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खुद को बताया बैंक कर्मचारी, दो महिलाओं समेत तीन लोगों के खातों से ठगे लाखों रुपये

रोहतक पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि उसने अपना कुछ सामान बेचने के लिए ओएलएक्स पर डाला था। कुछ देर बाद उसकेे मोबाइल पर अज्ञात नंबर से काल आई। फोन करने वाले ने खुद का नाम सूरज कुमार बताया और कहा कि वह सामान खरीद लेगा।

By Naveen DalalEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 05:47 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 05:47 PM (IST)
खुद को बताया बैंक कर्मचारी, दो महिलाओं समेत तीन लोगों के खातों से ठगे लाखों रुपये
रोहतक में साइबर ठगों से दहशत में लोग।

रोहतक, जागरण संवाददाता। रोहतक में आनलाइन धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ठगों ने दो महिलाओं समेत तीन लोगों को अपना शिकार बनाया है। जिनके खाते से मोटी रकम निकाल ली गई। पुलिस को दी गई शिकायत में खरावड़ गांव निवासी स्वर्ण सिंह ने बताया कि उसकी शुभम सर्वेयर के नाम से फर्म है। जिसका खाता बैंक आफ बड़ौदा में है। उसके मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से मैसेज आया। जिसमें लिखा कि आपके डाक्यूमेंट पेंडिंग है। डाक्यूमेंट जमा नहीं करने पर सिम ब्लाक कर दिया जाएगा। इसके बाद मोबाइल पर एनी डेस्क एप्लीकेशन डाउनलोड कराई गई थी। थोड़ी ही दूर बाद खाते से 69 हजार रुपये निकाल लिए गए। तब जाकर पीड़ित को ठगी का पता चला। आइएमटी थाना पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। 

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कहीं सिम बंद होने का डर तो कहीं बैंक कर्मचारी बताकर ठगा 

उधर, बालंद गांव निवासी नवीन कुमारी ने शिवाजी कालोनी थाने में शिकायत दर्ज कराई है। इसमें बताया कि 16 जनवरी को उसके पास अज्ञात नंबर से काल आई। फोन करने वाले ने खुद को बैंक कर्मचारी बताया और खाता नंबर व कार्ड की जानकारी ले ली। इसके बाद 17 जनवरी को खाते से 31400 और 50 हजार रुपये कटने का मैसेज आया। वहीं आदर्श नगर की रहने वाली चाहत खट्टर के साथ भी ठगी का मामला आया है।

पुलिस शिकायत के अनुसार

पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि उसने अपना कुछ सामान बेचने के लिए ओएलएक्स पर डाला था। कुछ देर बाद उसकेे मोबाइल पर अज्ञात नंबर से काल आई। फोन करने वाले ने खुद का नाम सूरज कुमार बताया और कहा कि वह सामान खरीद लेगा। आरोपित ने एक क्यू आर कोड भेजा, जिसे स्कैन करते ही खाते से 20 हजार रुपये निकाल लिए गए। पीजीआइएमएस थाना पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। गौरतलब है कि जिले में साइबर ठगी के मामले रोजाना सामने आ रहे हैं। थानों में रोजाना कम से कम तीन से चार केस दर्ज कराए जा रहे हैं। 


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