ऑनलाइन गेम खेलने वाले साइबर क्राइम से बचें
ऑनलाइन गेम खेलने से किशोरों पर सामाजिक शैक्षिक नैतिक और मनोवैज्ञानिक रूप से प्रभाव पड़ता है। इस समस्या में कई हितधारक शामिल हैं। वे मुख्य रूप से किशोर माता-पिता दोस्त पुलिसकर्मी और खेल कंपनी हैं।
जागरण संवाददाता, हिसार : ऑनलाइन गेम खेलने से किशोरों पर सामाजिक, शैक्षिक, नैतिक और मनोवैज्ञानिक रूप से प्रभाव पड़ता है। इस समस्या में कई हितधारक शामिल हैं। वे मुख्य रूप से किशोर, माता-पिता, दोस्त, पुलिसकर्मी और खेल कंपनी हैं। टीम गेमिग को बढ़ावा देने और कौशल को विकसित करने के अलावा ऑनलाइन गेमिग दुनिया को एक आभासी खेल के रूप में ऑनलाइन लॉग इन कर सकते हैं। एक हैंडसेट वेबकॉम डाल सकते हैं और दुनिया भर के किसी भी अपराधियों के साथ खेल सकते हैं। यह बातें एसपी बलवान सिंह राणा ने ऑनलाइन गेम खेलने वालों को जालसाजों द्वारा किए जाने वाले साइबर क्राइम से बचने के लिए सचेत करते हुए कही। यह सावधानी बरतें
मालवेयर और अन्य खतरों से बचाने के लिए अपने उपकरणों को अपडेट रखें
लॉगइन करने के लिए मजबूत पासवर्ड रखें, जिसमें कम से कम 12 अक्षर होने चाहिए, जिनमें अल्फाबेटिक के साथ न्यूमेरिकल तथा स्पेशल कैरेक्टर का प्रयोग करें। जिनका अनुमान लगाना कठिन है
अपने वास्तविक नाम, स्थान, लिग, आयु या किसी अन्य व्यक्तिगत जानकारी को कभी भी प्रकट न करें
केवल मनोरंजन और मनोरंजन के लिए उम्र, ज्ञान और शैक्षिक योग्यता के आधार पर खेल खेलें
खेलते समय साइबर खतरों से सावधान रहें
बच्चे खेलना शुरू करने से पहले अपने बड़े से सलाह लें
ऑनलाइन गेम के बारे में जोखिम को जानें और अच्छे निर्णय का अभ्यास करें और माता-पिता या बड़ों से सलाह लें
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ऐसा कभी ना करें अज्ञात लिक पर जाकर गेम को डाउनलोड न करें
ऑनलाइन गेम खेलते समय किसी अजनबी खेलने वाले से न मिले
यदि कोई अजनबी खेलते समय असहज कर रहा है तो उसे प्रतिक्रिया न दें
खेलते समय साथी सदस्यों को ऐसी सामग्री न भेजें, जिसमें व्यक्तिगत जानकारी या कोई डेटा हो।