एसएलसी के फरमान को वापस नहीं लिया तो प्रदेश के हजारों निजी स्कूल करेंगे आंदोलन
जागरण संवाददाता हिसार हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने बिना एसएलसी के सरकारी स्कूलों मे
जागरण संवाददाता, हिसार : हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने बिना एसएलसी के सरकारी स्कूलों में दाखिला देने का फरमान जारी करने के निर्देशों को असंवैधानिक, गैरकानूनी व आधारहीन करार दिया है। इसके विरोध में प्रदेश भर में कई बैठकों के दौरान प्राइवेट स्कूलों के प्रतिनिधियों ने एकमत होकर निर्णय लिया कि सभी प्राइवेट स्कूल 25 जून तक जिला स्तर पर व सभी ब्लॉक लेवल पर खंड शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, उपमंडल अधिकारी, उपायुक्त, एमएलए और सभी सांसदों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे। इसी कड़ी में हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, भूतपूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा, मंत्री अनूप धानक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला, पूर्व शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा, जजपा प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह, बरवाला के विधायक जोगीराम सिहाग, टोहाना के विधायक देवेंद्र बबली, हांसी के विधायक विनोद भयाना, करनाल के एमपी संजय भाटिया, भाजपा संगठन मंत्री सुरेश भट्ठ, घरौंडा के विधायक हरविदर कल्याण और हरियाणा में कई जिलों के शिक्षा और प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा जा चुका है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने कहा कि सरकार के इस आदेश के बाद प्रदेश के हजारों स्कूलों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले कहा था कि अप्रैल-मई और जून की फीस कोरोना काल के बाद लेनी है और अब सरकार ने यह आदेश कि यदि प्राइवेट स्कूल एसएलसी नहीं देंगे तो 15 दिन के बाद खुद ही एसएलसी जारी मान लिया जाएगा और सरकारी स्कूल में बच्चे का एडमिशन हो जाएगा। इससे स्कूलों को पिछले तीन महीनों की फीस के साथ-साथ पिछले साल का बकाया भी नहीं मिल पाएगा और प्राइवेट स्कूलों की व्यवस्था चलानी बहुत मुश्किल हो जाएगी।