जेल में बंदियों को पैरोल देने के लिए ई-पैरोल प्रोसेसिग सिस्टम का ट्रायल शुरू
डीसी ने कहा कि जिले से यह पायलट प्रोजेक्ट ट्रायल आधार पर शुरू किया जा रहा है। ऐसा प्रोजेक्ट उन्होंने जिला कैथल में उपायुक्त रहते हुए भी शुरू करवाया था जो सफलतापूर्वक कार्य कर रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत किसी भी कैदी की पैरोल के लिए आवेदन प्राप्त होने से लेकर पैरोल स्वीकृत या अस्वीकृत होने तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन की जाएगी। ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत सभी संबंधित अधिकारियों के डैशबोर्ड बनाए गए हैं।
जागरण संवाददाता, हिसार : जेल में बंदियों को पैरोल देने की प्रक्रिया को ऑनलाइन करने के लिए ई-पेरोल प्रोसेसिग सिस्टम डैशबोर्ड आरंभ किया गया है। फिलहाल बंदियों को पेरोल देने की प्रक्रिया का ऑनलाइन ट्रायल किया जाएगा। इस डैशबोर्ड से बंदियों के परिजनों को पैरोल के आवेदन के स्टेट्स की पल-पल की जानकारी हासिल होगी। पैरोल देने की प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी निर्धारित समय सीमा में अनुमति देने के लिए बाध्य होंगे। ई-पैरोल प्रोसेसिग सिस्टम के माध्यम से प्रक्रिया के प्रत्येक चरण की जानकारी संबंधित अधिकारियों के साथ-साथ आवेदक को भी मोबाइल फोन पर एसएमएस के माध्यम से प्राप्त होगी।
सोमवार को उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी ने लघु सचिवालय स्थित कांफ्रेंस हॉल में हिसार व हांसी के पुलिस अधीक्षकों व जेल अधीक्षकों सहित संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ ई-पैरोल प्रोसेसिग सिस्टम सॉफ्टवेयर पर चर्चा की। डीसी ने कहा कि जिले से यह पायलट प्रोजेक्ट ट्रायल आधार पर शुरू किया जा रहा है। ऐसा प्रोजेक्ट उन्होंने जिला कैथल में उपायुक्त रहते हुए भी शुरू करवाया था, जो सफलतापूर्वक कार्य कर रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत किसी भी कैदी की पैरोल के लिए आवेदन प्राप्त होने से लेकर पैरोल स्वीकृत या अस्वीकृत होने तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन की जाएगी। ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत सभी संबंधित अधिकारियों के डैशबोर्ड बनाए गए हैं। ऑनलाइन के अलावा ट्रायल के दौरान ऑफलाइन प्रक्रिया भी साथ जारी रहेगी। यह सॉफ्टवेयर एनआइसी द्वारा विकसित किया गया है।
एनआइसी के वरिष्ठ तकनीकी निदेशक एमपी कुलश्रेष्ठ ने ई-पैरोल प्रोसेसिग सिस्टम के संबंध में अधिकारियों को विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान करते हुए बताया कि अगले चरण में अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों को भी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर हिसार पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया, हांसी पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र, जेल अधीक्षक दीपक शर्मा, अतिरिक्त डीआइओ अखिलेश कुमार, सहायक जेल अधीक्षक प्रदीप कुमार सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे।
सॉफ्टवेयर से यह होगा फायदा
उपायुक्त ने बताया कि यह सॉफ्टवेयर पैरोल प्रक्रिया को आसान बनाने में मददगार साबित होगा। इस सॉफ्टवेयर में पैरोल से संबंधित कैदी की पूर्ण जानकारी होगी, जिसमें कैदी संख्या, नाम, पिता का नाम, पता, पूर्व में ली गई पैरोल, पैरोल के उपरांत सरेंडर आदि से संबंधित विस्तृत जानकारी दर्ज होगी।