हिसार प्रशासन का अनूठा अभियान, महिलाएं व बच्चियां निशुल्क करा सकेंगी हीमोग्लोबिन की जांच
हीमोग्लोबिन को अक्सर महिलाएं नजरअंदाज कर देती हैं। उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी ने बताया कि महिलाओं को भी एक पुरुष के बराबर अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की जरूरत है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर इसकी जांच के लिए एक बड़ा प्लान तैयार किया है।
हिसार [वैभव शर्मा] परिवार का ख्याल रखने वाली महिलाएं अक्सर अपनी सेहत काे भूल जाती हैं। जिसके कारण रक्तजांच के दौरान अक्सर महिलाओं में हीमोग्लोबिन की कमी सबसे अधिक देखने को मिलती है। ऐसी महिलाओं के लिए हिसार डीसी डा. प्रियंका सोनी एक नई पहल शुरू करने जा रही हैं। प्रशासन महिलाओं में हीमोग्लोबिन की जांच बड़े स्तर पर कराने जा रहा है। प्रदेश में विशेषतौर पर महिलाओं के लिए इस स्तर पर चलाए जाने वाला यह पहला अभियान होगा जिसे वीमेन नो योर हीमोग्लोबिन नाम दिया गया है। इसमें स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल वैन शहर में में अलग-अलग स्थानों पर कैंप लगाएगी। जिन महिलाओं को हीमोग्लोबिन देखना है उनका परीक्षण किया जाएगा। इसके साथ ही महिलाओं को आयरन व अन्य प्रकार की दवाएं भी दी जाएंगी ताकि उनके रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़े।
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ऐसे इस पहल को लेकर आया विचार
हीमोग्लोबिन को अक्सर महिलाएं नजरअंदाज कर देती हैं। उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी ने बताया कि महिलाओं को भी एक पुरुष के बराबर अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की जरूरत है। अक्सर हम देखते थे कि महिलाओं या बालिकाओं के रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी रहती है। इस बात को लेकर विचार आया कि क्यों न बड़े स्तर पर महिलाओं के हीमोग्लोबिन की जांच की जाए। स्वास्थ्य विभाग के साथ विचार-विमर्श करने के बाद एक प्लान तैयार किया गया। हम इस अभियान में मोबाइल वैन को निश्शुल्क भेजेंगे। इस अभियान के बाद हमें यह भी पता चलेगा कि आखिर महिलाओं की सेहत कैसी है। इस अभियान की शुरुआत डीसी खुद मंगलवार को करेंगी। गौरतलब है कि महिलाओं के उत्थान को लेकर डीसी का यह दूसरा अभियान है। इससे पहले वह घरों में काम करने वाली महिलाअों को सबल बनाने का काम कर रही हैं।
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महिलाओं में हीमोग्लोबिन का स्तर
सामान्य तौर पर महिलाओं में 12 से 16 मिलीग्राम हीमोग्लोबिन होना चाहिए। इससे कम हीमोग्लोबिन होने पर शरीर में कई तरह की सेहत से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने पर महिलाओं को कमजोरी, चक्कर आना, सिरदर्द जैसी समस्याओं हो सकती है। मगर हीमोग्लोबिन की महत्ता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इसकी कमी के कारण गर्भवति महिलाओं में पीरियड के दौरान अधिक रक्तस्राव भी होता है।
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क्या होता हे हीमोग्लोबिन
हीमोग्लोबिन खून की कोशिकाओं में मौजूद आयरन या लौह युक्त प्रोटीन है, जो शरीर के अलग-अलग अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है। हीमोग्लोबिन फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर इसे खून के जरिए पूरे शरीर के तक पहुंचाता है। महिलाओं में हीमोग्लोबिन की कमी का सबसे बड़ा कारण उनकी डाइट है। हीमोग्लोबिन का ही असर है कि महिलाएं थकान महसूस करती हैं, उन्हें ब्लडप्रेशर जैसी परेशानी हो जाती है। कई बार महिलाएं इस बीमारी की वजह से डिप्रेशन में भी पहुंच जाती हैं।
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इस अभियान में हम महिलाअों को अहसास कराएंगे कि वह हमारे लिए कितना जरूरी हैं। हीमोग्लोबिन की जांच के साथ उन्हें जागरुक भी करेंगे कि वह कैसे हीमोग्लोबिन को ठीक स्तर पर ला सकती हैं।-----डा. प्रियंका सोनी, उपायुक्त