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सिरसा में बेटियों के सपनों को पूरा करने के लिए दिव्‍यांग होते हुए भी मां ने थामा ई रिक्शा का हैंडिल

हरियाणा के सिरसा में महिला को ई रिक्शा चलाते देख लोग अचरज भरी निगाह से भी देखते है। ई रिक्शा चालक महिला सविता यूं हादसे कारण लकवाग्रस्त है परंतु अपनी दो बेटियों व एक बेटे को पढ़ाने व आत्म सम्मान का जीवन जीने की ठानी।

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 28 Jun 2021 12:19 PM (IST)Updated: Mon, 28 Jun 2021 12:19 PM (IST)
सिरसा में बेटियों के सपनों को पूरा करने के लिए दिव्‍यांग होते हुए भी मां ने थामा ई रिक्शा का हैंडिल
सिरसा की इकलौती महिला जो ई रिक्शा चलाती है, सविता वर्मा हादसे के बाद पेरालाइज्ड हो गई थी

जागरण संवाददाता, सिरसा : शहर में इन दिनों एक महिला ई रिक्शा ड्राइव करते दिखाई दे जाती है। हिसार रोड क्षेत्र में बस स्टेंड के आसपास सवारियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाती है। महिला को ई रिक्शा चलाते देख लोग अचरज भरी निगाह से भी देखते है। ई रिक्शा चालक महिला सविता यूं हादसे कारण लकवाग्रस्त है परंतु अपनी दो बेटियों व एक बेटे को पढ़ाने व आत्म सम्मान का जीवन जीने के लिए उसने किसी के आगे हाथ पसारने के बजाय मेहनत करने की राह चुनी। सवित कहती है कि लाकडाउन के समय उसने परेशानियां झेलनी पड़ी परंतु अब वह इतना कमा लेती है कि अपने बच्चों का पालन पोषण कर सके।

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-फ्रैंडस कालोनी में किराए के मकान में रहने वाली सविता का कहना है कि करीब 20 साल पहले उसकी शादी हुई थी। उसके ससुरालजन मारपीट करते थे तो अपने बच्चों को लेकर वह बहादुरगढ़ चली गई। लाकडाउन में उसका गुजारा बंद हो गया तो वह अपने मायके सिरसा आ गई परंतु यहां भी परिवार वालों ने नहीं स्वीकारा। अपने बच्चों को पढ़ाने व सक्षम बनाने के लिए उसके पास मेहनत करने के सिवाय कोई चारा नहीं था तो उसने ई रिक्शा चलाना शुरू किया। सविता का कहना है कि ई रिक्शा चलाते समय सवारियां उसे हैरत भरी निगाह से देखती है। सवारियां मदद भी करना चाहती है परंतु वह टाल देती है। सविता ने बताया कि वह बहादुरगुढ़ में टिफिन बाती थी परंतु लाक डाउन के चलते वहां काम नहीं मिला। जिसके बाद वह सिरसा आ गई।

---भीख मांगने से अच्छा है कमा के खाती हूं

सवारियों के व्यवहार को लेकर सविता ने बताया कि लोग बहुत ही अजीब तरीके से देखते हैं कि एक औरत रिक्शा चला रही है। लेकिन मुझे फर्क नहीं पड़ता। क्योंकि मुझे मेरे बच्चों का भविष्य सुधारना है। सविता ने बताया कि भीख मांगने से तो अच्छा है जो मैं मेहनत करती हूं। सविता ने कहा कि दूसरे ई-रिक्शा चालक भी मेरा सहयोग करते हैं। मैं जहां कहीं से भी सवारी लूं तो कोई मुझे रोकता नहीं है। उसने बताया कि वर्ष 2017 में हुए सड़क हादसे में उसकी टांग पर चोट लग गई थी, जिस कारण उसका एक हिस्सा पेरालाइज्ड हो गया। उसने बताया कि उसकी दो बेटियां है जिनमें से एक ग्रेजुएट है जबकि एक नौंवी कक्षा में पढ़ती है। बेटा भी पढ़ाई कर रहा है।


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