हिसार में भी टिड्डी दल ने दी दस्तक, भिवानी में टिड्डियों के असंख्य बच्चे कभी भी भर सकते हैं उड़ान
हिसार में भी टिड्डी दल ने दस्तक दे दी। राजस्थान बार्डर से हिसार की सीमावर्ती गांव गावड़ गोरछी बासड़ा में टिड्डी दल ने हमला बोला है। भिवानी में टिड्डियों के असंख्य बच्चे हो गए
हिसार/ढिगावा मंडी [मदन श्योराण] अब हिसार में भी टिड्डी दल ने दस्तक दे दी है। राजस्थान बार्डर से हिसार की सीमावर्ती गांव गावड़, गोरछी, बासड़ा में टिड्डी दल ने हमला बोला है। हवा के रुख के साथ ये टिड्डी आगे बढ़ रही हैं। राजस्थान की सीमा से सटे जिला के कुछ गांवों में टिड्डी दल के आने की सूचनाओं को लेकर डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा ने मंगलवार को क्षेत्र के कई गांवों का दौरा किया और किसानों से बातचीत कर सारी स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने बासड़ा, गोरछी, चौधरीवास आदि गांवों का दौरा कर वहां आई टिड्डी की स्थिति को बारीकी से देखा एवं किसानों के खेतों पर जाकर उनकी फसलों का जायजा लिया। उन्होंने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक विनोद फोगाट से बात की और टिड्डी नियंत्रण दल के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जहां पर रात में टिड्डी दल का पड़ाव होता है उस स्थिति पर पूरी तरह नजर रखते हुए स्तिथि पर नियंत्रण करें।
सिरसा में भी मंगलवार को टिड्डियों ने हमला बोला है। इसके अलावा भिवानी जिले के ढिगावा मंडी क्षेत्र के निकटवर्ती गांव बिठण, चैहड़, नकीपुर, अमीरवास और बुढेड़ा गांव में 2 सप्ताह पहले एक बड़े टिड्डी दल ने पड़ाव डाल था टिड्डी दल ने 3 दिन के पड़ाव के दौरान करीब क्षेत्र के 800 से 1000 एकड़ में मादा टिड्डी ने जमीन के अंदर अंडे छोड़ दिए थे, करीब 2 सप्ताह बाद जमीन से टिड्डी के बच्चे यानि की फाका बाहर निकलने शुरू हो गए है, अब पिछले 3 दिन से लगातार लाखों की संख्या में टिड्डी के बच्चे फाका जमीन से बाहर निकल रहे है और बाजरा, ग्वार , कपास, मूंग, पशु चारा आदि फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
क्षेत्र के किसानों का कहना है कि समय रहते मिट्टी के बच्चों पर काबू नहीं पाया गया तो अगले 24 से 30 घंटों के दौरान टिड्डी के बच्चे फाका जो कि अब धीरे-धीरे उड़ान भरने शुरू हो गए हैं वह बच्चे एक दो दिन मे टिड्डी दल बनाकर क्षेत्र के अन्य स्थानों पर उड़ान भर सकता है। दूसरी और कृषि अधिकारियों का कहना है कि वह टिड्डी के बच्चों फाका पर नियंत्रण कर रहे हैं कृषि अधिकारियों ने दावा किया है कि 70 से 80 प्रतिशत फाका पर नियंत्रण कर लिया गया है, कृषि विभाग की टीम फाका की तलाशी अभियान में जुटी हुई है, दिखाई देते ही फाका को नष्ट किया जा रहा है।
दूसरी तरफ किसानों का कहना है कि अधिकारी और सरकार वाहवाही लूट रही है धरातल पर कुछ नहीं हो रहा जो भी टिड्डी के बच्चे फाका को मारा गया है या मरा जा रहा है वह किसान अपने आप कर रहे हैं। इसमें सरकार और कृषि अधिकारियों का कोई लेना देना नहीं बताया जा रहा है। कृषि उपनिदेशक डॉ प्रताप सिंह सब्बरवाल ने बताया कि फागिंग मशीन जो आई थी वो फागिंग मशीन मेक इन इंडिया थी, वह मशीन ट्रायल के लिए लाई गई थी। मशीन हमारे यहां कामयाब नहीं हुई उसमें कई प्रकार की खामियां नजर आ रही थी जैसे कि पेड़ पौधों के लिए लिफ्ट सिस्टम का प्रयोग करना, दवाई का टैंक बड़ा करना, प्रेशर पंप को बड़ा करना आदि अनेक प्रकार की इंप्रूवमेंट के लिए कहा है मशीन वापिस पंचकूला जा चुकी है अब कृषि अधिकारी किसानों के साथ मिलकर ट्रैक्टरो के सहरे कीटनाशक दवा का छिड़काव कर रहे है। किसानों से अपील है कि कहीं भी टिड्डी के बच्चे फाका दिखाई दे तो तुरंत कृषि अधिकारियों से संपर्क कर उन्हें नष्ट करे।
दूसरी ओर कांग्रेस नेता पूर्व विधायक चौधरी सोमवीर सिंह ने कहा कि सरकार किसान हितेषी होने का ढिंढोरा पीट रही है, किसान खुशहाल का नारा लगाया जा रहा है लेकिन सच्चाई बिल्कुल विपरीत है किसान डरा हुआ है किसान को आर्थिक और मानसिक नुकसान हो रहा है। किसानों की नींद भी हराम हो गई है, किसान का परिवार पूरा खेतों में अपनी फसल की रखवाली में लगा हुआ है। किसान अपने लेवल पर टिड्डी के बच्चे फाका को नष्ट करने में लगा हुआ है।
दूसरी तरफ कृषि अधिकारी चंद्रभान श्योराण का कहना है की पिछले 4 दिन में कृषि अधिकारियों ने किसानों के सहयोग से कीटनाशक दवाई का छिड़काव किया जा रहा है। कृषि अधिकारियों की टीम टिड्डी के बच्चों को नष्ट करने के काम में लगी हुई है।