सामूहिक दुष्कर्म मामला : पीड़िता को अस्पताल में दाखिल करवाने वाले कांग्रेस नेता से हुई पूछताछ
पश्चिम बंगाल से आंदोलन में आई 25 वर्षीय युवती के साथ टीकरी बॉर्डर पर सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में दर्ज मामले की जांच कर रही बहादुरगढ़ पुलिस की एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) ने बहादुरगढ़ के कांग्रेस नेता रदीप लडरावण से पूछताछ की है।
बहादुरगढ़, जेएनएन। पश्चिम बंगाल से आंदोलन में आई 25 वर्षीय युवती के साथ टीकरी बॉर्डर पर सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में दर्ज मामले की जांच कर रही बहादुरगढ़ पुलिस की एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) ने शुक्रवार को बहादुरगढ़ के कांग्रेस नेता प्रदीप लडरावण से पूछताछ की। पुलिस के मुताबिक पीड़िता को बहादुरगढ़ के लाइनपार एरिया में स्थित शिवम अस्पताल में दाखिल करवाया गया तब टीम दीपेंद्र के सदस्य प्रदीप लडरावण ने मदद की थी।
हालांकि उन्होंने पीड़िता के साथ हुई गलत कृत्य की घटना को लेकर अनभिज्ञता जताई है। उनका कहना है कि उन्होंने तो केवल पीड़िता को अस्पताल में दाखिल करवाने के लिए मदद की थी। उन्होंने पीड़िता की हालत देखकर उसका कोरोना का इलाज कराने पर ही ध्यान केंद्रित किया था। पीड़िता से वे परिचित भी नहीं थे। बाद में पीड़िता के पिता भी अस्पताल में आए।
इधर, पुलिस का कहना है कि अभी तक की पूछताछ में कई बातें तो निकलकर सामने आई हैं। एसआइटी में शामिल बहादुरगढ़ के शहर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर विजय कुमार ने बताया कि एक आरोपित की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है। बाकी किसी के द्वारा अर्जी लगाने की सूचना अभी पुलिस के पास नहीं आई है। जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा।
टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन में हिसार के वकील ने शुरू की 21 दिन की तपस्या
कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के बीच हिसार के मिर्चपुर के वकील सुनील ने टीकरी तपस्या शुरू की है। जेठ माह में अधिवक्ता सुनील बहादुरगढ़ के बाइपास पर नए बस स्टैंड के पास चारों तरफ धूनी जलाकर 21 दिनों तक तपस्या करेंगे। भरी दोपहर में 12 से एक बजे के बीच होने वाली यह तपस्या शुक्रवार से शुरू हो गई। अधिवक्ता के भाई बब्लू मिर्चपुर काफी दिनों से आंदोलन में सक्रिय हैं। उन्होंने फेसबुक के जरिये अपने भाई की इस तपस्या की जानकारी साझा की और कहा कि उनका पूरा परिवार इस आंदोलन में समर्पित हैं। यह कुर्बानी भी अगर कम लगती है तो बताओ, उनका भाई वकील है और लड़ाई के लिए भी तैयार रहेंगे। उनके भाई चारों तरफ धूनी जलाकर तप करेंगे। जो उनके भाई ने किया, वे भी नहीं कर सकते थे। अगर किसी को यह पाखंड लगता हो तो इस सवाल का जवाब दे कि हम छह महीने से यहां पर शांतिपूर्वक बैठे हैं, वह भी पाखंड हाेगा। इस बीच टीकरी बॉर्डर के मंच से हर्ष छिकारा ने कहा कि सभी आंदोलनकारी बब्लू के माता-पिता के शुक्रगुजार हैं, जिन्होंने अपना बेटा तप के लिए भेजा है।