मिलकपुर गांव मे जुर्माना वसूलने गए कर्मचारियों को ग्रामीणों ने बनाया बंधक
मिलकपुर के दो किसानों ने 15 दिन पहले पराली में आग लगाई थी। सेटेलाइट से सूचना मिलने पर कृषि विभाग के अधिकारी गांव में पहुंचे और किसानों से पैसे वसूल लिए और उनकी रसीद भी नहीं दी। बुधवार को विभाग के पटवारी व कृषि विभाग से कर्मचारी खेतों में पहुंचे और किसानों को कहा कि आपने धान की पराली को आग लगाई है इसका जुर्माना भरना होगा।
संवाद सहयोगी, नारनौंद (हिसार) : मिलकपुर गांव में पराली में आग लगाने को लेकर जुर्माना वसूलने पहुंचे सरकारी विभाग के कर्मचारियों को किसानों ने बंधक बना लिया। देर शाम विभाग के उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि उनके साथ कुछ गलत नहीं होने दिया जाएगा, इसके बाद बंधक कर्मचारियों को छोड़ दिया गया।
मिलकपुर के दो किसानों ने 15 दिन पहले पराली में आग लगाई थी। सेटेलाइट से सूचना मिलने पर कृषि विभाग के अधिकारी गांव में पहुंचे और किसानों से पैसे वसूल लिए और उनकी रसीद भी नहीं दी। बुधवार को विभाग के पटवारी व कृषि विभाग से कर्मचारी खेतों में पहुंचे और किसानों को कहा कि आपने धान की पराली को आग लगाई है, इसका जुर्माना भरना होगा। इस पर किसान ने मामला रफा-दफा करने की बात कही और कर्मचारियों को अपने घर पर ले आया। इसी बीच उसने इसकी सूचना किसान यूनियन के पदाधिकारियों को दे दी। कुछ देर बाद भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष विजेंद्र बिल्लू, प्रदीप मिर्चपुर, रणधीर सिंह, पप्पू नंबरदार सहित सैकड़ों सदस्य गांव में पहुंच गए और कर्मचारियों को बंधक बना लिया। उन्होंने कहा कि जब तक उच्चाधिकारी मौके पर नहीं आएंगे, कर्मचारियों को नहीं छोड़ा जाएगा। कुछ देर बाद एसडीएम विकास यादव व डीएसपी विनोद शंकर पुलिस बल के साथ गांव में पहुंचे। बातचीत के दौरान किसानों ने आरोप लगाया कि कर्मचारी किसानों पर पराली में आग लगाने को लेकर पैसा वसूली का काम करने में जुटे हैं। इस पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाए। एसडीएम ने आश्वासन दिया कि भविष्य में किसानों से कोई भी कर्मचारी बिना रसीद के पैसा वसूल नहीं करेगा। अगर कोई कर्मचारी बिना रसीद के आता है तो उसकी शिकायत करें। एसडीएम के आश्वासन के बाद ही ग्रामीणों ने बंधक कर्मचारियों को छोड़ा। साथ ही चेतावनी भी दी कि अगर प्रशासन ने इस मामले में किसी भी ग्रामीण पर केस दर्ज किया तो भविष्य में उनको गांव में नहीं घुसने दिया जाएगा।
इस संबंध में एसडीएम विकास यादव ने बताया कि किसी भी कर्मचारी को बंधक नहीं बनाया गया। बातचीत के लिए ग्रामीणों ने उनको बैठाया था। किसानों ने कुछ कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उनकी जांच कर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष विजेंद्र उर्फ बिल्लू खांडा ने बताया कि विभाग के कर्मचारी पराली में आग के नाम पर किसानों से अवैध वसूली करने का काम कर रहे हैं। इसी वजह से कुछ कर्मचारियों को बंधक बनाया गया था। प्रशासन के आश्वासन के बाद उनको छोड़ दिया गया है।
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जिला पार्षद रमेश श्योराण ने बताया कि पराली में आग लगाने को लेकर कुछ कर्मचारियों को बातचीत के लिए बैठाया था। उच्च अधिकारियों को बुलाकर उनकी शिकायत कर दी गई है। किसानों की जो मांगे हैं, वह भी प्रशासन को बता दी गई हैं।