आध्यात्म विज्ञान और भौतिक विज्ञान का श्रेष्ठतम रूप है वेद : वेदार्थी
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संवाद सहयोगी, हिसार : गुरुकुल आर्य नगर के 54वें वार्षिक महोत्सव में यज्ञ के तीसरे दिन बिजनौर से आए यज्ञ के ब्रह्मा वैदिक विद्वान विष्णु मित्र वेदार्थी ने वेद मंत्रों के माध्यम से आध्यात्म विज्ञान और भौतिक विज्ञान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती वेद का ऐसा भाष्य करने वाले पहले विद्वान थे, जिन्होंने चेतन तथा जड़ पदार्थों की तात्विक एवं मार्मिक ²ष्टि से व्याख्या की है। आध्यात्म विज्ञान श्रेष्ठतम है जो आत्मा-परमात्मा का समग्र ज्ञान का प्रकाश पुंज है। वेद केवल कर्मकांड की पुस्तक नहीं है। जहां वेद प्रार्थना, उपासना और स्तुति आदि की शिक्षा देता है, वहीं उसमें प्रकृति, विद्युत विज्ञान, सौर ऊर्जा, आयुध, औषधि तथा शरीर विज्ञान के ज्ञान भी है।
स्वामी दयानंद सरस्वती अखिल विश्व के मानव का सर्वांगीण विकास चाहते थे। जहां वे अध्यात्म को उच्च स्थान देते थे वहीं शिक्षा, स्वास्थ्य, उच्च तकनीक, उद्योग तथा विदेशी व्यापार के भी पक्षधर थे। वहीं यजमान यतीन्द्र कुमार लोरा बालसमंद, अशोक कुमार मात्रश्याम तथा सुल्तान मताना ने सपत्निक यज्ञ में आहुति डाली। इसके बाद कल्याणी आर्या आर्यनगर ने भजन प्रस्तुत किए।
यज्ञ के इस अवसर पर गुरुकुल सभा के कार्यकारी प्रधान एवं पूर्व सांसद पंडित रामजी लाल आर्य, प्रचार मंडल हिसार के अध्यक्ष रामकुमार आर्य, कुलपति आचार्य रामस्वरूप शास्त्री, आचार्य मान¨सह पाठक, रमेश शास्त्री, विनोद ढाका, ब्रह्मचारी दीप कुमार सहित गुरुकुल के अध्यापक तथा अनेक धर्म प्रेमी सज्जन उपस्थित थे।