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मनचलों की हरकतें देख महिला चालक ने ऑटोरिक्‍शा में ही लगवा लिया सीसीटीवी कैमरा

हिसार की पहली ऑटोरिक्‍शा महिला चालक ने ऑटोरिक्‍शा में सीसीटीवी कैमरा लगाया है। महिलाएं सेफ्टी से यात्रा कर सकें इसके लिए सुनीता ने इस काम को करना जरूरी समझा।

By manoj kumarEdited By: Published: Thu, 22 Nov 2018 07:08 PM (IST)Updated: Sat, 24 Nov 2018 06:54 PM (IST)
मनचलों की हरकतें देख महिला चालक ने ऑटोरिक्‍शा में ही लगवा लिया सीसीटीवी कैमरा
मनचलों की हरकतें देख महिला चालक ने ऑटोरिक्‍शा में ही लगवा लिया सीसीटीवी कैमरा

हिसार, जेएनएन। आप सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में है, ये लाइन आपको बहुत सी जगहों पर पढ़ने के लिए मिल जाएगी। लोग चोरी और अन्‍य तरह की घटनाओं से सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा अनेक जगहों पर लगवाते हैं। मगर मनचलों की हरकतों को देख हिसार शहर की पहली ऑटोरिक्‍शा महिला चालक सुनीता ने अपने ऑटोरिक्‍शा में ही सीसीटीवी कैमरा लगवा लिया। कारण खुद की सुरक्षा तो था ही मगर ऑटोरिक्‍शा में बैठने वाली महिला यात्रियों की सेफ्टी को सुनीता ने इस कदर जरूरी समझा कि उन्‍होंने ये काम किया। आर्थिक रूप से कमजोर महिला चालक के पास इसके लिए संसाधन नहीं जुटे मगर उनकी इस पहल को देख फूड एंड सप्‍लाई विभाग में सब इंस्‍पेक्‍टर बिरमा देवी ने फंड देने का फैसला किया।

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कैमरे के साथ में लगाई एलईडी

आजाद नगर निवासी सुनीता ने बताया कि उन्‍होंने ऑटोरिक्‍शा में केवल सीसीटीवी कैमरा ही नहीं बल्कि एक एलईडी भी लगवाई है। पीछे बैठने वाली सवारियां इसमें दिखती रहती हैं। दिन के वक्‍त हालांकि सवारियां ज्‍यादा रहती हैं मगर सुबह और शाम के वक्‍त महिलाओं की सुरक्षा के लिए ये पुख्‍ता इंतजाम है। ऑटोरिक्‍शा में अलग से लाइट भी लगवाई है ताकि अंधेरा न रहे। वहीं सीसीटीवी कैमरे के साथ लगे डीवीआर में करीब 15 दिनों की फुटेज सेव रह सकती है।

शहर में करीब 10 हजार ऑटोरिक्‍शा, दुष्‍कर्म की हो चुकी वारदात

गौरतलब है कि हिसार में करीब 10 हजार ऑटोरिक्‍शा हैं, मगर किसी में भ्‍ाी सीसीटीवी कैमरा नहीं है। सीसीटीवी कैमरे की पहल करने वाली सुनीता पहली शख्‍स हैं। जबकि ऑटोरिक्‍शा में आए दिन छेड़छाड़ व अन्‍य तरह की घटनाएं होती रहती हैं। हाल में ही एक ऑटाेरिक्‍शा में महिला के साथ दुष्‍कर्म भी कर दिया गया था। इसके बाद शहर में खूब बवाल हुआ था और देर शाम को भी महिलाएं ऑटोरिक्‍शा में बैठने से कतराने लगी थी।

महिला सशक्‍तीकरण की पहचान बनी सुनीता, हालात से लड़ी

सुनीता ने जब ऑटोरिक्‍शा चलाना शुरू किया तो प्रतिक्रिया सही से नहीं मिली। मगर सुनीता ने हार नहीं मानी अपनी खराब आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए वो ऑटोरिक्‍शा चला रही हैं। उनके इस जज्‍बे को देख उन्‍हें हिसार में कई बार समाजिक संस्‍था और जिला प्रशासन की ओर से  सम्‍मानित भी किया गया। सुनीता का कहना है कि उनकी दो बेटियां है और एक बेटा है उनका भविष्‍य बनाने के लिए वो ऑटोरिक्‍शा चलाती हैं औ उन्‍हें इस बात पर गर्व है।

रोहतक में पहले से महिला ऑटोरिक्‍शा चालकों की गुलाबी गैंग

हिसार में भले ही सुनीता पहली महिला ऑटोरिक्‍शा चालक हो, मगर रोहतक में कई महिला चालक हैं जो ऑटोरिक्‍शा चलाती हैं। गुलाबी रंग की ड्र्रेस और गुलाबी रंग के ऑटोरिक्‍शा चलाने वाली ये महिलाएं अपनी अलग पहचान बना चुकी हैं और इन्‍हें गुलाबी गैंग कहकर भी संबोधित किए जाने लगा है। ऐसे में महिलाएं बदलाव के दौर में तेजी से आगे आ रही हैं।


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