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भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बने एक ही जिले के तीन युवा, आप भी बनना चाहते हैं तो करें ये काम

सेना में जाकर देश की सेवा करने का जज्बा रोहतक के युवाओं में कूट कूट कर भरा है। इसी का परिणाम है कि रोहतक के तीन युवाओं ने सेना में लेफ्टिनेंट बनकर प्रदेश व जिला का नाम रोशन किया है

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 10 Sep 2019 09:39 AM (IST)Updated: Tue, 10 Sep 2019 09:39 AM (IST)
भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बने एक ही जिले के तीन युवा, आप भी बनना चाहते हैं तो करें ये काम
भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बने एक ही जिले के तीन युवा, आप भी बनना चाहते हैं तो करें ये काम

रोहतक, जेएनएन। सेना में जाकर देश की सेवा करने का जज्बा रोहतक के युवाओं में कूट कूट कर भरा है। इसी का परिणाम है कि रोहतक के तीन युवाओं ने सेना में लेफ्टिनेंट बनकर प्रदेश व जिला का नाम रोशन किया है। सीडीएस परीक्षा पास कर सभी ने ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी चेन्नई से एक साल की ट्रेनिंग पूरी की। इनकी पिछले दिनों पासिंग आउट परेड पूरी हुई। इसमें उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। जिले में एक साथ तीन युवाओं की यह उपलब्धि अन्य युवाओं के लिए भी प्रेरणादायी होगी। टिटौली गांव निवासी सुशांत शर्मा, सेक्टर-2 निवासी मनदीप और गढ़ी बोहर गांव निवासी दीपेंद्र नांदल भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बने हैं। उनकी इस उपलब्धि से परिजनों में खुशी की लहर है।

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परिजनों से मिली प्रेरणा
टिटौली गांव निवासी सुशांत शर्मा के बड़े भाई नरेंद्र शर्मा ने बताया कि सुशांत ने प्रारंभिक पढ़ाई गांव में ही की। उनके पिता मोहन लाल भी सेना में कर्नल पद से सेवानिवृत्त हैं और ताऊ श्रीभगवान भी सेना में हैं। उनका संयुक्त परिवार है। सुशांत को परिवार से ही सेना में जाने की प्रेरणा मिली। उसने कंप्यूटर साइंस से बीटेक किया है।

बेटे ने पूरा किया पिता का सपना
सेक्टर-2 निवासी लेफ्टिनेंट मनदीप के पिता राकेश ने बताया कि उनके पिता नेवी से सेवानिवृत्त हैं और वे खुद मर्चेंट नेवी में हैं। मनदीप को परिवार से ही सेना में जाने की प्रेरणा मिली। मूलरूप से जिले के खरैंटी गांव निवासी राकेश ने बताया कि वे खुद सेना में अफसर बनना चाहते थे, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। अब बेटा लेफ्टिनेंट बना तो उनकी इच्छा पूरी हुई है।

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ग्रामीणों ने किया स्वागत
गांव गढ़ी बोहर के दीपेंद्र नांदल भी सेना में लेफ्टिनेंट बने हैं। सेना में कमीशन लेकर गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने फूल मालाओं से उनका जोरदार स्वागत किया। उन्होंने डीएवी स्कूल रोहतक से 12वीं और दिल्ली डीएवी कालेज से बीएससी की पढ़ाई की है। इसके बाद देशसेवा करने की ठानी। कड़ी मेहनत से तैयारी के साथ सीडीएस परीक्षा पास की और सेना में कमीशन लेकर अपना व परिवार का सपना पूरा किया।

इस तरह से होता है चयन
सेना की तीनों विंग आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में ऑफिसर बनने के लिए एनडीए का एग्जाम देना होता है। एनडीए का एग्जाम यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) साल में दो बार आयोजित कराती है। इस परीक्षा में बैठने के लिए कैंडिडेट का अविवाहित होना जरूरी है।

एनडीए में जाने के लिए आपको एनडीए एग्‍जाम क्रैक करना होगा। एनडीए की आर्मी विंग को छोड़कर नेवल और एयरफोर्स विंग के लिए 12वीं में गणित होनी जरूरी है। इस एग्‍जाम को क्‍वालिफाई करने के लिए मैथ्‍स का अच्‍छा होना जरूरी है। एनडीए के लिखित परीक्षा में दो पेपर आते हैं, जिनमें मैथ्‍स और जनरल एबिलिटी टेस्‍ट शामिल है। इन दोनों ही पेपरों में ऑब्‍जेक्टिव क्‍वेशचन पूछे जाते हैं। मैथ्‍स का पेपर 300 अंकों का जबकि जनरल एबलिटी टेस्‍ट पेपर 600 अंकों का होता है। यानी कि कुल 900 अंकों का रिटेन टेस्‍ट होता है।

जनरल एबिलिटी टेस्‍ट के दो भाग होते हैं। इंग्लिश और जनरल नॉलेज. पीसीएम स्‍टूडेंट्स को मैथ्‍स में तो ज्‍यादा दिक्‍कत नहीं आती है, लेकिन वे भूगोल, इतिहास, अर्थशास्‍त्र और अंग्रेजी को तवज्‍जो नहीं देते हैं और यहीं पर मात खा जाते हैं। आप रोज अखबार पढ़ें ताकि जनरल नॉलेज में आपकी पकड़ बनी रहे। अंग्रेजी के 200 अंक होते हैं. रोजाना की तैयारी से आपको इस सेक्‍शन में परेशानी नहीं आएगी। इंग्लिश यूसेज, सब्‍जेक्‍ट-वर्ब रिलेशनशिप, टेंस, प्रिपोजिशन और ग्रामिटिकल एरर पर खास मेहनत करनी होगी। परीक्षा पास करने के बाद फिजिकल और मेडिकल टेस्‍ट होता है। इसमें चयन के बाद लेफ्टिनेंट को ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है। तो ऐसे में आप भी सही से पढ़ाई कर और शारीरिक मेहनत कर ये मुकाम हासिल कर सकते हैं।


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