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कृषि कानूनों के विरोध का अनोखा अंदाज, भिवानी के किसान ने हिमालय पर चढ़ फहराया आंदाेलन का झंडा

भिवानी जिले के खरकड़ी गांव के युवा संदीप श्योराण ने किसानों का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार के तीन कानूनों का विरोध एक अनोखे अंदाज में किया। संदीप श्योराण ने 11 जनवरी को हिमालय की एक चोटी पर किसान आंदोलन का झंडा फहराया

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 05:55 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 05:55 PM (IST)
कृषि कानूनों के विरोध का अनोखा अंदाज, भिवानी के किसान ने हिमालय पर चढ़ फहराया आंदाेलन का झंडा
हिमालय की एक चोटी पर किसान आंदोलन का झंडा फहराते हुए किसान संदीप श्‍योराण

ढिगावा मंडी ( भिवानी ) [मदन श्योराण] किसान अलग-अलग अंदाज में केंद्र सरकार के द्वारा पास किए गए तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। कोई किसानों के समर्थन में ब्लड डोनेट कर रहे हैं, तो कोई अपने शरीर पर कृषि विषय से जुड़े टैटू भी बनवा रहे हैं। तो कोई कोई भैंस के आगे बीन बजाकर केंद्र सरकार के खिलाफ अपना विरोध जता रहे हैं। लेकिन भिवानी जिले के खरकड़ी गांव के युवा संदीप श्योराण ने किसानों का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार के तीन कानूनों का विरोध एक अनोखे अंदाज में किया।

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संदीप श्योराण ने 11 जनवरी को हिमालय की गोद में समाई सलोंग वेली और कूगती वाइल्डलाइफ संक्चरि में करीब 2400 मीटर की ऊंचाई पर किसान आंदोलन का झंडा फहराया है। वहीं हरियाणा पंजाब और किसान मजदूर एकता के नारे लगाते हुए वीडियो भी शूट किया। साथ साथ सरकार को संदेश दिया की देश का हर नौजवान इस मुहिम में किसानों के साथ खड़ा है।

शरीर को गला देने वाली बर्फीली पहाड़ियों के बीच संदीप श्योराण और उनके साथ विर्क रुद्रपुर उत्तराखंड, गुरमीत सिंह पंजाब ओर कुछ एनआरआई और कुछ विदेशी दोस्तों के हौसला अफजाई के सहारे ये मुकाम हासिल किया। संदीप श्योराण ने कहा कि किसान आंदोलन में जो धरने पर हैं वे तो योद्धा हैं ही वहीं उतना ही योगदान उन लोगों का जो मदद कर रहे हैं।

करीब पांच दिन में वे इतनी ऊंचाई पर चढ़ सके हैं। बिना किसी सुरक्षा इक्‍यूपमेंट और विशेष कपड़ों के उन्‍होंने काफी कष्‍ट झेला है। उन्‍होंने कहा कि पहाड़ों पर चढ़ने वाले पर्वतारोही कई कई साल ट्रेनिंग लेते हैं। मगर हम किसान हैं और बिना किसी प्रशिक्षण के हम ऊपर चढ़ गए।

सांस लेने में हुई दिक्कत

संदीप श्योराण ने बताया कि चढ़ाई के दौरान वह साधारण कपड़ों में थे। चोटी पर ऑक्सीजन की कमी थी, इसलिए सांस लेने में परेशानी आ रही थी। चढ़ाई के दौरान बर्फीले  पहाड़ और कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा।

----इससे पहले भी क्षेत्र के एक युवा ने समुंदर की तलहटी में जाकर किसान यूनियन का झंडा फहरा कर वीडियो शूट किया था, बता दें कि सिंघानी गांव का लाल मुकेश श्योराण जो मर्चेंट नेवी में नौकरी करता है,  उन्होंने दुबई में जान कि परवाह न करते हुए किसान आंदोलन के समर्थन में समुंंद्र में करीब 350 फुट नीचे वीडियो शूट किया था और किसानों को अपना समर्थन दिया था।


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