फतेहाबाद में कोरोना संकट के बीच मिले डेंगू के 2 केस, कर्मचारियों की कमी के कारण नहीं हुआ सर्वे
इस बार डेंगू से ज्यादा कोरोना अधिक प्रभावित कर रहा है। यहीं कारण है इस बार स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू के लिए सर्वे भी शुरू नहीं किया है। सर्वे करने के लिए कर्मचारियों की जरूरत होती है। लेकिन इस बार सभी कर्मचारी कोरोना मरीजों की देखभाल में लगे हुए है।
फतेहाबाद, जेएनएन। कोरोना संकट के बीच जिले में डेंगू के दो मरीज मिल चुके है। लेकिन इस बार डेंगू से ज्यादा कोरोना अधिक प्रभावित कर रहा है। यहीं कारण है कि इस बार स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू के लिए सर्वे भी शुरू नहीं किया है। सर्वे करने के लिए कर्मचारियों की जरूरत होती है। लेकिन इस बार सभी कर्मचारी कोरोना मरीजों की देखभाल में लगे हुए है। जिले में इस साल फरवरी महीने में डेंगू के दो मरीज मिले थे। जिले में लोग जागरूक होने के कारण डेंगू का प्रकोप भी कम हो रहा है। वर्ष 2017 में जिले में डेंगू के रिकॉर्ड 419 मामले मिले थे। लेकिन उसके बाद स्थिति जिले में संभल गई है।
हर साल स्वास्थ्य विभाग मार्च महीने में सर्वे के साथ फोगिंग शुरू करवा देता है। लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं है। बुखार आदि के मरीज मिलने के बाद अब हर कोई कोरोना पॉजिटिव हो रहा है। ऐसे में डेंगू की बीमारी पर अंकुश भी लग गया है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि डेंगू का मच्छर दिन में काटता है और साफ पानी में रहता है। इसलिए अपने आसपास साफ पानी इकट्ठा ना होने दे। पिछले साल जो सर्वे हुआ था फ्री की ट्रे में डेंगू का लारवा अधिक मिला था। इसलिए फ्री की ट्रे को लगातार साफ करते रहना चाहिए। अगर ऐसा करेंगे तो हमें इस डेंगू की बीमारी से मुक्ति पा सकते है। स्वास्थ्य विभाग की माने तो डेंगू बीमारी मई महीने तक रहती है। उसके बाद डेंगू होने की संभावना कम होती है।
अब जाने कैसे फैलता है डेंगू
डेंगू बुखार एडीज एजिप्टी मादा मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन में काटता है। डेंगू का मच्छर किसी भी जल इकट्ठा करने वाले बर्तन में पैदा हो सकता है। यह स्वच्छ जल में पनपता है। यह मच्छर कूलर, टंकी, गमला, टैंक, छतों पर पड़े टायर, फ्रीज के पीछे लगी ट्रे, गड्ढ़ों में ठहरे पानी व नालियों में जमा पानी में पैदा हो सकता है।
- तीव्र बुखार।
-सिर के अगले हिस्से में तेज दर्द।
-आंख के पिछले भाग में दर्द।
-मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द।
-भूख कम लगना।
-शरीर पर खसरे जैसे दानों का निकलना व लाल चकते बनना।
- उल्टी आना।
डेंगू का उपचार व बचाव:
डेंगू बुखार के लक्षण होने पर रोगी के रक्त की जांच इएलआइएसए टेस्ट करवाना चाहिए। रोगी को पेरासिटामोल की गोली देनी चाहिए। रोगी को पेय पदार्थ जैस दही, लस्सी, ताजा जूस, नारियल पानी देने चाहिए। चिकित्सक को अवश्य दिखाना चाहिए। डेंगू से बचाव के लिए स्वच्छता का विशेष महत्व है। घर के आस-पास पानी इकट्ठा ना होने दे। घर के अंदर पानी 7 दिन से अधिक किसी भी बर्तन में ना रखें। घरों में कूलर, टंकियों, घड़ों की सफाई सप्ताह में एक बार अवश्य करें। मच्छरदानी का प्रयोग करें, अपने शरीर को पूरी तरह ढककर रखें। जहां रूका पानी निकालना संभव ना हो वहां काला तेल अथवा टेमीफॉस दवा डालनी चाहिए।