सामूहिक दुष्कर्म मामला : तीन इनामी आरोपितों की तलाश में कई जगह छापेमारी, अभी नहीं हो पाई गिरफ्तारी
25 वर्षीय युवती से सामूहिक दुष्कर्म मामले में वैसे तो दो महिला वाॅलंटियर और किसान सोशल आर्मी के चार नेताओं के खिलाफ केस दर्ज है लेकिन इनमें से फिलहाल तीन की तलाश सरगर्मी से की जा रही है। इनकी गिरफ्तारी के लिए झज्जर पुलिस द्वारा इनाम घोषित किया गया है
बहादुरगढ़, जेएनएन। आंदोलन में बंगाल से आई 25 वर्षीय युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में वैसे तो दो महिला वाॅलंटियर और किसान सोशल आर्मी के चार नेताओं के खिलाफ केस दर्ज है, लेकिन इनमें से फिलहाल तीन की तलाश सरगर्मी से की जा रही है। इनकी गिरफ्तारी के लिए झज्जर पुलिस द्वारा इनाम घोषित किए जाने के बाद पुलिस की एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) ने कई जगहों पर दबिश दी है, मगर वे हाथ नहीं लगे। इन तीन में अनिल मलिक, अनूप चानौत और अंकुर सांगवान शामिल है।
हालांकि पीड़िता के पिता की ओर से अनिल मलिक और अनूप चानौत को ही आरोपित ठहराया गया था। मगर पिछले दिनों आरोपित अंकुर सांगवान की ओर से झज्जर की जिला एवं सत्र अदालत में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की गई थी, जो खारिज हो गई थी। उसके बाद से ही पुलिस ने अनिल व अनूप के साथ अंकुर की गिरफ्तारी के प्रयास भी तेज कर दिए हैं। मामला जब दर्ज हुआ उसके कुछ दिनों तक तो आरोपित अनूप चानौत की ओर से इंटरनेट मीडिया पर अपनी बात वायरल की गई और खुद को बेकसूर बताया था।
उसके स्वजनों ने टीकरी बॉर्डर पर पहुंचकर किसान नेताओं के साथ गोपनीय बैठक भी की थी, लेकिन उसके बाद से वह भूमिगत है। जबकि अनिल मलिक तो केस दर्ज होने से कई दिन पहले से ही यहां से गायब हो गया था। टीकरी बॉर्डर पर किसान सोशल आर्मी के नाम से बनाए गए तंबू में ये दोनाें आरोपित शुरू दिन से ही साथ थे। इसी तंबू में बंगाल की युवती के साथ गलत कृत्य का आरोप है।
इस तंबू को मई के पहले सप्ताह में तोड़ दिया गया था। एसआइटी में शामिल शहर थाना प्रभारी विजय कुमार ने बताया कि इस मामले में जिन लोगों का नाम सामने आ रहा है, उन सभी से पूछताछ की जा रही है। जब तक पूरी तरह मामला साफ नहीं हो जाता, तब तक किसी आरोपित को क्लीन चिट नहीं दी जा सकती।