया गया । जो साल 2018 की जनसंख्या से 1814 लोग कम थी। 12 जून को जब बूथ वाइज वोटर लिस्ट जारी की गई तो उसमें मतदाता की संख्या 16784 निकल कर सामने आई। जिसने सभी को चौंका दिया है। वहीं वार्ड 18 से प्रवीण ढांडा ने आपति जताई थी कि अपने वार्ड के 250 लोगों से ज्यादा लोगों के वोट वार्ड 18 से वार्ड 19 और वार्ड 17 के वार्ड 18 में वोट जोड़ दिए गए थे। दोनों ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी और हाई कोर्ट ने फैसला दिया था कि प्रशासनिक अधिकारी दोनों वार्डों की आपत्तियों का समाधान करें।
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कोट्स :::
- जिन लोगों के वोटों में बदलाव हुआ है। उनके घरों के बाहर नोटिस चस्पा पूर्व में ही कर दिए थे। मंगलवार को उपायुक्त के पास सभी की आपत्तियों सुनवाई की जाएगी। पूर्व पार्षद के लगाए गए आरोप निराधार है।
- सुनील लांबा, बीआइ, नगर निगम।