एक ने दहेज और दूसरे ने नशा के लिए पत्नी की कर दी हत्या, अब दोनों भोगेंगे सजा
अदालत ने पत्नी की हत्या करने वाले दो लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। एक ने दहेज की मांग पूरी न होने व दूसरे ने नशा के लिए पेसे न मिलने पर अपनी पत्नियों की हत्या कर दी।
जेएनएन, हिसार/ यमुनानगर। हरियाणा में दो व्यक्तियों काे उम्रकैद की सजा सुनाई है। एक दहेज के लालच में हैवान बन गया व पत्नी काे जिंदा जला दिया तो दूसरे ने नशा करने के लिए पैसे नहीं मिलने पर पत्नी की हत्या कर दी। दोनो पर जुर्माना भी किया गया है। एक मामला हिसार के सिसाय बोलान गांव का है और दूसरा मामला यमुनानगर के नगला जगीर गांव का है।
हिसार के सिसाय बोलान गांव में करीब डेढ़ साल पहले पत्नी को जलाकर मार डालने के मामले में अदालत ने भूपेंद्र को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उस पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी किया है। जुर्माना नहीं देने पर उसे दो माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
हिसार के एडीजे डा. पंकज की अदालत में चले अभियोग के अनुसार, गामड़ा निवासी जितेंद्र ने पुलिस को बताया था कि उसकी बहन मुकेश रानी की शादी वर्ष 2013 में सिसाय बोलान निवासी भूपेंद्र से हुई थी। शादी के बाद भूपेंद्र व ससुराल पक्ष के लोग उसकी बहन को दहेज के लिए तंग करने लगे। इस कारण वह कई बार अपनी बहन को ससुराल से ले आया था और बाद में पंचायत होने पर ससुराल पक्ष के लोग उसे वापस ले गए।
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31 जुलाई 2016 को परिजनों के पास फोन आया कि मुकेश की जलने से मौत हो गई है। जितेंद्र अपने परिजनों के साथ सिसाय बोलान पहुंचा। जितेंद्र ने भूपेंद्र पर मुकेश को जलाकर मारने का आरोप लगाया और पुलिस में मामला दर्ज कराया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में अब अदालत ने भूपेंद्र को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
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शराब के लिए 50 रुपये नहीं देने पर पत्नी काे मार डाला
उधर यमुनानगर में शराब के लिए 50 रुपये नहीं देने पर गला घोंट कर पत्नी की हत्या करने के दोषी को एडीजे पूनम सुनेजा की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। उस पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
अंबाला के महेशनगर निवासी गुरचरण सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि उसकी छोटी बहन कर्मजीत कौर की शादी वर्ष 2002 में नगला जगीर गांव के हरविंद्र सिंह के साथ हुई थी।
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शादी के बाद हरविंद्र शराब के नशे में उसकी बहन के साथ मारपीट करने लगा और कई बार बहन को घर से बाहर निकाल चुका था। 2 अप्रैल 2016 को आठ बजे उसके पास फोन आया कि उसकी बहन कर्मजीत कौर की मौत हो गई। उन्होंने कर्मजीत कौर के गले पर रस्सी के निशान देखे। छप्पर थाना पुलिस ने हत्या के आरोप में केस दर्ज किया। इसके बाद से केस अदालत में चल रहा था। अब अदालत ने हरविंद्र को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
बच्चों के उत्थान का केस भेजा सीजेएम के पास
न्यायाधीश पूनम सुनेजा ने बच्चों का केस सीजेएम व लीगल हेड के पास भेज दिया। लीगल हेड अब बच्चों की शिक्षा, परवरिश व उत्थान के बारे में विचार करेंगे। मां की हत्या और पिता के जेल जाने के बाद बच्चे अपनी बुजुर्ग दादी के पास रह रहे थे।