दो माह से नहरी पानी व पेयजल को तरस रहे ग्रामीण
अगर 24 घंटे में उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो मय्यड़ में संबंधित गांवों की एक महापंचायत आयोजित की जाएगी जिसमें आर-पार की लड़ाई का फैसला लिया जाएगा।
जागरण संवाददाता, हिसार : पेटवाड़ डिस्ट्रीब्यूटरी नहर से जुड़े दर्जनों गांवों के ग्रामीण पिछले करीब दो माह से भी अधिक समय से नहरी पानी व पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। बिजाई का मौसम होने के बावजूद माइनर में पानी नहीं आ रहा, जिससे न केवल किसानों की बिजाई प्रभावित हो रही है, साथ ही पीने के पानी का संकट भी गहरा रहा है। मंगलवार को ग्रामीणों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त के नाम ज्ञापन सौंपकर चेतावनी दी कि अगर 24 घंटे में उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो मय्यड़ में संबंधित गांवों की एक महापंचायत आयोजित की जाएगी, जिसमें आर-पार की लड़ाई का फैसला लिया जाएगा।
गांव सुलतानपुर, उमरा, रामायण, ढंढेरी, देपल, भगाना, मय्यड़, खरड़, अलीपुर, सातरोड कलां, दाहिमा, गुंजार, धमाना आदि गांवों से पहुंचे ग्रामीणों ने कहा कि वे पिछले 60-70 दिनों से इस संकट से जूझ रहे हैं। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि ढाणियों में रहने वाले ग्रामीणों को 500 से 600 रुपये खर्च कर पानी के टैंकर मंगाने पड़ रहे हैं। वहीं पानी की किल्लत से मौसमी फसल नहीं हो पा रही है।
उन्होंने मांग की कि उक्त माइनर में किसानों को दो सप्ताह नहरी पानी दिया जाए, ताकि वे अपनी फसलों की बिजाई कर सके। भारतीय किसान संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष बबलू सहरावत ने कहा कि अगर 24 घंटे में माइनर में पानी नहीं आता है तो मय्यड़ में बैठक कर आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा, जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
इस अवसर पर जोगेंद्र मय्यड़, पूर्व सरपंच साधुराम, बजे सिंह, चंदुराज, हरिराम, धर्मपाल, सुरेंद्र मलिक, सतबीर, बिजेंद्र नंबरदार, बलजीत सिंह, सूरजभान, गुलाब सिंह, रामकिसान भगाना, सोमबीर भगाना, दिलबाग, सुरेश, राजकुमार, नरेश सहित भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।