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निजी में जहां खर्च होते हजारों रुपये, हिसार सिविल अस्पताल में प्री-मेच्योर बच्‍चों को मिलेगा वो निशुल्‍क इलाज

प्री मेच्‍योर बच्चों के उपचार के लिए सिविल अस्पताल के नीकू वार्ड में इनक्यूबेटर मशीन की सुविधा शुरू की गई है। हाल में ही 700 ग्राम वजन वाले बच्चे का सफलतापूर्वक इलाज किया गया है। इनक्यूबेटर के जरिये डेढ़ किलोग्राम वाले कम वजन के बच्चों का इलाज किया जा सकेगा।

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 18 Dec 2020 04:46 PM (IST)Updated: Fri, 18 Dec 2020 04:46 PM (IST)
निजी में जहां खर्च होते हजारों रुपये, हिसार सिविल अस्पताल में प्री-मेच्योर बच्‍चों को मिलेगा वो निशुल्‍क इलाज
हिसार सिविल अस्पताल के नीकू वार्ड में इनक्यूबेटर मशीन की सुविधा शुरू की गई है।

हिसार, जेएनएन। सिविल अस्पताल के नीकू वार्ड में अब प्री-मेच्योर डिलिवरी में जन्म लेने वाले बच्चों का भी निजी अस्पतालों की तर्ज पर उपचार होगा। सातवें व आठवें महीने में जन्म लेने व कम वजन वाले बच्चों के उपचार के लिए सिविल अस्पताल के नीकू वार्ड में इनक्यूबेटर मशीन की सुविधा शुरू की गई है। इससे हाल में ही एक 700 ग्राम वजन वाले बच्चे का सफलतापूर्वक इलाज किया गया है। इनक्यूबेटर के जरिये डेढ़ किलोग्राम वाले कम वजन के बच्चों का इलाज किया जा सकेगा। गौरतलब है कि निजी अस्पतालों में इनक्यूबेटर में इलाज के लिए प्रतिदिन 2 से 4 हजार रुपये लिए जाते हैं, लेकिन सिविल अस्पताल में यह सुविधा निश्शुल्क मिलेगी।

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शिशु के तापमान को नियंत्रित रखता है इनक्यूबेटर

इनक्यूबेटर में 37 डिग्री सेल्सियस तापमान को बनाए रखने के लिए नवजात शिशुओं का रखा जाता है। यह उपकरण शिशु के शरीर के तापमान को नियंत्रित करने का काम करता है। इससे गर्म हवा का संचार होता है, जिससे गर्मी बच्चे के शरीर में अवशोषित हो जाती है।

गौरतलब है कि 9 महीने से पहले पैदा होने वाले शिशुओं को प्री-टर्म बेबी कहा जाता है। इसलिए उनके शरीर में शक्ति कम होती है। जिसके कारण वे जल्द बीमार पड़ सकते है। उनके शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए इनक्यूबेटर की आवश्यकता होती है। वहीं इससे उन्हें लोगों के संपर्क में आने से बचाया जाता है, ताकि वे कोरोना सहित अन्य किसी भी बीमारी की चपेट में न आएं। बच्चों को चम्मच से दूध पिलाने के लिए भी इनक्यूबेटर में अलग से जगह दी गई है। वहीं बच्चे की धड़कन आदि भी मशीन के जरिये पता लगती रहती है।

इधर शहर में ई-संजीवन पोर्टल शुरू, लोग देशभर के विशेषज्ञ डाक्टरों से ऑनलाइन ले सकते परामर्श

जिलावासी अब देश के दक्षिणी राज्यों की तरह ई-संजीवनी पोर्टल पर ऑनलाइन ओपीडी में डाक्टरों से परामर्श ले पाएंगे। यहीं नहीं डाक्टरों द्वारा उन्हें बताई गई बीमारी के लिए बाकायदा ऑनलाइन दवाएं लिखकर दी जाएंगी। जिसे वे किसी भी मेडिकल स्टोर से खरीद कर अपना उपचार कर सकते है। ई-संजीवन पेार्टल को सरकार द्वारा शुरू किया गया था। अब इसकी सुविधा प्रदेश में भी शुरू की जा रही है। ई-संजीवन पोर्टल पर जिले के डाक्टरों का भी पैनल बनाया जा रहा है। इसके लिए सिविल अस्पताल में बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अलग-अलग बीमारियों के डाक्टरों को ट्रेङ्क्षनग दी गई है। इसमें उन्हें पोर्टल के बारे में बताया गया है।

ऐसे ले सकते हैं उपचार

इलाज के लिए आम नागरिक गूगल पर ई-संजीवनी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन में नाम, मोबाइल नंबर, शहर व राज्य के नाम के साथ पिनकोड डालना होता है। एक टोकन नंबर जारी होता है। रजिस्ट्रेशन के बाद पोर्टल पर टोकन नंबर व मोबाइल नंबर डालकर लॉगिन करना होता है। इसके बाद पोर्टल पर ऑनलाइन डाक्टर को कॉल के विकल्प पर क्लिक करना होता है। फिर आप डाक्टर से मैसेज करके घर बैठे अपनी बीमारी के बारे में बता सकते हैं। इसमें ङ्क्षहदी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं का विकल्प है। डाक्टरों द्वारा पांच मिनट में ही आपको बीमारी से संबंधित दवा व जरूरी एहतियात लिखकर ऑनलाइन आइडी पर भेज दी जाती है।

--इनक्यूबेटर के जरिये सिविल अस्पताल के नीकू वार्ड में कम वजन वाले नवजात बच्चों का निश्शुल्क इलाज किया जा सकेगा। इससे बच्चों को संक्रमण से भी बचाया जा सकता है।

- डा. भूमिका, चाइल्ड स्पेशलिस्ट, सिविल अस्पताल, हिसार।


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