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नासूर बनी आग से ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, डंपिग स्टेशन पर ताला जड़ 5 घंटे किया विरोध प्रदर्शन

सिरसा रोड स्थित गांव ढंढूर के पास निगम के डंपिग स्टेशन पर कचरे में लगी आग नासूर बन गई है। लगातार 5वें दिन भी देर रात तक करीब 35 गाड़ियों ने ढाई लाख लीटर से अधिक पानी आग बुझाने के लिए कचरे में बहा दिया। कचरे की आग से निकलने वाले धुएं से परेशान ग्रामीणों ने सोमवार सुबह 7 बजे शहीद भगत सिंह नौजवान सभा के बैनर तले एकजुट होकर डंपिग स्टेशन पर पहुंचे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 08:41 AM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 08:41 AM (IST)
नासूर बनी आग से ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, डंपिग स्टेशन पर ताला जड़ 5 घंटे किया विरोध प्रदर्शन
नासूर बनी आग से ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, डंपिग स्टेशन पर ताला जड़ 5 घंटे किया विरोध प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, हिसार : सिरसा रोड स्थित गांव ढंढूर के पास निगम के डंपिग स्टेशन पर कचरे में लगी आग नासूर बन गई है। लगातार 5वें दिन भी देर रात तक करीब 35 गाड़ियों ने ढाई लाख लीटर से अधिक पानी आग बुझाने के लिए कचरे में बहा दिया। कचरे की आग से निकलने वाले धुएं से परेशान ग्रामीणों ने सोमवार सुबह 7 बजे शहीद भगत सिंह नौजवान सभा के बैनर तले एकजुट होकर डंपिग स्टेशन पर पहुंचे।

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ग्रामीण मुख्य गेट पर ताला लगाकर वहीं धरने पर बैठ गए। इस दौरान शहर से कचरा संग्रहण कर डंपिग स्टेशन पर पहुंचने वाली गाड़ियों की लाइन लग गई। निगम कर्मचारी से लेकर कमिश्नर तक के फोन की घंटी बजी तो सभी मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने कमिश्नर के सामने अपनी मांगें रखी। आश्वासन मिलने पर गेट का ताला खोल दिया। इसके बाद दमकल की गाड़ियां रात तक आग पर काबू पानी के लिए कड़ी मशक्कत करती रही। इससे निकलने वाले धुएं से नेशनल हाईवे पर गाड़ियों की स्पीड पर ब्रेक लग गया। इस दौरान संस्था के संयोजक संदीप सिवाच, अवतार सिंह, सतपाल, कुलदीप, रामप्रकाश, हरजिद्र सिंह, दिनेश, पूर्व सरपंच फूल सिंह मौजूद थे। सरपंच मनोज शर्मा ने भी निगम अफसरों से बातचीत कर समस्या समाधान का आश्वासन दिया।

करीब 2 हजार लोगों को जितना पानी मिलता उतना कचरे की आग में व्यर्थ बहा

जनस्वास्थ्य विभाग के अनुसार शहर में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन पानी सप्लाई : 135 लीटर

आग बुझाने में पानी खर्च हुआ : ढाई लाख लीटर से अधिक

कितने लोगों को पानी सप्लाई होता जो व्यर्थ बहा : करीब 2 हजार

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बार-बार धधक रही आग : निगम रिकार्ड के अनुसार शहर की करीब 4 लाख आबादी प्रतिदिन औसतन 180 टन गीला व सूखा कचरा जनरेट करती है। जो करीब 16 एकड़ में बने डंपिग स्टेशन पर प्रतिदिन पहुंच रहा है। यहां कचरे के 10 से 15 फीट ऊंचाई के करीब 150 कचरे के ढेर लग चुके हैं। इनमें आग के कारण हिसार-सिरसा और हिसार-चंडीगढ़ हाईवे पर धुएं के कारण चालकों को देखने में परेशानी आती है, जिसे दुर्घटना होने का डर बना रहता है। जो लोगों के जीवन को खतरे में डाल रहा है। रात को यह स्थिति और भी भयानक हो जाती है। एक तो सड़क पर अंधेरा, दूसरा धुएं का गुबार, जिसमें सड़क पर घूमने वाले बेसहारा पशु तक नहीं दिखते और दुर्घटना का कारण बन जाते हैं। वैज्ञानिक के (डॉ. सोमवीर बजाड़, सहायक आचार्य, जेसी बोस विज्ञान ओर तकनीक विश्वविद्यालय वाईएमसीए फरीदाबाद, हरियाणा) के अनुसार कचरे में आग से वायु, जल और भूमि तीनों प्रकार का प्रदूषण फैलता है।

-हानिकारक धातु : आग से बची राख में टौक्सिक मैटल होते हैं। जो पानी में मिलकर जमीन के नीचे व स्तर पर पानी के स्त्रोत में मिलकर उसे जहरीला बना देते है।

- डाईआग्जीन फ्यूरॉन गैस : पॉलीथीन के जलने से डाई ऑग्जीन फ्यूरॉन गैसें भी निकलती हैं। इन दोनों गैसें से कैंसर पैदा होने का खतरा रहता है। इसके अलावा पोली एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन पैदा होते है। हवा से संपर्क में आने के बाद दूर तक फैल जाते है। आसपास कृषि व रिहायशी क्षेत्र में भी इस प्रदूषण से नुकसान पहुंचता है। नवजात व बुजुर्गो को नुकसान पहुंच सकता है।

- कार्बन डाई आक्साइड, नाइट्रस आक्साइड : ये दोनों ग्रीन हाउस गैसें हैं, जो वातावरण के तापमान को बढ़ाती हैं। इसके अलावा डाई आग्जीन, फ्यूरॉन, पर्टिकुलेट मैटर, टौक्सिक मैटल वायु प्रदूषण बढ़ाते हैं।

- कार्बन डाई आक्साइड गैस : एक टन कचरे में लगभग 300 किलो कार्बन युक्त कचरा होता है। यह जलने पर 1200 किलो कार्बन डाई आक्साइड गैस निकलती है। जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायी है।

- नाइट्रस आक्साइड गैस : कचरे की आग से नाइट्रस आक्साइड गैस और आक्साइड ऑफ नाइट्रोजन गैस निकलती है जो धूप की मौजूदगी में अन्य गैसों के साथ मिलकर फोटो केमिकल स्मॉग बनाती है, जो आंखों के लिए घातक है।

- पर्टिकुलेट मैटर : पर्टिकुलेट मैटर भी निकलता है। 10 माइक्रोन से कम साइज के पर्टिकुलेट मैटर सांस के जरिए इंसान के फेफड़ों में जमा हो जाते हैं। यह श्वसन तंत्र के लिए नुकसानदायी है। ग्रामीणों और कमिश्नर के बीच बातचीत

ग्रामीणों की मांग - कमिश्नर का फैसला

- कचरे पर मिट्टी डाली जाए ताकि बार बार आग न लगे। तीन गाड़ी मिट्टी की मंगवाई। मिट्टी डालना शुरू।

- हाईमास्क लाइट लगवाई जाए

तकनीक टीम को हाईमास्क लाइट लगाने के दिए आदेश

- आग लगने का पता लग सके इसके लिए कैमरे लगाए जाए चारों तरफ कैमरे लगाने के दिए आदेश - आग पूरी तरह बुझवाई जाए देर रात तक दमकल की गाड़ियां आग बुझाने में लगी रही।

- आग लगने के पीछे किसकी लापरवाही रही जांच कर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए

अफसरों ने मौका निरीक्षण किया भविष्य में ऐसा न हो इसके लिए एक चौकीदार अतिरिक्त लगाया गया है।


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