कोरोना काल में रोहतक में किन्नरों की अनोखी पहल, विशेष मौकों पर गरीबों से नहीं लेंगे बधाई
किन्नर समाज के प्रधान बाबू किन्नर ने बताया कि यह बात सही है कि यह देश और दुनिया के लिए सबसे मुसीबत वाला दौर है। इन्होंने कहा कि इस समय हरियाणा और रोहतक में भी लोगों के बीच तनाव है। इसलिए इन्होंने बताया कि हम गरीबों को तंग नहीं करेंगे।
रोहतक [अरुण शर्मा] कोविड संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए किन्नर समाज ने भी सकारात्मक पहल शुरू की है। किन्नर समाज ने फैसला लिया है कि यह मुसीबत का दौर है। इसलिए जो गरीब हैं या फिर पैसे देने में सक्षम नहीं हैं उनसे नेग नहीं लेंगे। किन्नर समाज का कहना है कि नेग ही हमारी रोजी-रोटी है। दूसरी कोई आमदनी नहीं। इसलिए उद्यमी, बड़े व्यापारी या फिर अमीर लोगों से नेग लेंगे। लेकिन इस दौरान नेग के लिए जबरदस्ती नहीं करेंगे। जो भी खुशी-खुशी मिलेगा वह नेग लेंगे।
किन्नर समाज के प्रधान बाबू किन्नर ने बताया कि यह बात सही है कि यह देश और दुनिया के लिए सबसे मुसीबत वाला दौर है। इन्होंने कहा कि इस समय हरियाणा और रोहतक में भी लोगों के बीच तनाव है। इसलिए इन्होंने बताया कि हम गरीबों को तंग नहीं करेंगे। यह भी कहा कि अमीरों और गरीबों का फर्क पता है। रोहतक में ही जीवन बीत गया। जिनके पास कोठियां, बड़े घर, बड़े कारोबार हैं या फिर नेग देने में सक्षम हैं उन्हीं के यहां खुशी के मौके पर आएंगे। बेशक शादी समारोह हो या फिर घरों में बेटों का जन्म।
रेल गाड़ियों में भीख मांगने वाले किन्नर नहीं, सख्ती हो
इन्होंने कोविड आने से पहले रेल गाड़ियों में किन्नर बनकर भीख मांगने वालों को नकली बताया। प्रधान बाबू किन्नर ने बताया कि किन्नर भीख नहीं मांगते। दूसरों के जीवन में खुशियां आने की दुआ करते हैं। बदले में खुशी वाले घरों से नेग लेते हैं। मगर हरियाणा सहित पंजाब, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली आदि रूट पर चलने वाली रेल गाड़ियों में जो भी पहले लोगों से वसूली करते थे वह नकली किन्नर थे। किन्नर समाज को इससे बदनामी मिलती है। इन्होंने कहा कि किन्नर समाज अभद्रता भी नहीं करता।
आधार कार्ड से पहचान सकते हैं असली और नकली में फर्क
बाबू किन्नर ने कहा कि जो भी असली किन्नर होते हैं उनके आधार कार्ड पर लिखा होता है। यह भी दावा किया है कि रोहतक शहर में सिर्फ छह किन्नर हैं, दो की मौत हो गई। अब शेष चार ही किन्नर बचे हैं। इन्होंने बताया कि एक समूह मेरा है। जबकि दूसरा समूह उर्मिला किन्नर का है। इस हिसाब से रोहतक शहर में चार किन्नरों के दो समूह हैं। जबकि रोहतक शहर में ही 25-30 फर्जी किन्नर होने का दावा किया। रोहतक की तरह ही सांपला, कलानौर, महम आदि क्षेत्रों में भी नकली किन्नर होने की बात कही है। यह भी बताया कि हमारे पास ऐसी भी शिकायतें हैं, लोग किन्नरों का परिचय पत्र मांगते हैं तो नकली किन्नर लोगों के साथ अभद्रता कर देते हैं।
जबकि आधार कार्ड में नाम के नाम किन्नर लिखा होता है। साथ ही किसी परिवार के मुखिया जैसे पिता का नाम, पता तक दर्ज होता है। नकली किन्नरों के पास आधार कार्ड असली नहीं होता। इसलिए मौका पाते ही अभद्रता करते हैं। लोगों से जागरूक होने के साथ ही कहा कि असली और नकली किन्नर की पहचान आधार कार्ड से करें।