हिसार में सॉलिड वेस्ट मैंनेजमेंट प्लांट बनाने के विरोध में ग्रामीणों ने डिप्टी स्पीकर गंगवा से की मुलाकात
हिसार में तीन गांवों के ग्रामीण सॉलिड वेस्ट मैंनेजमेंट प्लांट बनाने की जगह को लेकर विरोध में उतर आए हैं। वे इससे जुड़ी जानकारियां जुटाने में लगे हुए है ताकि प्रशासन और सरकार के सामने तथ्यों के साथ अपना पक्ष रख सकें।
हिसार, जेएनएन। हिसार के गांव काजला के पास प्रस्तावित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट निर्माण को लेकर एक बार पुन: विरोध आरंभ हो गया है। गांव दुर्जनपुर, न्योली खुर्द और काजला निवासी ग्रामीण इस प्राेजेक्ट काजला के पास शिफ्ट करवाने की मांग को लेकर डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा से मिले और अपनी मांग उनके सामने रखी। ग्रामीणों में दुर्जनपुर के पवन बिश्नोई सहित रामधारी, इंद्रमान, भगत गोदारा और अमर चंद शर्मा शामिल थे। उन्होंने डिप्टी स्पीकर से मांग की कि सॉलिड वेस्ट मैंनेजमेंट गांव काजला के पास लगाने की बजाए किसी दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जाए।
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प्लांट के बारे में ग्रामीण जुटा रहे जानकारी
तीन गांवों के ग्रामीण सॉलिड वेस्ट मैंनेजमेंट प्लांट से जुड़ी जानकारियां जुटाने में लगे हुए है ताकि प्रशासन और सरकार के सामने तथ्यों के साथ अपना पक्ष रख सके। इसके लिए ग्रामीणों ने कई जानकारियां भी जुटाई है। एक तरफ जहां नगर निगम प्रशासन ने गांव काजला के पास 22 एकड़, 4 मरला और 2 कनाल भूमि सॉलिड वेस्ट मैनजमेंट प्लांट के लिए चिन्हित की है दूसरी तरफ ग्रामीण इसके विरोध में उतर आए है। अब ग्रामीणों ने इस प्लांट के प्रपोजल को यहां रद्द करवाने की मांग को लेकर अपना संघर्ष शुरु कर दिया है।
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तीन गांवों के ग्रामीणों ने मिलकर शुरु किया संघर्ष
पवन बिश्नोई ने कहा कि इंटरनेशनल एयरपोर्ट से प्लांट की दूरी 10 किलोमीटर से अधिक होनी चाहिए लेकिन नगर निगम प्रशासन ने जो जमीन चिन्हित की है वह एयरपोर्ट की बाउंडरी वाल से मात्र करीब 4 किलोमीटर की दूरी पर ही है। ऐसा लग रहाहै कि अफसरों ने अधूरी तैयारी के साथ आननफानन में जमीन चिन्हित की है। दूसरा इस जमीन पर वन्यप्राणी रोज व खरगोश सहित दूसरे वन्य जीव है उनके लिए इस जमीन को खाली रखना उचित होगा।
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क्यों कर रहे ग्रामीण विरोध : वर्तमान में गांव ढंढूर के पास डंपिंग स्टेशन पर शहर का प्रतिदिन 180 टन कचरा डंप होता है। जिसमें आग आए दिन आग लगती रहती है जिसके धूंए के कारण ग्रामीणों में बीमारियां फैल रही है। इसके अलावा दूसरी कई समस्याएं भी पैदा है। ऐसे में यहां प्लांट लगने से लोगों में भय का माहौल है कि ऐसी ही स्थिति आगमी समय में हमारे गांवों में फैल जाएगी। जिससे ग्रामीणों का जीवन दूभर हो जाएगा। इस डर से ग्रामीण इस प्रोजेक्ट को कहीं ओर शिफ्टिंग की मांग कर रहे है।
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विडंबना : निगम इंजीनियर व आला अफसर प्रदेश मुख्यमंत्री की घोषणा के प्रति कितना गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 29 दिसंबर 2014 यानि 5 साल 11 महीने और 23 दिन पहले सीएम ने सॉलिड वेस्ट मैंनेजमेंट प्लांट की घोषणा की थी आज तक अफसर व इंजीनियर जमीन फाइनल नहीं कर पाए है। जबकि 5 जून 2017 को इस प्रोजेक्ट की जमीन के लिए प्रदेश सरकार 23 करोड़ 72 लाख 80 हजार रुपये की ग्रांट भी स्वीकृत कर चुकी है। बावजूद इसके प्रोजेक्ट कागजों से ही बाहर नहीं निकल पाया है।
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प्लांट पर इन स्थानों के कचरे का होगा निपटान (अनुमानित प्रतिदिन कचरा डंप)
हिसार 170 टन
हांसी 24 टन
बरवाला 14 टन
नारनौंद 3 टन
सिवानी 8 टन
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हमने डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा से मुलाकात की है। उन्होंने हमारी बात सुनी और इस बारे में निगम अफसरों से बातचीत की है। हमारी सरकार व प्रशासन से मांग है कि प्राेजेक्ट इस जमीन के बजाए दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जाए।
- पवन बिश्नोई, ग्रामीण, दुर्जनपुर निवासी।